गोरखपुर (ब्यूरो)।तौसीफ पर 50 हजार रुपए का इनाम था। अभी हाल ही में तौसीफ ने रील बनाई थी, जिसमे वो डायलॉग बोल रहा है कि डॉन को पकडऩा नामुमकिन है। पुलिस ने अरेस्ट कर उसके होश ठिकाने लगा दिए।

पुलिस पर कर चुका है हमला

तौसीफ इतना शातिर है कि पशु तस्करी करते वक्त अगर पुलिस उसके सामने आ जाए तो वह हिंसक हो जाता है। कभी गाड़ी चढ़ाकर तो कभी पत्थर चलाकर या फिर कभी तो वह पुलिस पर गोली भी चला देता है। तौसीफ गोरखपुर पुलिस के अब तक एक दर्जन जवानों पर हमला को उन्हें घायल कर चुका है।

रील बनाने का शौकीन था तस्कर

यह तस्कर खुद को डॉन समझता है और डॉन फिल्मों जैसी रील भी बनाता है। अभी हाल ही में उसने एक रील बनाई है, जिसमें उसने अपनी फोटो पर डॉन फिल्म का डॉयलाग सेट किया है कि डॉन का इंतजार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है, लेकिन डॉन को पकडऩा मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है, लेकिन वह गोरखपुर पुलिस के ही हत्थे चढ़ गया।

तौसीफ पर दर्ज हैं 13 मुकदमे

इंस्पेक्टर एसटीएफ सत्यप्रकाश सिंह ने बताया, पकड़ा गया तस्कर तौसीफ आलम कुशीनगर जिले के सेमरा हरदो कठकुईयां का रहने वाला है। गोरखपुर के रामगढ़ताल, कैंट, चिलुआताल और चौरीचौरा थानों में उसके खिलाफ 13 मुकदमे हैं। एसटीएफ को उसकी काफी दिनों से तलाश थी। इस बीच मंगलवार को मुखबिर से सूचना मिली कि तौसीफ गोरखपुर के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में है।

तरंग क्रॉसिंग पर हुई गिरफ्तारी

इस सूचना पर एसटीएफ टीम उसके शहर में दाखिल होते ही उसे फॉलो करने लगी। कोतवाली इलाके के तरंग रेलवे क्रॉसिंग के पास टीम ने उसे पकडऩे के लिए घेराबंदी कर दी। तौसीफ के तरंग क्रॉसिंग पहुंचते ही टीम के जवानों ने उसे घेरकर दबोच लिया।

शहर भर से चोरी करते जानवर

उसके पास से मिले डॉक्यूमेंट्स और पूछताछ के आधार पर उसकी पहचान तौसीफ आलम के रूप में हुई। उसने टीम को बताया, वे अपने साथियों संग मिलकर बीते कई साल से पशु तस्करी के धंधे में शामिल है। गैंग संग वे रोजाना शाम में गोरखपुर आता है और फिर यहां चिलुआताल, गुलरिहा, शाहपुर, कैंट, खोराबार, रामगढ़ताल, तिवारीपुर, पिपराइच और राजघाट इलाके में पशु की चोरी करता है।

ऐसी गाडिय़ों से तस्करी जो पंचर नहीं होती

तस्कर ने बताया, वे जिस पिकअप या मैजिक गाडिय़ों से पशुओं की तस्करी करता है, वे गाडिय़ां काफी मेंटेन होती हैं। ताकि, भागते वक्त रास्ते में कहीं धोखा न दें। इतना ही नहीं यह गैंग अपन गाडिय़ों में स्टिल बड्र्स जैसी ब्रांडेस कंपनियों के टॉयर लगाता है। ताकि अगर पुलिस ने भागते वक्त पहिए पर गोल भी मार दी तो गाड़ी पंचर नहीं होगी।