25 वर्ष से चालक

तुर्रा बाजार के भगवानपुर में रहने वाले 55 वर्षीय मुस्तफा उर्फ मूर्तजा पिछले 25 वर्ष से केसरवानी परिवहन की बस चला रहे थे। नेपाल की बुङ्क्षकग मिलने पर उन्हें ही भेजा जाता था। मुस्तफा का बड़ा बेटा इब्राहिम भी पिता के साथ ट्रैवलर लेकर नेपाल जाता था। दो बस व ट्रैवलर की बुङ्क्षकग मिलने पर इस बार पिता के साथ वह भी नेपाल गया था। जिस समय हादसा हुआ वह ट्रैवलर लेकर मुस्तफा की बस के पीछे चल रहा था।

आंखों के सामने पिता की मौत
उसने फोन पर बताया कि आंखों के सामने ही बस गहरी खाई में चली गई। जिस जगह बस फिसली, वहां भूस्खलन की वजह से सड़क पर गड्ढा हो गया था। जैसे ही अगला पहिया गड्ढे में गया, बस अनियंत्रित होकर पलट गई। इब्राहिम ने सुबह 11:15 बजे हादसे की सूचना केसरवानी परिवहन के मैनेजर धर्मेंद्र यादव को दी। उसने बताया कि अब्बू लापता हैं, खलासी रामजी घायल है। इसके कुछ देर बाद ही पुलिस को सूचना मिली कि चालक व महाराष्ट्र के रहने वाले कई पर्यटकों की मौत हो गई। इसके बाद मुस्तफा के परिवार वालों को घटना की जानकारी दी गई। इसके बाद मुस्तफा का बेटा हसनैन, चाची अमीना, चचेरे भाई आजाद कुछ रिश्तेदारों के साथ कार से नेपाल रवाना हो गए।

पत्नी को जानकारी नहीं
पिपराइच के भगवानपुर तुर्रा बाजार निवासी मुस्तफा की मौत की खबर मिलते ही गांव में उसके घर के सामने भीड़ जुट गई। मुस्तफा की बीमार पत्नी मजन्नूनिशा को अभी मौत की जानकारी नहीं दी गई है। बड़े भाई इम्तियाज ने बताया कि मुस्तफा के चार बच्चे हैं। सबसे बड़ा बेटा इब्राहिम साथ ही था। उससे छोटा हसनैन फिर बेटी हसीना व शकीना हैं।