Gorakhpur News: बड़हलगंज क्षेत्र के रामपुर गदरी निवासी डेढ़ वर्ष के बच्चे के दुर्लभ रोग को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के डाक्टरों ने आपरेशन कर ठीक कर दिया है। बच्चे को पेशाब करने में दिक्कत थी और ङ्क्षलग भी टेढ़ा था। इसे अधोमूत्र मार्गता (हाइपोस्पिडयास) कहते हैं। समय से उपचार नहीं मिलता तो बड़े होने पर उसके पिता बनने की क्षमता पर असर पड़ता। बच्चे के पिता कथा सुनाकर जीवन यापन करते हैं। उन्होंने डाक्टरों का आभार जताया है।
पेशाब में संक्रमण
एम्स गोरखपुर में सर्जरी विभाग के सह आचार्य डॉ। हरिकेश यादव ने बताया कि डेढ़ वर्षीय बच्चे को जन्म से पेशाब करने में समस्या थी। बार-बार पेशाब में संक्रमण होता था। हाइपोस्पिडयास रोग 10 हजार बच्चों में से किसी पांच को होता है। माता-पिता ने बच्चे को कई अस्पतालों में दिखाया लेकिन पैसे की कमी के कारण आपरेशन नहीं करा पाए। एम्स गोरखपुर में बच्चे का सफल आपरेशन कर मूत्र मार्ग का निर्माण किया गया। उसका अंग सीधा किया गया। आपरेशन करने वाली टीम में डा। ऐश्वर्या, एनेस्थीसिया विभाग के डा.गनेश शामिल रहे।
प्राइवेट में दो लाख
निजी अस्पताल में बच्चे के आपरेशन का खर्च डेढ़ से दो लाख रुपये बताया गया था। एम्स के सर्जन डा.हरि केश यादव ने आपरेशन किया तो तकरीबन तीन हजार रुपये ही खर्च हुए। इसमें पंजीकरण का खर्च भी शामिल है। निजी अस्पताल दो बार में आपरेशन की बात कह रहे थे, एम्स में एक ही बार में आपरेशन हो गया है।
यह हो सकती समस्या
बांझपन, यूटीआइ (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, मूत्र प्रवाह की समस्या, नपुंसकता)
एम्स गोरखपुर में समुचित उपचार कर रोगियों को जीवन दिया जा रहा है। कुशल डाक्टरों की टीम से यह संभव हो रहा है। उपचार तकरीबन निश्शुल्क हो रहा है। इसका लाभ रोगियों को मिल रहा है।
प्रो। गोपाल कृष्ण पाल, कार्यकारी निदेशक व मुख्य कार्यपालक अधिकारी, एम्स गोरखपुर