गोरखपुर (ब्यूरो)।वहीं सिटी में भी इसके मरीज मिलने शुरू हो गए हैं। सिटी के वार्ड नंबर 64 चक्सा हुसैन में गंदगी के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैैं। एक महिला का प्लेटलेट्स 28 हजार तक पहुंच जाने के बाद उसे एडमिट कराया गया। सिटी से लेकर रूरल एरिया तक डायरिया के केसेज आने पर हेल्थ डिपार्टमेंट ने अलर्ट जारी करते हुए सभी को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की अपील की है। साथ ही बीमार होने पर तत्काल जिला अस्पताल में इलाज कराने को कहा है।
मरीजों की बढ़ रहा सिलसिला
उनवल में डायरिया के 30 केस सामने आने के बाद से ही सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे दो दिन से वहीं कैंप कर रहे हैैं। सीएचसी पर एडमिट मरीजों का लगातार हालचाल लेने के बाद उन्होंने सावधानी बरतने के लिए निर्देश जारी किए हैं। वहीं जिला अस्पताल में दो दिनों में डायरिया के मरीजों का आने का सिलसिला शुरु हो गया है। शुक्रवार को जहां डायरिया के 7 मरीजों का इलाज किया गया, वहीं शनिवार को भी 5 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इन सभी को प्राइमरी ट्रीटमेंट के बाद घर भेज दिया गया। प्राइवेट हास्पिटल में भी मरीजों के आने का सिलसिला जारी है।
खानपान में न करें लापरवाही
इन दिनों बढ़ती ठंड के बीच बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक को डायरिया ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। आमतौर पर गर्मी के दिनों में होने वाले डायरिया जैसे ही इसके भी लक्षण होते हैं। इन दिनों भी ठंड में बढ़े बैक्टीरियल इंफेक्शन और खान-पान की लापरवाही के चलते सिटी व रुरल एरिया में डायरिया के काफी केसेज देखने को मिल रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, सबसे ज्यादा गंदगी वाले इलाज लाल डिग्गी, जटेपुर, खूनीपुर, तुर्कमानपुर, चौरहिया गोला, जाफरा बाजार, बसंतपुर, बहरामपुर, असकरगंज, रसूलपुर, मियां बाजार, मेवातीपुर, घोष कंपनी आदि हैैं। इन जगहों पर पिछले साल भी डायरिया के केसेज आए थे। ऐसे में इन मोहल्लों में सफाई के लिए नगर निगम को लेटर लिखने की बात कही है।
बच्चों पर रखें विशेष ध्यान
डॉ। राजेश कुमार बताते हैैं कि डायरिया के केसेज में बच्चों में दस्त अधिक होने पर शरीर में पानी की कमी हो सकती है। बच्चे अपनी समस्या के बारे में ठीक से बता भी नहीं पाते। डायरिया में समय पर इलाज न मिलने के कारण तो मौत भी हो सकती है, इसलिए डायरिया के ज्यादातर मरीज हालत खराब होने के बाद अस्पताल पहुंचते हैं। ऐेसे में झोलाझाप डॉक्टर या फिर खुद दवा लेकर अपना इलाज न करें।
कारण
- बासी भोजन तथा बाहर के खाने से भी हो सकता है।
- ठंड के मौसम में कम पानी पीने से।
- बैक्टीरियल इंफेक्शन भी हो सकता है कारण।
- ठंड के मौसम में ऊनी कपड़े पहनने में लापरवाही।
बचाव
- अच्छी तरह ऊनी कपड़े पहने।
- शरीर में पानी की कमी न होने दें।
- ठंडा पानी ना पीएं।
- हल्का गुनगुना पानी पिएं। बासी चीजें खाने से बचें।
- सर्दी-जुकाम या बुखार होने पर हैवी डोज की दवाइयां न लें।
ठंड के मौसम में असावधानी की वजह से लोग ठंड की चपेट में आ जाते हैं। जिससे बचने की जरूरत है। यदि डायरिया से ग्रसित हैं तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही दवा लें।
- डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ