गोरखपुर (ब्यूरो)। जानकारी के मुताबिक, चकरा अव्वल निवासी शीला देवी ने केस दर्ज कराया है। शीला ने दी तहरीर में बताया कि वर्ष 2015 में अपने आवश्यक आवश्यकता के लिए रुपये की जरूरत थी, कुछ लोगो ने बताया कि गोधना देवी पत्नी सुभाष चंद्र निवासी हुमांयुपुर उत्तरी ब्याज पर लोगों को रुपया देती है। एक बार ब्याज पर रुपये लेने के बाद वापस कर दी। फिर अगस्त 2015 में मकान बनवाने के लिए रुपये की जरूरत थी पूर्व का परिचय होने के कारण गोधना देवी से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि तुम अपने जमीन का कागज हमें दे दो। बैंक कर्मियों से मेरी जान पहचान है, मैं तुम्हारा लोन मंजूर करा दूंगी। महिला के नाम से उस समय कोई जमीन नहीं थी, तब गोधना देवी के कहने पर महिला अपने पति राजू के नाम से चकरा अव्वल में स्थित जमीन का रजिस्ट्री बैनामा उप निबंधक गोरखपुर के कार्यालय में जाकर 21 अगस्त 2015 को अपने नाम से तहरीर कराया, जिसे गोधना देवी व उनके पुत्र संतोष ने बतौर गवाह अपना हस्ताक्षर किया। गोधना देवी उ1त रजिस्ट्री का पेपर अपने पास रख ली और कहा कि 10-15 दिन में बैंक से तुम्हारा ऋण स्वीकृत हो जाएगा। गोधना देवी ने कुछ सादे कागज पर महिला का हस्ताक्षर भी कराया। कुछ समय बीतने के बाद ऋण के बारे में पूछने पर बताया गया कि नहीं हो पाएगा। फिर घर पर नोटिस आया तो पता चला कि मेरे नाम से 20 लाख रुपये का ऋण 2015 में ही लिया चुका है।

पूर्व विधायक पर जमीन कब्जा करने का लगाया आरोप
बेलघाट थाना व ग्राम के तेज प्रताप शाही ने रविवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि उनकी जमीन को एक पूर्व विधायक ने कब्जा कर लिया है। महेवा स्थित उनकी जमीन करीब 2175 वर्गफीट है। आरोप लगाया कि पूर्व विधायक व उनके बेटे जानमाल की धमकी भी दे रहे हैं। मामले को लेकर रविवार को जनता दर्शन में सीएम से शिकायत भी की गई। तेज प्रताप ने बताया कि विगत महीने प्रशासन की ओर से जमीन को दिलाया गया लेकिन फिर कब्जा कर लिया गया। जमीन न मिलने से उनका परिवार काफी परेशान है। इधर, पूर्व विधायक के बेटे ने बताया कि आरोप बेबुनियाद है। जमीन पर स्टे है। कोई जमीन कब्जा नहीं की गई है।