गोरखपुर: दरअसल, इन दिनों अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए मैरिड और अनमैरिड महिलाएं मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली गर्भपात की गोलियों का सेवन बिना डॉक्टर के परामर्श के तेजी से कर रही हैैं। इसके चलते महिलाओं को गर्भ में जहां गंभीर बीमारियां हो रही हैैं। वहीं इन गोलियों के अत्यधिक सेवन से ब्लीडिंग और एनिमिया की पेशेंट तक बन रही हैैं। यह जानलेवा भी साबित हो रही है। यह बातें बीआरडी मेडिकल कालेज के गायनी डिपार्टमेंट में 250 महिलाओं पर हुई स्टडी में सामने आया है।
इस्तेमाल बेहद खतरनाक
बीआरडी मेडिकल कालेज के गायनी डिपार्टमेंट की रिटायर्ड प्रो। रीना श्रीवास्तव बताती हैैं कि आज की डेट में गर्भपात करने वाली गोलियों का सेवन बिना डाक्टर के परामर्श के बेहद खतरनाक है। इसके अत्यधिक सेवन से जान जा सकती है। चौरीचौरा की रहने वाली एक महिला के पति द्वारा अक्सर गर्भपात की गोलियों का सेवन अत्यधिक मात्रा कराए जाने से उसकी हालत बिगड़ गई। ब्लीडिंग होने के कारण उसे एक निजी अस्पताल में इलाज कराया गया। डाक्टर ने जवाब दे दिया तो उसे बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। वहां उसकी जान किसी तरह बच सकी।
इमरजेंसी में केसेज
वहीं कई ऐसी भी अनमैरिड महिलाएं हैं जो अनचाहे गर्भ से निजात पाने के लिए डाक्टर से सलाह के बिना गर्भपात की दवा खा लेती हैैं। फिर ब्लीडिंग और दर्द शुरू होने पर उनकी हालत गंभीर हो जाती है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्त्री व प्रसूति रोग विभाग की एचओडी डॉ। रूमा सरकार ने बताया कि हफ्ते में अनमैरिड एक से दो और मैरिड चार से पांच केसेज आते हैं। अधिकांश महिलाएं या तो झोलाछाप डॉक्टर्स से सलाह लेती हैं या खुद मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीद लेती हैं, लेकिन सही डोज न लेने से उन्हें ब्लीडिंग और दर्द शुरू हो जाता है। इमरजेंसी में ऐसे केसेज आ रहे हैं। पिछले एक महीने में करीब 20 से 30 केस सामने आए हैं।
एक्ट का उल्लंघन
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ। रूमा सरकार ने बताया कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एमटीपी एक्ट में दो मुख्य नियम हैं। पहला, डॉक्टर मरीज को गर्भपात की गोली देने से पहले गर्भवती के पति से एक फार्म भरवाते हैं। इसके बाद मरीज की अल्ट्रासाउंड समेत ब्लड की सभी जांच होती है। फिर मरीज को गर्भपात की दवा दी जाती है। दूसरा, औजार से गर्भपात करने से पहले दो डॉक्टर्स की राय लेनी जरूरी है और इसे सिर्फ रजिस्टर्ड डॉक्टर कर सकते हैं।
पांच लाख का कारोबार
गोरखपुर की दवा मंडी भालोटिया मार्केट में गर्भपात की गोली का कारोबार करीब पांच लाख रुपए से ऊपर का है। हर महीने दवाएं बिक रही हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अनचाहे गर्भ धारण करने वाली महिलाओं की तादात सबसे अधिक है।
बना है कानून
गर्भपात के लिए यूज की जाने वाली पिल्स को आप बिना डॉक्टर की पर्ची के सीधे मेडिकल स्टोर से नहीं खरीद सकते। इसके इस्तेमाल को लेकर सरकार द्वारा कानून बनाया गया है जिसे चिकित्सकीय गर्भ समापन कानून (क्ररूद्गस्रद्बष्ड्डद्य ञ्जद्गह्म्द्वद्बठ्ठड्डह्लद्बशठ्ठ शद्घ क्कह्म्द्गद्दठ्ठड्डठ्ठष्4 ्रष्ह्ल) नाम से जाना जाता है। इस कानून के अंतर्गत यह बताया गया है कि कोई भी भारतीय महिला किन परिस्थितियों में गर्भपात करवा सकती है।
कौन करा सकता गर्भपात
- यदि महिला का जीवन जोखिम में है या जानलेवा परिस्थितयों से गुजर रही है और इस प्रक्रिया की मदद से उसकी जिंदगी बचाई जा सकती हो
- अगर गर्भावस्था को जारी रखने से उसके मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य को कोई खतरा हो
- अगर शिशु में किसी भी तरह के शारीरिक या मानसिक अनियमितता का खतरा हो
- अगर महिला बलात्कार या सेक्सुअल उत्पीडन की वजह से गर्भवती हुई हो
- अगर गर्भनिरोधक के फेल हो जाने से महिला गर्भवती हुई हो
- अगर गर्भपात महिला की सहमती से हो रहा हो
कैसे करते अबॉर्शन
मेडिकल अबॉर्शन
इसमें दवाइयों की मदद से गर्भपात किया जाता है।
सर्जिकल अबॉर्शन
इसमें गर्भपात के लिए डाइलेशन और एवेक्युलेशन (क्रष्ठ&श्व) प्रक्रिया अपनाई जाती है।
गर्भपात की गोली के साइड इफेक्ट
- मिचली और उल्टी आना
- थकान
- डायरिया
- ठंड के साथ या बिना ठंड वाला बुखार
- पेल्विक हिस्से में तेज दर्द या क्रैम्प
- चक्कर आना
इन बीमारियों का खतरा
- बांझपन की आशंका बढ़ जाती है
- फैलोपियन ट््यूब फटने की आशंका रहती है
- बच्चेदानी में छेद हो जाता है
गर्भपात की गोली खाने से पहले डॉक्टर्स की सलाह लेना जरूरी है। बिना विशेषज्ञ के सलाह दवा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ज्यादा हालत खराब होने पर तत्काल डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए।
डॉ। रूमा सरकार, एचओडी, स्त्री व प्रसूति रोग विभाग, बीआरडी मेडिकल कॉलेज