गोरखपुर (ब्यूरो)।उसकी निशानदेही पर 67 लाख रुपए की कीमत के सोने के गहने बरामद किया है। गोरखनाथ इलाके के रामनगर स्थित एक किराये पर लिए मकान में उसने यह गहने छिपाए थे और बेचने के लिए पंजाब के स्वर्ण कारोबारियों के सम्पर्क में था।


व्यापारियों को करता था सप्लाई
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि गाजियाबाद जिले के लोनी चौक निवासी लल्लन सोने का कारोबार करते हैं। व्यापारियों के ऑर्डर के हिसाब से सोने के गहने लेकर जिलों में सप्लाई करते हैं। दिल्ली के चांदनी चौक सराफा बाजार से 1737 ग्राम सोने के गहने जिसकी अनुमानित कीमत 80 लाख रुपए के करीब थी। उसे लेकर राजीव कुमार वर्मा के ऑर्डर पर 13 फरवरी को गोरखपुर आए थे।
गोरखनाथ में दर्ज हुआ मुकदमा
गोरखनाथ मंदिर दर्शन के बहाने उन्हें मंदिर परिसर में लेकर राजीव कुमार गया और दर्शन करने के लिए उन्हें मंदिर में भेजकर उनका बैग लेकर फरार हो गया। लल्लन की शिकायत पर गोरखनाथ थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। राजीव कुमार गोरखपुर में कहां का रहने वाला है, इसके बारे में लल्लन को कुछ भी पता नहीं था। लल्लन और राजीव की मुलाकात दिल्ली में ही हुई थी। राजीव दिल्ली में ही रहता था। लिहाजा पुलिस के लिए राजीव कुमार वर्मा को पकडऩा आसान नहीं था।
मोबाइल बंद कर चला रहा था इंस्टाग्राम
गोरखनाथ पुलिस ने पहले जिले के सराफा कोराबारियों के जरिये राजीव कुमार के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की, लेकिन कुछ नहीं पता चला। राजीव अपना मोबाइल बंद रखता था लेकिन इंस्टाग्राम चलाता था। गोरखपुर पुलिस ने उसका लोकेशन ट्रेस कर दिल्ली पुलिस को सूचना दी जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। वहां से ट्रांजिट रिमांड पर लाकर पुलिस ने जेल में दाखिल कर दिया था। गुरुवार को गोरखनाथ पुलिस ने पुलिस कस्टडी रिमांड पर राजीव को लिया और
गोल्ड सेंसेक्स में लगाया पैसा डूबने पर बेचा मकान की जालसाजी
राजीव कुमार वर्मा खजनी इलाके का मूल निवासी है। उसके भाई की खजनी में सराफा की दुकान है। राजीव का दिल्ली में मकान था। वह गोल्ड सेंसेक्स में 2018 में एक करोड़ रुपया लगाया था। पैसा डूबने के बाद उसने दिल्ली स्थित अपना मकान बेच दिया था। मकान बेचने में भी उसने जालसाजी की थी। एक ही मकान को दो लोगों को बेचा था। मकान बेचने के बाद मिले पैसे में से 20 लाख रुपए दोबारा गोल्ड सेंसेक्स में लगाया था लेकिन इस बार भी उसे घाटा ही हुआ था। जिसके बाद उसने लल्लन से जालसाजी की योजना बनाई थी। हालांकि इससे पहले वह एक बार लल्लन को गोरखपुर बुलाया था लेकिन तब उसने जालसाजी नहीं की थी। विश्वास में लेकर दोबार सोने के गहनों के साथ बुलाया और लेकर फरार हो गया है।
बेटी के साथ कनाडा भागने वाला था राजीव
जालसाजी की घटना के बाद जब पुलिस ने राजीव कुमार वर्मा की तलाश शुरू कर दी तो वह पुलिस से छिपने के लिए अपना मोबाइल बंद कर अलग-अलग ठिकानों पर भागता फिर रहा था। दिल्ली का मकान बेच चुका था और गोरखपुर में कहां का रहने वाला था, यह किसी को पता नहीं था। घटना के बाद उसने गोरखपुर के गोरखनाथ इलाके में स्थित रामनगर तथा दिल्ली और पंजाब में किराय पर मकान लेकर रखा था। पंजाब में गहने बेचने के लिए वहां के स्वर्णकारोबारियों के सम्पर्क में था। गहने बेच कर वह अपनी बेटी के साथ कनाडा भागने वाला था।