गोरखपुर : प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बताया कि इन कालोनियों में नगर निगम की ओर से पूर्व में किए गए संयुक्त निरीक्षण के दौरान चिह्नित शेष कार्यों व कमियों को पूरा करा दिया गया है। अब सभी योजनाओं की सड़क, नाली, पार्क, विद्युत, पानी की आपूर्ति आदि सुचारू रूप से संचालित है। उन्होंने यह भी बताया कि इन कालोनियों में प्राधिकरण की ओर से योजनाओं की साफ-सफाई के लिए नियुक्त की गई एजेंसी मेसर्स जेएस एन्वायरों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन तथा कालोनियों की साफ-सफाई आदि का कार्य कराया जा रहा है। पूर्व में हुए संयुक्त निरीक्षण के समय प्रमुख रूप से लोहिया एन्क्लेव, कारपोरेट पार्क व वैशाली योजना की चिह्नित की गई सभी सड़कों को ठीक करा दिया गया है। इन सभी कालोनियों में पूर्व निर्मित पार्कों में से कई पार्कों का सुंदरीकरण भी विगत माह में प्राधिकरण द्वारा कराया गया है।
प्राधिकरण की ओर से संबंधित कालोनियों में कराए गए विकास कार्यों की प्रगति पर नगर निगम के मुख्य अभियंता संजय चौहान ने सहमति व्यक्त की। बैठक के दौरान अधिशासी अभियन्ता जलकल की ओर से इन योजनाओं में प्राधिकरण द्वारा संचालित पानी की व्यवस्था के संबंध में अपनी निरीक्षण आख्या तीन दिन के अंदर प्रस्तुत करने की जानकारी दी गई। सभी ङ्क्षबदुओं पर चर्चा के बाद नगर आयुक्त ने इन कालोनियों के हस्तांतरण के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी। नगर आयुक्त ने प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से आग्रह किया कि जीडीए की ओर से संबंधित कालोनियों को हस्तांतरित करने के साथ ही वहां साफ-सफाई के लिए नियुक्त एजेंसी को प्राधिकरण द्वारा निर्धारित शुल्क, नियम एवं शर्तों के साथ ट्रांसफर कर दिया जाए। इस पर उपाध्यक्ष ने सहमति व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि नगर निगम द्वारा इन योजनाओं के हस्तांतरण को लेकर भविष्य में इन योजनाओं के रख-रखाव के लिए आवश्यक धनराशि भी प्राधिकरण, नगर निगम को उपलब्ध करा देगा।
बैठक में नगर निगम की ओर से नगर आयुक्त के अलावा अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा, निरंकार ङ्क्षसह, मुख्य अभियंता संजय ङ्क्षसह चौहान, कर निर्धारण अधिकारी अनुष्का ङ्क्षसह तथा प्राधिकरण की ओर से उपाध्यक्ष के अलावा सचिव उदय प्रताप ङ्क्षसह, प्रभारी मुख्य अभियन्ता किशन ङ्क्षसह और सहायक अभियंता एके तायल मौजूद रहे।
ओवरहेड टैंक की मरम्मत का खर्च देगा जीडीए
बैठक में यह भी तय हुआ कि संबंधित कालोनियों में बने ओवरहेड टैंक और पाइपलाइन की मरम्मत के लिए नगर निगम 30 नवंबर तक एस्टीमेट तैयार कर लेगा। मरम्मत कार्य में जो भी खर्च आएगा, प्राधिकरण, उसे नगर निगम को उपलब्ध कराएगा।
सभी को होगा लाभ
कालोनियों के हस्तांतरित हो जाने से जीडीए, नगर निगम के साथ ही वहां रहने वाले हजारों परिवारों को भी लाभ होगा। कालोनियों की बार-बार मरम्मत में आने वाला जीडीए का खर्च बचेगा तो वहीं नगर निगम कुछ कालोनियों से संपत्ति कर वसूल रहा है लेकिन, कालोनियां हस्तांतरित होने के बाद बाकी बचे घरों से सुचारू रूप से टैक्स आदि की वसूली की जा सकेगी। वहीं कालोनियों के लोगों को साफ-सफाई, सड़क, नाली, पानी और स्ट्रीट लाइट समेत अन्य समस्याओं का निस्तारण कराना आसान हो जाएगा। जीडीए की तुलना में निगम निगम के पास इन कार्यों के लिए ज्यादा संसाधन और विशेषज्ञता है।
ये कालोनियां होंगी हैंडओवर
वसुन्धरा इन्क्लेव प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आवासीय योजना, लोहिया इन्क्लेव आवासीय योजना, वैशाली आवासीय योजना, यशोधरा कुंज आवासीय योजना, अमरावती निकुंज आवासीय योजना, कारपोरेट योजना, बुद्ध विहार आवासीय योजना पार्ट-ए, बुद्ध विहार आवासीय योजना पार्ट-बी, बुद्ध विहार आवासीय योजना पार्ट-सी आम्रपाली आवासीय योजना, सिद्धार्थपुरम विस्तार आवासीय योजना, गौतम विहार विस्तार आवासीय योजना, शास्त्रीनगर योजना, गोलघर स्थित जीडीए टावर, लेक व्यू अपार्टमेंट।
कोट 1-
सात दिसंबर तक सभी 15 कालोनियां नगर निगम को हस्तांतरित हो जाएंगी। नगर निगम ने सहमति दे दी है। सभी ङ्क्षबदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई है। जो भी कमियां थीं, उनका प्राधिकरण ने निस्तारण कर दिया है। ओवरहेड टैंक की मरम्मत समेत जो कुछ कार्य बाकी है, नगर निगम उसका एस्टीमेट तैयार कर रहा है। प्राधिकरण इसके लिए निगम को धन उपलब्ध कराएगा.- आनंद वद्र्धन, उपाध्यक्ष, जीडीए
कोट 2-
जीडीए के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है। जल्द ही नगर निगम, प्राधिकरण की 15 कालोनियों का हैंडओवर ले लेगा। कुछ कमियां हैं। उनका एस्टीमेट तैयार कराया जा रहा है। सहमति के आधार पर निगम प्रशासन ही उसे भी दुरुस्त कराएगा। प्राधिकरण इसका खर्च उठाएगा। जीडीए ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए निजी एजेंसी का चयन कर रखा था। अनुबंध की अवधि पूरी होने तक नगर निगम इस एजेंसी से सेवा लेगा। - गौरव ङ्क्षसह सोगरवाल, नगर आयुक्त