गोरखपुर : इससे डेढ़ लाख से ज्यादा घरों को निर्बाध बिजली तो मिलेगी ही, उपकेंद्रों के ओवरलोड होने की शिकायत भी दूर होगी। पुराने तारों को बदलकर नए तार लगाए जाएंगे और ट्राली ट्रांसफार्मर की संख्या 12 से बढ़ाकर 55 की जाएगी। बिजली निगम ने स्मार्ट सिटी में व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बना लिया है। इन कार्यों पर 1152 करोड़ 33 लाख रुपये खर्च होंगे।

महानगर में इस समय उपभोक्ताओं की संख्या लगभग दो लाख तीस हजार है। विस्तार के कारण नए-नए क्षेत्र महानगर में शामिल हुए हैं। रोजाना उपभोक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी होने के कारण बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है। गोलघर, शाहपुर, राप्तीनगर, मोहद्दीपुर आदि उपकेंद्र ओवरलोड चल रहे हैं। इस कारण बार-बार बिजली कटने से उपभोक्ता परेशान रहते हैं। अभियंताओं का मानना है कि जिस तरह महानगर में विकास कार्य हो रहे हैं उससे बड़ी-बड़ी कंपनियों के शोरूम, माल, फ्लैट आदि तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां बिजली की मांग बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में भविष्य में बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नए कार्यों को कराना बहुत जरूरी हो गया है। नए कार्यों में दिव्यनगर उपकेंद्र को भी शामिल किया गया है। यहां जमीन न मिलने के कारण धनराशि वापस करना पड़ा था। नंदानगर में नया उपकेंद्र बनाकर बिछिया को निर्बाध आपूर्ति दी जाएगी।

यहां बनेंगे नए उपकेंद्र


गोलघर, लालडिग्गी न्यू, तारामंडल न्यू, नौसढ़, सूरजकुंड न्यू, नंदानगर, दिव्य नगर, मोहद्दीपुर परिसर, शाहपुर न्यू, चरगांवा ब्लाक, खोराबार न्यू।

इन उपकेंद्रों की बढ़ेगी क्षमता


लालडिग्गी, सर्किट हाउस, विश्वविद्यालय, रुस्तमपुर, धर्मशाला, इंडस्ट्रियल एस्टेट, सूरजकुंड, मोहद्दीपुर, राप्तीनगर न्यू, पादरी बाजार।
यहां स्थापित होंगे पावर ट्रांसफार्मर
नार्मल, रानीबाग, तारामंडल, दुर्गाबाड़ी, बक्शीपुर ओल्ड, खोराबार, शाहपुर, राप्तीनगर ओल्ड, पादरी बाजार।
काम और खर्च :
काम संख्या लागत
33 केवी की लाइन का निर्माण - 401.36 किलोमीटर 236.79
11 केवी की लाइन का निर्माण - 160 किलोमीटर 73.35
अतिरिक्त ट्रांसफार्मर - 563 60.22
ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि - 208 05.73
ट्राली ट्रांसफार्मर - 55 10.18
ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा - 1534 20.25
एलटी केबल बदलना - 75.16 किलोमीटर 02.68
केबल बदलना - 2508 किलोमीटर 288.54
कैपसिटर बैंक - 67 20.50
पावर ट्रांसफार्मर की अर्थिंग - 1677 05.50
काम्पैक्टर उपकेंद्र की स्थापना - 151 60.20
कंट्रोल रूम व अन्य कार्य - 192 16.20
ङ्क्षरग मेन यूनिट की स्थापना - 428 23.70
एचटी लाइन की गार्डिंग - 299 किलोमीटर 03.90
33 केवी के उपकरण पर खर्च- 60.14
लागत - करोड़ में

कोट
स्मार्ट सिटी के तहत महानगर में भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रस्ताव बनाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में महानगर में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। इससे बड़ी कंपनियां आ रही हैं, फ्लैटों की संख्या बढ़ रही है और व्यापार में बढ़ोतरी हो रही है। इस कारण बिजली की मांग भी लगातार बढ़ रही है। वर्तमान के साथ ही भविष्य के गोरखपुर में बिजली की दिक्कत नहीं होगी।