गोरखपुर (ब्यूरो)। साथ ही अल्ट्रासाउंड कर दिखाने को कहा। अल्ट्रासाउंड करा कर डॉक्टर को सोमवार को दिखाया। डॉक्टर ने रिपोर्ट देखकर तीन अक्टूबर को ऑपरेशन की तारीख दी है। इस पर विकास ने कई बार निवेदन किया ऑपरेशन जल्दी हो जाए, लेकिन डॉक्टर ने मरीजों की लंबी कतार बताकर उसी तिथि पर ऑपरेशन की करने की बात कही है।
केस- दो
देवरिया के रहने वाली लीलावती (73) 13 मार्च 2024 से हड्डी रोग विभाग में इलाज करवा रही है। दाहिने पैर के घुटने में हड्डी बढ़ी है। तीन बार ऑपरेशन के लिए तारीख मिल चुकी है, लेकिन ऑपरेशन अब तक नहीं हो पाया है। पूछने पर बताया गया कि ओटी खाली नहीं है। हड्डी रोग विभाग ने ऑपरेशन के लिए छह मई की तारीख दी थी, लेकिन रिश्तेदारी में मौत की वजह से वह नहीं आई। 10 जून को भर्ती करने के लिए बुलाया गया। लेकिन, जब डॉक्टर के पास पहुंची तो बताया कि अब देर हो चुकी है ऐसे में 15 जून को आइए भर्ती किया जाएगा और 18 जून को ऑपरेशन होगा।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में व्यवस्था को सुदृढ़ न करने का खामियाजा रोगियों को भुगतना पड़ रहा है। 14 सौ करोड़ रुपये की लागत से बने एम्स में रोगियों को जल्द से जल्द राहत देने के लिए 16 आपरेशन थियेटर (ओटी) का निर्माण हुआ था, लेकिन इनमें से सिर्फ पांच ही संचालित हो रही हैं। जो संचालित हो रही हैं उनमें भी एक आपरेशन टेबल लगा है। ऐसी स्थिति में डॉक्टरों की उपलब्धता के बाद भी रोगियों का आपरेशन नहीं हो पा रहा है। जबकि, हाल में कई डॉक्टरों की नियुक्ति भी हुई है। ऐसे में उम्मीद जगी थी कि कुछ ओटी और शुरू किए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब मरीजों को तीन से चार माह की तारीख देकर ऑपरेशन के लिए बुलाया जा रहा है। इतनी लंबी वेटिंग देख मरीज निजी अस्पतालों की तरफ रुख कर रहे हैं।
न्यूरो सर्जन एक, 600 से अधिक मरीज ऑपरेशन के इंतजार में
ओपीडी के बगल के प्रथम तल पर ओटी कॉम्प्लेक्स बनाया गया है। कॉम्प्लेक्स में 16 ओटी का निर्माण हुआ था। इनमें से सिर्फ पांच ओटी ही मौजूदा समय में चल रही है। इसके अलावा ट्रॉमा इमरजेंसी भी ओटी है, लेकिन इसे अब तक शुरू नहीं किया जा सका है। ट्रॉमा इमरजेंसी वार्ड की ओटी की स्थिति भी ठीक नहीं है। बताया जा रहा है कि ट्रॉमा में न्यूरो सर्जन की तैनाती के बाद रोजाना 250 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इनमें से करीब 20 से 25 मरीजों को ऑपरेशन की सलाह दी जाती है, लेकिन सप्ताह में एक दिन ही डॉक्टर को ओटी मिल पाती हैं इसी कारण मरीजों की संख्या ऑपरेशन के लिए बढ़ती जा रही है यही कारण है पांच महीने बाद मरीजों को तारीख दी जा रही है, जिसकी वजह से करीब 650 से अधिक मरीज ऑपरेशन के इंतजार में है।
इन विभागों में लंबी वेटिंग
एम्स के कई विभाग ऐसे हैं, जहां पर सर्जरी के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इनमें सर्जरी विभाग में नवंबर महीने की तारीख मरीजों को दी जा रही है। करीब 900 से अधिक मरीज वेटिंग में हैं। नाक कान व गला रोग में पांच महीनें का बाद की तारीख मिल रही है। हड्डी रोग विभाग में तीन माह के बाद की तारीख मिल रही है। नेत्र रोग विभाग में करीब 300 से अधिक मरीजों की वेटिंग है। चर्म रोग में एक माह की इसी तरह मेडिसिन विभाग में एक माह की वेटिंग है।
एम्स में लगातार मरीजों के ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इस साल मई 2024 तक 689 ऑपरेशन किए जा चुके हैं। अभी आठ ओटी चलाई जा रही है। इसमें रोटेशन के अनुसार, हर दिन पांच ओटी का इस्तेमाल किया जा रहा है। दो ओटी का इस्तेमाल छोटे ऑपरेशन के लिए किया जाता है। एम्स में अभी ओटी तकनीशियन सहित ओटी के एनेस्थीसिया व नर्सिंग स्टाफ की कमी है, जिसे जल्द ही दूर करते हुए सभी ओटी चलाए जाएंगे।
- डॉ। वेंकटेश, सह मीडिया प्रभारी, एम्स