- घर का कॉमर्शियल यूज करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी में नगर निगम
- अब इन मकान पर लगेगा 5 गुना टैक्स, इसी वित्तीय वर्ष में देना होगा नया टैक्स
- आदेश से सिटी के करीब 40 हजार मकान पर पड़ेगा असर
GORAKHPUR: शहरवासियों के लिए नगर निगम एक नई मुसीबत खड़ी करने की तैयारी में है। मई माह से शहर में एक सर्वे होगा, जिसमें ऐसे घरों को चिन्हित किया जाएगा, जिसमें लोग दुकान या गोदाम बनाकर उसका कॉमर्शियल यूज कर रहे हैं। मगर निगम को वह कॉमर्शियल की जगह हाउस टैक्स अदा करते हैं। ऐसे मकानों में स्थित दुकान या गोदाम एरिया पर अब नगर निगम कॉमर्शियल टैक्स वसूल करेगा। इसकी जद में शहर के करीब 30 से 40 हजार मकान आ रहे हैं। टैक्स वसूल करने के लिए निगम ने प्लानिंग पूरी कर ली है। पब्लिक को इसी वित्तीय वर्ष से यह टैक्स देना होगा।
पूरे घर पर टैक्स नहीं
टैक्स निर्धारिण की नई नीति के अनुसार शहर में जितने भी आवासीय घर हैं, लेकिन उसके कुछ हिस्से का उपयोग कॉमर्शियल तौर पर हो रहा है। तो उस हिस्से पर पब्लिक को टैक्स अदा करना होगा। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रबीस चंद का कहना है कि कॉमर्शियल हिस्से के अलावा बाकी हिस्से पर हाउस टैक्स ही वसूला जाएगा। यह टैक्स आवासीय टैक्स से पांच गुना अधिक होगा। इसके साथ ही अगर घर में किसी ने किरायदार रखा है, तो उसे दोगुना टैक्स देना होगा।
80 करोड़ मिला है टारगेट
शहर में लगभग 1.29 लाख हाउस टैक्स देते हैं। नगर निगम के कर निरीक्षक का कहना है कि शहर में 35 से 40 हजार ऐसे मकान हैं, जिनका उपयोग किसी न किसी प्रकार से कॉमर्शियल रूप में हो रहा है। ऐसे में इन मकान के मालिकों पर अब पांच गुना टैक्स की मार पड़ेगी। नगर निगम को इस योजना से एक साल में 40 करोड़ रुपए की एक्स्ट्रा आमदनी होगी। वित्तीय वर्ष 2015-16 में नगर निगम को 43 करोड़ रुपए का टारगेट मिला था। इस योजना के लांच हो जाने से नगर निगम का टारगेट दो गुना कर 80 करोड़ रुपए कर दिया गया है। यह टारगेट शासन ने कॉमर्शियली यूज हो रहे छोटे-बड़े भवनों पर टैक्स लगाने को दिया है।
क्या है पुराना नियम?
हाउस टैक्स- हाउस टैक्स का निर्धारण स्वकर प्रणाली के तहत किया जाता रहा है। इसमें मकान मालिक अपने मकान के कवर्ड एरिया की जानकारी फॉर्म के जरिए देते थे। जिन पर प्रति वर्ग स्क्वॉयर मीटर के हिसाब से नगर निगम टैक्स निर्धारित करता है। इस टैक्स में 12 प्रतिशत हाउस टैक्स, 12 प्रतिशत वॉटर टैक्स और 3 प्रतिशत सीवर टैक्स होता है। जिन एरिया में सीवर या वाटर सप्लाई नहीं है, वहां केवल हाउस टैक्स लगता है।
कॉमर्शियल टैक्स- कॉमर्शियल टैक्स का निर्धारिण जमीन कॉस्ट और भवन निर्माण कॉस्ट की लागत के वार्षिक मूल्यांकन के 7 प्रतिशत मूल्य पर होती थी। इस टैक्स में भी 12 प्रतिशत हाउस टैक्स, 12 प्रतिशत वाटर टैक्स और 3 प्रतिशत सीवर टैक्स लगाया जाता है।
अब ऐसे देना होगा टैक्स -
हाउस टैक्स- ऐसे मकान जिसका उपयोग कॉमर्शियल काम में नहीं हो रहा है, उसके टैक्स में कोई परिवर्तन नहीं होगा, लेकिन अगर मकान किराए पर दिए गए हैं या मकान में कोई दुकान खोली गई है तो वह मकान कॉमर्शियल टैक्स के दायरे में आ जाएगा।
- किराए पर दिए गए मकान पर दो गुना टैक्स लगेगा।
- जिस मकान में दुकान होगी, उस मकान पर दो भाग में टैक्स लगेगा। एक जिस हिस्से में दुकान है और दूसरा आवासीय हिस्सा।
- जिस मकान में किस एक हिस्से में दुकान होगी, उस हिस्से पर पांच गुना टैक्स लगेगा। यह टैक्स स्क्वॉयर मीटर की जगह स्क्वॉयर फीट के हिसाब से लगाया जाएगा।
नए रूप में कर निर्धारण करने की तैयारी शुरू हो गई है। सर्वे का काम मई में शुरू हो जाएगा। इस नये टैक्स निर्धारण होने के बाद इसी वित्तीय वर्ष लागू कर दी जाएगी।
रबीस चंद, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी,