- मोहल्लों में जाम हैं नालियां, रोड व गलियों में है जलजमाव

- गंदगी से मोहल्लों में बढ़ा मच्छरों का प्रकोप, बीमारियों के फैलने की आशंका

- इंदिरा नगर मोहल्ले में बारिश के एक सप्ताह बाद भी रोड पर पानी

GORAKHPUR: डेंगू और चिकनगुनिया से इस समय दहशत का माहौल है। डेंगू से तो आधा दर्जन जानें भी जा चुकी हैं। ऐसे में, सिटी के विभिन्न एरियाज में विशेष सफाई की जरूरत है लेकिन यदि मोहल्लों का जायजा लें तो चारों तरफ पसरी गंदगी बताती है कि नगर निगम को तो कोई फर्क ही नहीं पड़ता। टैक्स देने के बाद भी लोग गंदी गलियों से आने-जाने को मजबूर हैं तो बीमारियों के फैलने की आशंका से दहशत में जी रहे हैं। खासकर, इंदिरा नगर मोहल्ले में तो हालत और खराब है। बारिश के एक सप्ताह बाद भी यहां की सड़कों पर पानी भरा है। गलियों में उगी झाडि़यां बताती हैं कि यहां वर्षो से सफाई नहीं हुई।

गलियों की नहीं करते सफाई

इंदिरा एरिया की साफ-सफाई के लिए जिम्मेदार अधिकारी और सफाईकर्मी यहां की पब्लिक की तो नहीं ही सुनते, अपने अधिकारियों के आदेश को भी नहीं मानते। मोहल्ले के लोग बताते हैं कि मुख्य सड़कों पर सफाई कर्मी कभी-कभार झाड़ू लगा देते हैं लेकिन गलियों में नहीं जाते हैं। अगर कभी किसी गली में सफाई कर्मी चले भी गए तो सफाई के बाद कूड़ा को वहीं जमा कर छोड़ देते हैं। इसी हाल में कूड़ा कई दिनों तक पड़ा रहता है।

बजबजा रहीं नालियां

मोहल्ले की गलियां गंदगी से पटी हुई है। नालियों की सफाई न होने के कारण वे जाम हो गई हैं। गंदगी के कारण नालियां बजबजा रही हैं, लेकिन इनकी सफाई करने वाले कहीं नजर नहीं आते। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि जाम नालियों के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। साथ ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।

खाली प्लॉटों की सफाई नहीं

पूर्व नगर आयुक्त ने एक आदेश जारी कर मोहल्लों के खाली प्लॉट की भी सफाई का निर्देश दिया था लेकिन उनके जाते ही आदेश पर काम होना बंद हो गया। इंदिरा नगर के एक दर्जन खाली प्लाट हैं, जिनकी सफाई की आज तक नहीं हुई है। यहां बारिश का पानी साल के चार माह तक लगता रहता है, जिसमें मलेरिया के मच्छर पैदा होते हैं।

ताल के किनारे भी जल जमाव

इंदिरा नगर कॉलोनी की जल निकासी के लिए चार प्रमुख नाले हैं लेकिन इनकी भी सफाई कम ही होती है। वार्ड बड़ा है जबकि यहां कर्मचारियों की संख्या कम है। चार नालों की सफाई के लिए आज तक यहां गैंग नहीं लगाया गया है। सिंचाई विभाग गोदाम के पास वाली नाली सिल्ट और गंदगी से ऐसी पटी है कि लगता है कि कई साल हो गए, इसकी सफाई हुई ही नहीं है।

कोट्स

नगर निगम की लापरवाही के कारण बारिश होते ही सिटी में जल जमाव हो जाता है। बारिश का पानी निकलने में कई दिन लग जाते हैं, जिसके कारण सड़कों पर कीचड़ फैला रहता है और लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है।

अभय त्रिपाठी, दुकानदार

सफाई कर्मी कभी कार्य करना चाहते ही नहीं हैं। वे सफाई के नाम पर केवल कोरम पूरा करते हैं। मोहल्ले की गलियों में तो कभी कोई सफाई कर्मी नजर ही नहीं आता है।

वेद प्रकाश कश्यप, प्रोफेशल

नगर निगम के अधिकारी कभी इंदिरानगर में निरीक्षण करने आते ही नहीं हैं। नाले जाम हैं और नालियों में कचरा भरा हुआ है। जिसके कारण आए दिन मोहल्ले का पानी सड़कों पर बहने लगाता है।

शक्तिनाथ त्रिपाठी, दुकानदार