- शहर में स्ट्रीट लाइट्स की व्यवस्था में बरती जा रही हद से ज्यादा लापरवाही
- सैकड़ों वार्डो में नहीं है व्यवस्था तो मेन सिटी में दिन में भी जलती रहती हैं लाइट्स
GORAKHPUR: नाली और सफाई व्यवस्था पर ध्यान न देने वाला नगर निगम स्ट्रीट लाइट की जिम्मेदारी में भी गजब की कोताही बरत रहा है। हाल ये है कि जहां वार्डो में स्ट्रीट लाइट्स न जलने के कारण शाम ढलते ही मोहल्ले अंधेरे में डूब जाते हैं। वहीं दिन में भी मेन सिटी की जलती स्ट्रीट लाइट्स से लगातार बिजली बर्बाद होती रहती है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के वार्डो की ग्राउंड रिपोर्ट की तीसरी कैटेगिरी बिजली के तहत निकली स्ट्रीट लाइट्स की ओवर ऑल स्थिति खास अच्छी नहीं है। हाल ये कि ज्यादातर वार्ड्स में लगीं स्ट्रीट लाइट्स रात में बंद रहती हैं तो वहीं बिजली विभाग और नगर निगम की लापरवाही से दिन में भी जलतीं मेन सिटी की स्ट्रीट लाइट्स के चलते हजारों यूनिट बिजली यूं ही बर्बाद हो जा रही है।
एक प्वॉइंट लेकिन बंद नहीं कर सकते
बता दें, नगर निगम ने स्ट्रीट लाइट्स जलाने के लिए सिंगल फेज की कुल 65 किमी लंबी लाइन का तार बिछाया हुआ है। पथ प्रकाश प्रभारी संजय शुक्ला की मानें तो सिटी में लगभग 100 मीटर पर एक स्ट्रीट लाइट प्वॉइंट लगा है। हर 100वें प्वॉइंट पर एक स्विच लगा होता है जिसे बंद करने से 100 स्ट्रीट लाइट्स एक साथ बंद हो जाते हैं। लेकिन नगर निगम के जिम्मेदारों का कहना है कि वे चाह कर भी ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि बिजली विभाग ने इस तार पर ही घरों को कनेक्शन दे दिया है। जिसके चलते इन प्वॉइंट्स को अगर बंद किया जाए तो इन घरों में भी अंधेरा हो जाएगा। इसी कारण दिन में भी शहर की लगभग 3000 स्ट्रीट लाइट्स जलती ही रह जाती हैं।
दिन में बिजली बर्बाद करने वाले वार्ड
वार्ड स्ट्रीट लाइट की संख्या (लगभग में)
1 400
9 500
11 600
13 350
17 200
20 300
24 200
35 350
45 300
46 200
50 वार्डो पर हुई रिसर्च
शहर के 50 वार्डो पर रिसर्च की गई। इनमें सिविल लाइंस प्रथम व द्वितीय, बेतियाहाता, धर्मशाला बाजार की स्थिति कुछ ठीक है। दिलेजाकपुर, घोषीपुरवा, रुस्तमपुर, जटेपुर उत्तरी, जटेपुर रेलवे कॉलोनी, बसंतपुर, रायगंज दक्षिणी, तिवारीपुर, हांसूपुर के अंदरूनी एरिया में अगर कोई जाए तो रात को बंद स्ट्रीट लाइट और दिन में जलते स्ट्रीट लाइट दिख जाएंगे। रिसर्च में सामने आया कि शहर के ज्यादातर मोहल्लों की खराब स्ट्रीट लाइट्स पिछले छह माह से बदली ही नहीं गई हैं।
वार्डो में स्ट्रीट लाइट्स की स्थिति की रेटिंग
वार्ड 1 से 10 - 2
11 से 20 - 3
21 से 30 - 3.2
31 से 40 - 5
41 से 50 - 4
शहर की ओवर ऑल स्थिति
1 से 50 वार्ड में - 3.5
यह हो तो सुधर जाएं हालात
- रात को स्ट्रीट लाइट जलती रहें।
- शहर के सभी स्ट्रीट लाइट्स को एलईडी में परिवर्तित किया जाए।
- हर दस प्वॉइंट पर एक स्विच लगाया जाए।
- मोहल्लों की पब्लिक को भी लाइट जलाने और बुझाने के लिए जागरूक किया जाए।
- खराब स्ट्रीट लाइट्स को तत्काल बदलने की व्यवस्था की जाए।
कॉलिंग
स्ट्रीट लाइट्स की व्यवस्था को लेकर नगर निगम बिल्कुल ही लापरवाह है। खराब स्ट्रीट लाइट्स को बदलने के लिए भी कुछ नहीं किया जाता। दिन में जलतीं लाइट्स से बिजली बर्बादी पर भी कोई ध्यान नहीं देता।
- आमिर अहमद, स्टूडेंट
नगर निगम और बिजली विभाग ने मिलकर शहर में स्ट्रीट लाइट्स की प्रॉब्लम खड़ी कर दी है। अगर दिन में स्ट्रीट लाइट बंद रहते तो शहर में यह स्थिति नहीं बनती।
- डॉ। राजिउर रहमान, सर्विसमैन
नगर निगम की लापरवाही से शहर में यह समस्या है। बारिश शुरू हो गई है ऐसे में रात को स्ट्रीट लाइट न जलने से मोहल्ले की टूटी हुई सड़कें एक्सीडेंट प्वॉइंट के रूप में तब्दील हो जाती हैं।
- अलाउद्दीन अंसारी, सर्विसमैन
नगर निगम को शहर की स्ट्रीट लाइट को एलईडी में तब्दील करने का कार्य कर देना चाहिए। इससे शहर की ही बिजली बचती और नगर निगम को भी फायदा होता। लेकिन पिछले डेढ़ साल से एलईडी के लिए नगर निगम केवल दावे ही कर रहा है।
- आशीर्वाद, स्टूडेंट
वर्जन
क्या कहते हैं सहायक नगर आयुक्त संजय शुक्ला
सवाल - शहर के प्रमुख एरियाज में दिन में भी स्ट्रीट लाइट्स जलती रहता हैं। इस बिजली बर्बादी को रोकने के लिए कुछ क्यों नहीं किया जाता?
जवाब - ये समस्या बिजली विभाग की लापरवाही के चलते हुई है। उन्होंने नगर निगम के तार पर ही घरों को भी कनेक्शन दे दिया है। ऐसे में स्ट्रीट लाइट्स के स्विच बंद करने पर उन घरों की बिजली भी बंद हो जाएगी। इसीलिए हम चाह कर भी ऐसे प्वॉइंट्स को बंद नहीं कर सकते।
सवाल - वहीं, बहुत से वार्डो में स्ट्रीट लाइट्स रात को भी नहीं जलतीं। इस बारे में क्या कहेंगे?
जवाब - मोहल्लों में खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट्स के बारे में निगम गंभीर है। कोशिश है कि जल्द से जल्द सभी एरियाज में दिक्कत दूर कर दी जाए।
सवाल - स्ट्रीट लाइट्स को एलईडी से बदलने की योजना का भी शहर में कोई खास असर नहीं दिखता। ये कार्य क्यूं नहीं किया जा रहा?
जवाब - एलईडी योजना में तकनीकी प्रॉब्लम आ जाने के कारण शासन ने स्वीकृति नहीं दी थी। फिर से प्रस्ताव भेजा गया है, उम्मीद है कि जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी।