रिएलिटी चेक

- मेला रूट की स्ट्रीट लाइट पड़ी खराब, अंधेरे में हो सकती है कोई दुर्घटना

GORAKHPUR: तीन दिन बाद दशहरा मेले को लेकर शहर की सड़कों पर चहल-पहल होने वाली है। मेले की रौनक रात में ही अधिक होती है लेकिन इस बार नगर निगम की लापरवाही मेला घूमने वालों पर भारी पड़ सकती है। शहर में लगभग 10 किमी लंबे मेला रूट पर 500 से अधिक स्ट्रीट लाइट लगी हैं लेकिन इनमें अधिकतर खराब हैं। इस कारण 10 किमी। में 4 किमी। रूट अंधेरे में होगा जिससे कोई भी हादसा हो सकता है। आई नेक्स्ट टीम ने मंगलवार को मेला वाले रूट का रात नौ से 10 बजे तक रिएलिटी चेक किया और लाइटिंग की हकीकत जांची।

मोहद्दीपुर से यूनिवर्सिटी चौराहा

मेला की भीड़- दो लाख

मोहद्दीपुर से यूनिवर्सिटी चौराहा की दूरी लगभग एक किमी है। इस रास्ते में केवल दो जगह लाइट दिखी। इस रास्ते से मोहद्दीपुर से रेलवे स्टेशन और दुर्गाबाड़ी दर्शन करने वाले आते हैं। रेलवे गेस्ट हाउस के पास और फिर पेट्रोल पंप के पास दो जगह ही लाइट दिखी। यानी पूरे एरिया में नगर निगम का एक भी स्ट्रीट लाइट रोशनी के लिए नहीं है।

यूनिवर्सिटी से छात्रसंघ चौराहा

मेला की भीड़- एक लाख

बिलंदपुर, इंदिरानगर, पैड़लेगंज और दाउदपुर के लोगों को रेलवे स्टेशन मेला घूमने जाने के लिए यही रास्ता है। इन एरिया के लोग छात्रसंघ चौराहा आते हैं और यहां से यूनिवर्सिटी गेट होते हुए रेलवे स्टेशन आते हैं। यहां पर छात्र संघ चौराहा से लेकर यूनिवर्सिटी गेट तक अंधेरा ही मिलता है। वहीं आरटीओ गेट पर तो हल्की रोशनी भी नहीं दिखती। यहां कई चेन स्नैचिंग की घटनाएं भी हो चुकी हैं।

कॉर्मल रोड

मेला की भीड़- एक लाख

भीड़ से बचने के लिए लोग इसी रास्ते से गुजरते हैं। वहीं रेलवे स्टेशन से मेला घूमने के बाद गोलघर काली मंदिर जाने वाले अधिकांश लोग इसी रास्ते से जाते हैं। रास्ते में पुलिस लाइन और रेलवे दोनों तरफ लगभग 15 स्ट्रीट लाइट के पोल लगे हुए हैं लेकिन इसमें तीन ही जलते मिले। रास्ते पर सन्नाटा पसरा दिखा।

हरिओम नगर तिराहा से इंदिरा बाल बिहार

मेला की भीड़- एक लाख

रुस्तमपुर और बेतियाहाता एरिया के जो लोग दशहरा मेला घूमने आते हैं। उनके लिए यह रूट सबसे नजदीक पड़ता है। इसके अलावा मेला घूमने के बाद लोग नाश्ता करने के लिए इंदिरा बाल बिहार इसी रास्ते से आते हैं। डीवीएनपीजी कॉलेज से लेकर इंदिरा बाल बिहार तक लगभग 100 मीटर की दूरी है, लेकिन यहां पर एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं जलती मिली।

बॉक्स

मेला में दस लाख से अधिक की भीड़

दशहरा मेला में मां दुर्गा की प्रतिमाएं व आकर्षक पंडाल देखने के लिए लोग शाम में ही घर से निकल जाते हैं। देर रात तक लाखों की भीड़ रोड पर होती है। शहर के साथ ही आसपास के जिलों, बस्ती मंडल के अलावा बिहार के गोपालगंज और सिवान तक से भी लोग घूमने आते हैं। जिला प्रशासन के आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां तीन दिन रात को और एक दिन दिन में सबसे अधिक भीड़ रहती है। अष्टमी को जैसे ही मां दुर्गा विराजती हैं, रात को भीड़ आनी शुरू हो जाती है। यहां डेली कम से कम 10 लाख मेला घूमने और मां दुर्गा का दर्शन करने आते हैं।

यह हैं मेला रूट

पहला रूट- मोहद्दीपुर-रेलवे स्टेशन-गोलघर कालीमंदिर-धर्मशाला बाजार-बाबीना रोड-दुर्गाबाड़ी

दूसरा रूट- छात्रसंघ चौराहा-यूनिवर्सिटी चौराहा-रेलवे स्टेशन-गोलघर कालीमंदिर-धर्मशाला बाजार-बाबीना रोड-दुर्गाबाड़ी

तीसरा रूट- गोलघर काली मंदिर-रेलवे स्टेशन-धर्मशाला बाजार-दुर्गाबाड़ी

चौथा रूट- गोलघर काली मंदिर-असुरन चौक-गीता वाटिका