- मार्केट में बिक रहा कार्बाइड से पकाया फल

- कुट्टू के आटा से लेकर साबूदाना तक नकली

- नकली कपूर खरीदना बना आस्तिकों की मजबूरी

GORAKHPUR:

नवरात्र आज से शुरू हो चुका है। जहां एक तरफ भक्त आस्था के सामान जुटा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ बाजार में कुछ खुराफाती तत्व आस्था में जहर घोलने की तैयामें हैं। जहां फलों को हानिकारक केमिकल से पकाया जा रहा है। वहीं फलाहार में इस्तेमाल होने वाले कुट्टू के आटे और साबूदाने में भी मिलावट हो रही है। हद तो यह है कि पूजापाठ के सामानों को भी नहीं छोड़ा गया है। बाजार में नकली कपूर जोरों पर बिक रहा है।

केमिकल से पका रहे केला

पूर्वाचल की सबसे बड़ी मंडी है महेवा। सिर्फ शहर ही नहीं, आस-पास के जिलों में भी यहां से फल सप्लाई होता है। इसी मंडी में केले को केमिकल से पकाने का खेल जोरों पर चल रहा है। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने खुद अपनी आंखों से केमिकल मिलाकर केले को पकाते हुए देखा। केला बेचने वाले शख्स ने एक खास केमिकल की कुछ बूंदें पानी में मिलाई। इसके बाद उसने केले को उसमें डुबाना शुरू कर दिया। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब उससे इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि केले का रंग तो पीला नहीं होता। लेकिन कुछ घंटों के बाद केला खाने लायक पक जाता है।

यह होती है बीमारी

-उल्टी-दस्त

-डायरिया

-एनीमिया

-लो ब्लड प्रेसर

-पेट में छाले पड़ना

- पेट में गैस बनाना आदि

वर्जन

फलों को अगर हानिकारक रसायन से पकाया जाता है तो वह कई बीमारी को जन्म देती है। शरीर के हार्मोस पर भी अटैक करती है। जिसकी वजह से उसके लीवर के साथ शरीर को प्रभावित करती है। रसायन से पकाए जाने वाले फल जानलेवा हो सकती है।

डॉ। केके शाही

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बॉक्स

फलों के रेट भी बढ़े

फल दस दिन पहले वर्तमान रेट

सेब 100-120 120-140

केला 20-25 30-35

अनार 100-120 120-140

मौसमी 50-55 60-70

अनन्नास 25-30 35-40

नारियल 15-20 25-30

पूजा सामग्री के दामों में इजाफा

चुनरी - 20 -250

घड़ा--- 30-40

मूर्ति - 100-150

माला-100-250

रक्षासूत्र -10 -20

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नकली कपूर से कैसे खुश होंगे भगवान

- बच्चों और बीमारों के लिए बहुत ही खतरनाक है यह कपूर

saurabh.upadhyay@inext.co.in

नवरात्र में आरती पूजा के लिए लोग कपूर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि बाजार में बड़े पैमाने पर नकली कपूर बिक रहा है। यह नकली कपूर देवी मां को तो नाराज करेगा ही। साथ ही आपको भी बीमार बना सकता है। खास तौर पर बच्चों के लिए यह बेहद नुकसानदायक है।

मार्केट में आया नकली कपूर

व्यापारी विनोद अग्रहरि ने बताया कि त्याहारों के समय मार्केट में पूजा के सामानों की भरमार हो जाती है। एक साथ कई त्योहार आने के कारण इसके कारोबारी इसे आसानी से खपा देते हैं। श्रद्धालुओं को नकली और असली कपूर की पहचान न होने के कारण ज्यादातर लोग इसी कपूर को खरीदते हैं, लेकिन मंदिर के पुजारियों के सामने इन कपूर से एक संकट खड़ा होने लगा है। नौ दिन में ही मंदिर की दीवारें काली हो जाती हैं। बिछिया के दुर्गा मंदिर के एक पुजारी ने बताया कि कपूर का धुआं लगने से आंख में जलन होने लगती है।

ऐसे करें असली-नकली की पहचान

व्यापारी विनोद अग्रहरि ने बताया कि असली कपूर की पहचान कोई भी अपने घर पर ही कर सकता है।

-असली कपूर अगर खुले में रखा जाए तो वह उड़ता जाएगा और उसमें चिकनाहट बढ़ती जाएगी।

-अगर कपूर नकली है तो अगर उसे खुले में रखेंगे तो वह उड़ेगा नहीं, बल्कि परत बनकर फैल जाता।

-असली कपूर का धुआं काला तो होगा, लेकिन दीवार पर वह चिपकेगा नहीं।

-वहीं नकली कपूर जलाने में हल्के नीले रंगा का धुंआ निकलेगा। इसका धुआं अगर किसी के आंख में हल्का भी चला जाएगा तो तेज जलन होने लगती है।

नकली कपूर का नुकसान

-इस नकली कपूर में हैक्सा माइन की मात्रा होने के कारण काला धुंआ आता है।

-इससे सांस फूलने की समस्या के साथ-साथ आंख में जलन की समस्या हो रही है।

-नकली कपूर से मंदिर और घर की दीवारें भी काली होती हैं।

-बच्चों, वृद्धों और दमा के पेशेंट पर इसका ज्यादा बुरा असर पड़ता है।

वर्जन

नकली कपूर के धुएं की चपेट में जो भी लोग आ रहे हैं, वह तत्काल ठंडे पानी से अपने आंख और चेहरे का धोए और खुली हवा में सांस ले। अगर मामला गंभीर है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

-डॉ। रवि आनंद, चेस्ट विशेषज्ञ, बीआरडी मेडिकल कालेज