- मनकापुर के पास 12541 गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस की पांच बोगियां सिग्नल ओवरशूट कर आगे बढ़ीं
- हाल ही में ओवरशूट की वजह से नंदानगर में गोरखनाथ और लखनऊ-बरौनी में हुई थी भिड़ंत
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : रेलवे में लापरवाही का सिलसिला थम नहीं रहा है। मनकापुर में एक बार फिर से सिग्नल ओवरशूटिंग का मामला सामने आया है। जिसमें स्टेशन मास्टर की एक्टिवनेस और गार्ड की सूझबूझ की वजह से गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस बड़े हादसे का शिकार होते बच गई। इससे पहले नंदानगर में सिग्नल को अनदेखा करने की लापरवाही एक दर्जन पैसेंजर्स की जान ले चुकी है।
00:45 पर मनकापुर में हुआ सिग्नल ओवरशूट
रात 21:50 पर गोरखपुर-एलटीटी एक्सप्रेस गोरखपुर से रवाना हुई। करीब 00.45 पर जब वह मनकापुर पहुंची तो वहां स्टॉपेज न होने की वजह से ड्राइवर ने सिग्नल पर ध्यान नहीं दिया और गाड़ी आगे बढ़ा दी। सिग्नल रेड होने पर भी जब गाड़ी नहीं रुकी तो स्टेशन मास्टर ने वॉकी-टॉकी पर ट्रेन को रोकने के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया। ट्रेन के गार्ड अशोक कुमार सिंह ने जब वॉकीटॉकी पर स्टेशन मास्टर की बात सुनी तो उन्होंने सूझबूझ का परिचय देते हुए गार्ड केबिन में मौजूद इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोका।
5 डिब्बे बढ़ चुके थे आगे
मनकापुर रेलवे स्टेशन मास्टर की एक्टिवनेस के बाद जब ट्रेन रोकी गई, तो इस दौरान तक एलटीटी के 5 डिब्बे आगे बढ़ चुके थे। ट्रेन रुकने के बाद फिर इसे सिग्नल के पीछे करवाया गया। 12541 आगे बढ़ने की वजह से एक बड़ा हादसा हो सकता था, क्योंकि जिस ट्रैक पर एलटीटी आगे बढ़ रही थी, सेम ट्रेक पर गोंडा पैसेंजर भी जा रही थी। घटना के बाद करीब 3 घंटे तक गोरखपुर-एलटीटी मनकापुर स्टेशन पर खड़ी रही, जिसकी वजह से उसके पैसेंजर्स काफी परेशान रहे।
ड्राइवर्स को चेंज कर आगे बढ़ी ट्रेन
सिग्नल ओवरशूटिंग के इस मामले में प्राइमरी लेवल पर ड्राइवर की लारवाही सामने आई है। इसलिए तात्कालिक तौर पर दोनों ही लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट को वहीं मनकापुर में उतार दिया गया, उनके बदले स्टेशन से दूसरे लोको पायलट गाड़ी लेकर आगे गए। इस मामले में दोनों ड्राइवर्स के साथ एक फोर सिग्नल मैन को सस्पेंड कर दिया गया है, वहीं मामले की जांच के लिए चार मेंबर्स की कमेटी फॉर्म की है, जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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नंदानगर में भी ट्रेन ने किया था ओवरशूट
सिग्नल ओवरशूट का मामला कोई छोटी लापरवाही नहीं है, क्योंकि 6 अक्टूबर को सिग्नल ओवरशूट की वजह से ही एक दर्जन पैसेंजर्स की जान चली गई थी। इस दौरान कृषक एक्सप्रेस सिग्नल ओवरशूट कर लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस से टकरा गई थी। इस हादसें में 12 लोगों की जान चली गई थी, वहीं 50 से ज्यादा पैसेंजर्स घायल हो गए थे। इमरजेंसी ब्रेक भी कोई काम नहीं आया था और लखनऊ-बरौनी की दो बोगियां डैमेज हो गई थीं।