गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर में बैठे जिम्मेदार सीएम सिटी होने के बाद भी शिकायतों को सीरियसली नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश स्तर पर जारी होने वाली रैंकिंग के निस्तारण में गोरखपुर को 61वीं रैकिंग मिली है। प्रशासनिक अधिकारियों अपनी फेल्योर का ठीकरा उन विभागों पर थोप रहे हैं, जहां जहां डिफॉल्टर केस की संख्या ज्यादा है। मगर सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इन विभागों से समस्याओं के निस्तारण की जिम्मेदारी किसकी है, वह इन विभागों के साथ सख्ती से क्यों नहीं पेश आते हैं। जो भी हो, लेकिन फिलहाल रैंकिंग में गोरखपुर की पोजीशन प्रदेश स्तर पर खूब किरकिरी करवा रही है।
ताकि नहीं लगाने पड़े चक्कर
बता दें, आईजीआरएस पोर्टल पब्लिक की सुविधा के लिए बनाया गया है, ताकि लोग अपनी शिकायत के लिए अधिकारियों के दफ्तर चक्कर लगाने के बजाए वे घर बैठे ही शिकायत दर्ज करा लें, लोग कराते भी हैैं, लेकिन उनके निस्तारण में मौके का मुआयना किए बगैर ही कई बार निस्तारण भी कर दिया जाता है। फिर भी पब्लिक का भरोसा जीतने के लिए शासन स्तर पर प्रदेश भर में रैकिंग जारी की जाती है, रैैंकिंग में गोरखपुर का लगातार परफॉर्मेंस लगातार खराब होती जा रही है।
बिजली-पुलिस भी डिफॉल्टर
जुलाई महीने में प्रदेश भर में आई रैैंकिंग में गोरखपुर 61वीं रैैंकिंग आई है। वहीं जिन विभागों की वजह से गोरखपुर की छवि खराब आई है, उन विभागों में बिजली विभाग, पुलिस, रोडवेज, पीडब्लूडी, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग आदि शामिल हैैं। इन सभी विभागों को नोटिस भी दिए जाने की तैयारी की गई है।
प्रदेश भर में छह जिले की सेम रैैंकिंग
प्रदेश भर में टॉप 10 वाले जिले में छोटे जिले शामिल हैैं। प्रदेश के पहली रैकिंग में पीलीभीत, सोनभद्र, गौतमबुद्धनगर, बलरामपुर, भदोही, हमीरपुर व बरेली है। यह सभी 130 में कुल 128 नंबर हासिल किए हैैं। वहीं सातवें नंबर खीरी, महोबा, बरेली, शाहजहांपुर व बागपत जिला शामिल है। जबकि प्रयागराज 22वें, वाराणसी 61वें, आगरा 68वें, मेरठ 30वें, लखनऊ व कानपुर शहर को संयुक्त रूप से 52 रैैंक प्राप्त हुए हैैं।
गोरखपुर जिला के अंतर्गत आने वाले तहसील स्तर की रैैंकिंग
तहसील - रैैंकिंग
सदर - 194
कैंपियरगंज - 17
चौरीचौरा - 75
बासगांव - 75
खजनी - 107
गोला - 168
सहजनवां - 75
गोरखपुर-बस्ती मंडल के जिले
जिला - प्रदेश रैैंकिंग - एचीव माक्र्स
गोरखपुर - 61 - 121
देवरिया - 52 - 122
कुशीनगर - 68 - 119
महाराजगंज - 46 - 123
बस्ती - 38 - 124
संतकबीर नगर - 46 - 123
सिद्धार्थनगर - 52 - 123
नोट - प्रदेश स्तर पर होने वाले रैैंकिंग में कुल 130 नंबर का पूर्णांक है।
जिला - प्रदेश रैैंकिंग - एचीव माक्र्स
प्रयागराज - 22 - 125
वाराणसी - 61 - 121
बरेली - 7 - 127
आगरा - 68 - 119
मेरठ - 39 - 124
लखनऊ - 52 - 122
कानपुर शहर - 52 - 122
नोट - प्रदेश स्तर पर होने वाले रैैंकिंग में कुल 130 नंबर का पूर्णांक है।
केस वन
खजनी तहसील के राउतपार निवासी शिवम ने आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज कराई है कि राउतपार में 15 परिवार ऐेसे हैैं जहां आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। लिखित रूप से दो वर्ष पहले पूर्व विधायक संत प्रसाद के लेटर पैड पर लिखवाकर दिया जा चुका है। उसके बाद भी नोडल अधिकारी सोमदत्त शर्मा को भी डीएम की मीटिंग में इस बात को नहीं रखा गया। नौकरशाहों के कान पर अब तक जू नहीं रेगा है।
केस टू
सदर तहसील के जंगल कौडिय़ा ब्लॉक अंतर्गत उसका गांव निवासी बिक्की ने आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज कराई है कि उनके यहां का ट्रांसफार्मर जले काफी दिन हो गए, लेकिन बिजली विभाग की तरफ से कोई सुनवाई नहीं की गई। जबकि कई बार निवेदन किया गया जल्द से जल्द ट्रांसफार्मर लगवाने का कष्ट करें। लेकिन कोई नहीं सुना। जबकि अधिशासी अभियंता विद्युत गोरखपुर को प्रेषित है।
आईजीआरएस की रैंकिंग आ गई है। प्रदेश भर में गोरखपुर 61वीं रैंक पर है। ज्यादातर विभाग में डिफॉल्टर पाए गए हैैं। निस्तारण के मामले में क्वालिटी सुधरी है, लेकिन जो समय मामलों का निस्तारण हो जाना चाहिए था, उसमें कुछ विभागों ने उदासीनता बरती है। ऐेसे विभागों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सख्ती से कार्रवाई भी की जाएगी।
कृष्णा करुणेश, डीएम