- गोरखपुर, बस्ती मंडल की समीक्षा के बाद बोले एडीजी
- इच्छाशक्ति की कमी से नहीं हो पा रही ऑनलाइन एफआईआर
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : गोरखपुर और बस्ती मंडल की कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान एडीजी सीसीटीएनएस पर ज्यादा फोकस रहे। गोरखपुर जिले में सीसीटीएनएस की दुर्गति पर उन्होंने अफसोस जताया। कहा कि प्रदेश के सभी थानों को हार्डवेयर और साफ्टवेयर मुहैया करा दिया गया है। इच्छाशक्ति की कमी से गवर्नमेंट की महत्वपूर्ण योजना गोरखपुर में शुरू नहीं हो सकी। इसे शुरू कराने का निर्देश आईजी, डीआईजी को दिया गया है।
हर मामले की दर्ज की जाए एफआईआर
एडीजी ने कहा कि एफआईआर दर्ज न करने की शिकायतें सामने आई हैं। इसलिए सभी को कहा गया है कि वे हर मामले में एफआईआर दर्ज करें। मुकदमों का सही पंजीकरण और घटनाओं का सही वर्कआउट किया जाए।
थानों पर रखा जाए शिकायतकर्ता का रिकार्ड
एडीजी ने कहा कि थानों पर शिकायतकर्ताओं का कोई रिकार्ड नहीं रखा जाता। इससे वह अफसरों के यहां चक्कर लगाते हैं। सभी थानों पर शिकायत रजिस्टर रखा जाए। शिकायतकर्ता की बात एसओ सुनें। किसी भी घटना में कोई लापरवाही न की जाए। लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जाए।
जेल में जैमर लगाने, फोन कॉल रोकने का होगा इंतजाम
प्रदेश की जेलों में बंद शातिर बदमाशों के मोबाइल यूज करने का मुद्दा भी एडीजी के सामने उठा। एडीजी ने कहा कि जेलों में जैमर लगाने, बदमाशों के मोबाइल फोन्स यूज करने के बारे में एडीजी जेल से बात हुई है, इस पर काम चल रहा है। इसका परिणाम जल्द ही नजर आने लगेगा। रंगदारी की घटनाओं में फेक आईडी पर यूज होने वाली सिम की जांच करने को कहा। एडीजी ने कहा कि फर्जी नाम, पते से सिम बेचने वाले दुकानदारों पर भी कार्रवाई की जाए।