- इलाज के बाद सिरिंज, रूई, पट्टी खुले में फेंक देते हैं प्राइवेट हॉस्पिटल वाले
- मानव, पशु जीवन के साथ ही पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है बायो मेडिकल वेस्ट
- हेल्थ डिपार्टमेंट व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी गंभीर नहीं
GORAKHPUR: सिटी में चलने वाले गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स हो या प्राइवेट, इनसे निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट खुले में ही फेंक दिए जा रहे हैं। जो आदमी, जानवर से लेकर पर्यावरण तक को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे उस एरियाज में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ता जा रहा है। हैरत यह कि स्वास्थ्य विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना हुआ है।
सिटी में 350 हॉस्पिटल्स
गोरखपुर सीएमओ ऑफिस में 350 छोटे बड़े हॉस्पिटल, नर्सिग होम व मैटर्निटी होम्स रजिस्टर्ड हैं। हालांकि हकीकत में यह संख्या 400 के आसपास है। हैरत की बात है कि स्वास्थ्य विभाग रजिस्टर्ड हॉस्पिटल्स की भी निगरानी नहीं कर पाता। इस कारण प्राइवेट हॉस्पिटल्स अपने यहां से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट लापरवाही से कहीं भी फेंक देते हैं। जबकि इसके निस्तारण के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। शनिवार को आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इसका रिएलिटी चेक किया तो हकीकत चौकाने वाली थी।
महिला अस्पताल में दिखी लापरवाही
मेडिकल वेस्ट के निस्तारण में प्राइवेट हॉस्पिटल्स तो लापरवाही कर ही रहे हैं, खुद जिला महिला अस्पताल भी लोगों की जान खतरे में डालने में पीछे नहीं है। यहां वेस्ट को अस्पताल परिसर में ही जलाया जा रहा है। अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर के पीछे बड़ी मात्रा में बॉयो मेडिकल वेस्ट फेंका दिखा। उसे जलाने की कोशिश की गई थी। कुछ वेस्ट जल गया था तो कुछ वैसे ही पड़ा था। वहां कचरे में सिरिंज, रूई, पट्टी, बोतल के साथ इंजेक्शन भी पड़े थे।
बरत रहे लापरवाही
बायो मेडिकल वेस्ट के लिए हॉस्पिटल्स में अलग-अलग रंग के डिब्बे रखे होने चाहिए। इन अलग-अलग डिब्बों में अलग-अलग सामान जैसे रूई, सिरिंज आदि रखना होता है। लेकिन, गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स तक इस मानक को पूरा नहीं कर रहे हैं।
वर्जन
अगर कचरे का निस्तारण प्रॉपर तरीके से नहीं किया जा रहा है और बॉयो मेडिकल वेस्ट खुले में फेंका जा रहा है तो यह ठीक नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- एसबी सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड
बॉक्स
ऐसे करना है निस्तारित
सिटी में संचालित बीआरडी मेडिकल कॉलेज और रेलवे अस्पताल के पास बायो मेडिकल वेस्ट को निस्तारित करने के लिए अपना प्लांट है लेकिन अन्य गवर्नमेंट व प्राइवेट हॉस्पिटल्स के लिए खलीलाबाद के मेडिकल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड को ठेंका मिला है। बोर्ड की तरफ से ऐसी व्यवस्था की गई है कि उसकी गाड़ी सभी हॉस्पिटल्स से मेडिकल वेस्ट उठाकर उसे निस्तारण के लिए ले जाती है।
यह है हकीकत
बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए कॉमन फैसलिटीज नाम से कमेटी बनाई गई है। सभी हॉस्पिटल्स को इसका मेंबर बनाना है लेकिन अभी तक मात्र सिटी के 25 फीसदी हॉस्पिटल्स ही इसके मेंबर हैं। बोर्ड की गाड़ी सिर्फ मेंबर हॉस्पिटल्स से ही वेस्ट लेती है। बाकी हॉस्पिटल्स न तो खुद इस कमेटी का मेंबर बने और न ही स्वास्थ्य विभाग या पॉल्युशन कंट्रोल डिपार्टमेंट ही इन पर सख्ती बरत सका। इस कारण 75 फीसदी हॉस्पिटल्स लापरवाही से अपना वेस्ट कहीं भी फेंक देते हैं या जला देते हैं।