-13 लाख की आबादी वाले शहर में डेंगू से लड़ने के लिए सिर्फ छह लोग हुए तैनात

-पांच लोगों की मौत के बावजूद हेल्थ डिपार्टमेंट का रवैया अभी भी लचर

GORAKHPUR: गोरखपुर में डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है। अब तक पांच मौतें हो चुकी हैं। करीब 100 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग अभी भी गंभीर नहीं हो रहा है। शासन के तमाम निर्देशों के बाद विभाग ने जो एहतियाती कदम उठाए हैं, वह डेंगू जैसी बीमारी के सामने 'ऊंट के मुंह में जीरा सरीखे ही हैं.' शहर की 13 लाख की आबादी के लिए सिर्फ दो जांच टीमें बनाई गई हैं। इन दो टीमों में तीन-तीन यानी कुल छह लोग हैं। अगर शहर के 76 वार्डो के हिसाब से इन छह लोगों की ड्यूटी लगाई जाए तो एक आदमी के जिम्मे करीब 13 वार्ड आएगा। हेल्थ डिपार्टमेंट का दावा है कि डेंगू की पुष्टि होने के बाद टीम मौके पर जाकर इलाके का जायजा लेती है। लेकिन जमीनी स्तर पर यह टीम डेंगू से कितना लड़ पाएगी, इसका जवाब तो स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार ही दे सकते हैं।

हेल्प डेस्क भी भवान भरोसे

डेंगू से लोगों को अवेयर करने के लिए जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में हेल्प डेस्क बनाया गया है। साथ ही एक काउंसलर की नियुक्ति भी की गई। यह अस्पताल में आए लोगों को डेंगू से जागरूक करने के साथ ही उन्हें उसके लक्षण और बचाव की जानकारी देना है लेकिन हकीकत में यहां सिर्फ बोर्ड ही लगा हुआ है।

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दो और मरीज पहुंचे अस्पताल

डेंगू के प्रकोप से दो और मरीज अस्पताल पहुंच गए। गुरुवार को जिला अस्पताल के पैथोलॉजी में बुखार के दस मरीजों का एलाइला टेस्ट हुआ। जांच रिपोर्ट में गोरखपुर जिले के खजनी की पांच वर्षीय शिवानी और देवरिया जिले के बनकटा निवासी 33 वर्षीय राकेश में डेंगू की पुष्टि हुई।

मौत के बाद पहुंची हेल्थ टीम

बड़हलगंज एरिया के रहने वाले मोनू की डेंगू से मौत के बाद हेल्थ विभाग की टीम गुरुवार को गोरखनाथ चिकित्सालय पहुंचे। वहां से से विक्की का ब्लड लिए भेज दिया।

यहां है डेंगू का डंक

-सिविल लाइंस

-रूस्तमपुर

-कैंट

-बड़हलगंज

-खजनी

-बांसगांव

-डेरवा

-झगहां

-गोला

यह कहता है आंकड़ा

- 329 की हो चुकी है एलाइजा जांच

- 84 के रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि

- 05 की मौत बीआरडी व निजी अस्पताल में

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पब्लिक का भड़का गुस्सा, सीएचसी पर प्रदर्शन

डेंगू के बढ़ते प्रकोप से एरिया की पब्किल उग्र हो गई है। गुरुवार को नेता, व्यापारी, किसान और आम जनमानस ने एकजुट होकर सीएचसी पर धरना प्रदर्शन किया। सवा दो घंटे बाद पहुंचे, गोला एसडीएम गौरव श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से डेंगू किट, ब्लड की जांच और डॉक्टर की मौजूदगी की मांग की। सीएचसी बड़हलगंज में पांच डॉक्टर तैनात हैं। मगर गुरुवार को सिर्फ दो डॉ एसएन सिंह और डॉ। शैलेश पांडेय ही ओपीडी में मरीजों का चेकअप करते नजर आए। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी विधायक राजेश त्रिपाठी को दी। विधायक ने गायब डॉक्टर को रजिस्टर में भी अबसेंट कर दिया। साथ ही सीएमओ से शिकायत की।

वर्जन

बीमारी को लेकर हेल्थ विभाग प्रभावित इलाकों में दवा के साथ मरीजों का इलाज कर रही है। सफाई के लिए नगर निगम अपना काम कर रहा है। ग्रामीण एरिया में फागिंग के लिए निर्देश दिए गए है। टीमें प्रभावित जगहों पर घुस कर मानिटरिंग कर रही है। जहां भी कमियां पाई जा रही है उसे दूर किया जा रहा है।

डॉ। रविंद्र कुमार, सीएमओ

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ये पब्लिक है सब जानती है

डेंगू को लेकर सभी डरे सहमे हैं। बुखार होते ही लोग अस्पताल का रुख कर रहे हैं। लेकिन इलाके में सफाई पूरी तरह से नदारद है।

-प्रशांत कुमार वैश्य,

इलाके में साफ सफाई, दवा का छिड़काव और फॉगिंग नहीं होने की वजह से बुखार से लोग पीडि़त हो कर अस्पताल में एडमिट हो रहे।

-मोहसिन खान, अंधियारीबाग

पानी का जल जमाव व गंदगी से एरिया के लोग काफी परेशान है। सफाई कर्मी आते हैं लेकिन खानापूर्ति का लौट जा रहे है। यहां न तो दवा का छिड़काव होता है ना फागिंग।

मोअज्जम सिद्दीकी, मेवातीपुर

मुहल्ले में जल भराव और साफ सफाई व्यवस्था न होने की वजह से बीमारी ने दस्तक दे दिया है। लेकिन जिम्मेदार इधर झाक तक नहीं रहे है। जिसकी वजह से परेशानी बढ़ी है।

गुलाम मुस्तफा, नखास