-गोरखपुर को मिली 4 गोताखोर किट, दो एल्युमिनियम बोट
GORAKHPUR: हर साल बाढ़ से होने वाली सैकड़ों मौत और तबाही के मंजर को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने पहली बार गोताखोर किट मंगाई है। ये किट गोरखपुर के अलावा वाराणसी और इलाहाबाद में भी भेजी गई है। तीन लाख रुपए के बजट से आई किट पहन कर गोताखोर लगातार 45 मिनट तक पानी के अंदर रह सकेगा। इससे बाढ़ में काफी लोगों की जान बचाई जा सकेगी। साथ ही गोरखपुर में दो एल्युमिनियम बोट भी मिली है। बाढ़ को देखते हुए राप्ती के तट पर 26वीं बटालियन पीएसी की टीम तैनात कर दी गई है। साथ ही टीम को गोताखोर किट के बारे में ट्रेनिंग भी दी गई।
आटोमेटिक है बोट, हाइटेक हुए गोताखोर
पीएसी के प्रभाकर मिश्रा ने बताया कि गोरखपुर में हर साल बाढ़ आती है। सुरक्षा की दृष्टि से पीएसी की एक कंपनी को तट पर तैनात किया जाता है। पीएसी में ट्रेंड गोताखोर होते हैं। मगर तेज बहाव में गोताखोर के लिए भी जान बचाना मुश्किल होता था। मगर अब चार किट मिलने से यह संभव हो सकेगा। साथ ही 50 हार्सपॉवर की मिली दो एल्युमिनियम बोट की स्पीड अच्छी है। वे किसी भी पानी के बहाव में चल सकती है। एक बोट की क्षमता 12 लोगों की है। जबकि पहले 25 हार्सपॉवर की बोट थी। जो अक्सर बाढ़ के बहाव में असफल साबित हो जाती थी। साथ ही इस साल बाढ़ के लिए तैनात की गई पीएसी में 7 ट्रेंड गोताखोर हैं, जो प्रदेश के ट्रेंड 40 गोताखोरों में से हैं।