-फायर ब्रिगेड ने जिला पुलिस को लिखा पत्र, कहा-पटाखे के अवैध कारोबार पर लगाएं लगाम
- टाउनहाल में पटाखा की दुकानें नहीं लगाने की सिफारिश
GORAKHPUR:
दीपावली का त्योहार नजदीक आ रहा है। त्योहार के लिए मार्केट में सारी तैयारी शुरू हो चुकी है। दिवाली में मौके पर पटाखों का अवैध कारोबार अचानक बढ़ जाता है। चोरी-छिपे घनी आबादी में गोदाम बनाकर कारोबारी पटाखों का बिजनेस करते हैं। इससे हरदम बड़े खतरे की आशंका बनी रहती है। हर साल ऐसे दुकान-गोदाम के चलते घटनाएं होती है। इसलिए इस साल पुलिस को पूरा मामला संभालना होगा। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने जिला पुलिस को पत्र भेजकर अवैध कारोबार पर लगाम कसने की सिफारिश की है। अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक अग्निशमन अधिकारियों ने कह दिया है कि चेकिंग करके पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई कर सकती है। मानक के खिलाफ पटाखों को जमा करने, उनके बेचने पर पूरी तरह रोक हैं। यदि किसी क्षेत्र में कोई घटना होगी तो सीधे तौर पर वहां के एसओ, हलका इंचार्ज और सिपाही जिम्मेदार होंगे।
टाउनहाल में बड़ा खतरा है
फायर ब्रिगेड की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि शहर के बीचोंबीच स्थित कचहरी क्लब- टाउनहाल मैदान में दुकानें लगाना खतरे से खाली नहीं होगा। यहां पटाखा की दुकान लगने पर बड़े खतरे की आशंका जताई है। जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजकर अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने दुकान लगाने की अनुमति न देने की गुजारिश की है। साथ ही यह भी कहा है कि यदि कोई घटना होती है तो उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। टाउनहाल के ऑप्शन के रूप में चंपा देवी पार्क को बताया गया है।
नेतागिरी हो गई शुरू
टाउनहाल में दुकान लगाने में आ रही अड़चन की जानकारी मिलते ही पर पटाखा कारोबारी सक्रिय हो गए हैं। कुछ नेताओं ने जिला प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। यह लोग इसके पहले दुकान लगने का हवाला देकर दोबारा अनुमति देने को कह रहे हैं।
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इन वजहों से नहीं लग सकती दुकान
- मैदान से महज 20 कदम की दूरी पर सड़क किनारे पेट्रोल पंप है।
- मैदान से करीब 30 कदम दूर शहर का एक फेमस होटल है।
- टाउनहाल मैदान से सटे ही नगर निगम की बिल्डिंग है। दूसरी ओर जिला मजिस्ट्रेट का कार्यालय, पुलिस ऑफिस है।
- टाउनहाल के सामने से दो प्रमुख सड़कें गुजरती हैं। जिन पर दिनभर ट्रैफिक का भारी दबाव होता है।
- कोई हादसा होने पर भीड़ को काबू करने, मौके पर अग्निशमन दल के पहुंचने में प्रॉब्लम होगी।
-आसपास घनी आबादी, जिला अस्पताल होने से भारी जानमाल के नुकसान की संभावना है।
- किसी सरकारी बिल्डिंग, भीड़भाड़ वाली जगह पर विस्फोटक बेचने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
यहां घनी आबादी में गोदाम
- कोतवाली, राजघाट, गोरखनाथ, तिवारीपुर
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पहले पकड़े जा चुके हैं मामले
नवंबर 2015: गोरखनाथ एरिया के लच्छीपुर में एक लाइसेंस पर पटाखा की दो अवैध फैक्ट्री पकड़ी गई। क्राइम ब्रांच की टीम ने दबिश देकर कार्रवाई की।
10 नवंबर 2015: तिवारीपुर एरिया के जफर कॉलोनी में अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी। तिवारीपुर पुलिस की कार्रवाई में बड़ी मात्रा में पटाखे बरामद हुए।
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इन घटनाओं का दर्द नहीं भूलता
30 अप्रैल 2016: पिपराइच एरिया के जंगल धूसड़, पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट
11 अप्रैल 2016: सिद्धार्थनगर जिले के उसका बाजार में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, दो की मौत
19 मार्च 2016: कोतवाली एरिया में अवैध रंग पटाखा जलाने में युवती झुलसी।
वर्ष 2010: महराजगंज जिले के धानी बाजार में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, चार की मौत।
वर्ष 1998: रेती चौक के पास पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से तीन लोगों की जान गई।
वर्ष 2004: बेलीपार एरिया में खजनी रोड पर पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, चार लोगों की मौत, 12 से अधिक लोग घायल।
वर्ष 2005: गोरखनाथ एरिया के हुमायूपुर में पटाखा की दुकान में आग लगी, दुकानदार की बेटी हादसे का शिकार बनी।
22 मई 2013: चिलुआताल एरिया में अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लगी। एक महिला की मौत, छह से अधिक गंभीर हुए।
वर्ष 1998: रेती चौक के पास पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से तीन लोगों की जान गई।
वर्ष 2004: बेलीपार एरिया में खजनी रोड पर पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, चार लोगों की मौत, 12 से अधिक लोग घायल।
वर्ष 2005: गोरखनाथ एरिया के हुमायूपुर में पटाखा की दुकान में आग लगी, दुकानदार की बेटी हादसे का शिकार बनी।
22 मई 2013: चिलुआताल एरिया में अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लगी। एक महिला की मौत, छह से अधिक गंभीर हुए।
02 जून 2015: बेलीपार के हरैया में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, एक की मौत।
22 मई 2013: चिलुआताल एरिया में अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लगी। एक महिला की मौत, छह से अधिक गंभीर हुए।
02 जून 2015: बेलीपार के हरैया में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, एक की मौत।
25 अक्टूबर 2011: महराजगंज के रामपुर गांव में विस्फोट, 10 की मौत, कई घायल।
15 अक्टूबर 2015: चिलुआताल एरिया के मानबेला में अवैध फैक्ट्री के पास विस्फोट में दो बच्चे झुलसे।
22 मई 2013: चिलुआताल एरिया में अवैध पटाखा फैक्ट्री में आग लगी। एक महिला की मौत, छह से अधिक गंभीर हुए।
02 जून 2015: बेलीपार के हरैया में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, एक की मौत।