सड्डा हक
- अपने शहर में ट्रैफिक पुलिस की जगह पशुओं के जिम्मे हैं चौराहे
- पुलिस की मौजूदगी में भी जिधर से चाहते, उधर से निकल जाते लोग
GORAKHPUR: अपने सिटी में ट्रैफिक का हाल भला किससे छुपा है। चाहें सिटी की जिस रोड, जिस चौराहे से गुजर जाइए, कहीं कोई रोक-टोक नहीं। पुलिस खड़ी भी है तो फिक्र नहीं। नहीं है तो जरूरत नहीं। कहीं ट्रैफिक बूथ पर गाय-भैंस नजर आ जाएगी तो कहीं वीरानगी। कोई नियम-कायदा नहीं। हर तरफ लापरवाही ही लापरवाही। फिर चाहें वह ट्रैफिक पुलिस की अपनी ड्यूटी के प्रति हो या पब्लिक की अपनी जिम्मेदारी के प्रति। यहां न तो कहीं ट्रैफिक रूल के प्रति खुद पब्लिक गंभीर है और न ही इसका पालन कराने वाले। वर्षो से यही हाल है, ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है।
पुलिस वालों की कमी
अपने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था आज भी 20 साल पुराने मानक के अनुसार चल रही है। इस दौरान सिटी की आबादी बढ़ती गई, रोड पर वाहनों रेला बढ़ता गया, नए चौक-चौराहे बने, लेकिन इसके अनुसार पुलिस की तैनाती नहीं की गई, न ही संसाधन बढ़ाए गए। पुलिस की कमी के कारण जब भी जरूरत होती है ट्रैफिक व्यवस्था से हटाकर उन्हीं में से कुछ को वीआईपी ड्यूटी, मेला, जुलूस, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में लगा दिया जाता है। इनके अलावा रेलवे जीएम ऑफिस के पास, एयरपोर्ट जैसे जगहों पर भी ड्यूटी लगती है। इससे चौराहों पर पुलिस की कमी पड़ जाती है। किसी तरह थानों, चौकियों के कोआर्डिनेशन से ट्रैफिक व्यवस्था संभालने की कोशिश होती है।
बाप रे, इतने वाहन
- 759592 वाहन रजिस्टर्ड हैं आरटीओ में
- 27029 - ट्रांसपोर्ट व्हीकल
- 732563- नान- ट्रांसपोर्ट
- 63877 -स्कूटर
- 535999- बाइक
- 22179- मोपेड
- 44899 - फोर व्हीलर
- 16371- जीप और ट्रैक्टर
- 209- ट्रेलर
- 267592- अन्य वाहन
(नोट: आंकड़े आरटीओ के अनुसार, औसतन हर माह पांच हजार नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन होता है। आरटीओ का कहना है कि रोजाना दो लाख वाहनों का आवागमन शहर से होता है.)
यहां करते ड्यूटी
186 ट्रैफिक जंक्शन प्वाइंट हैं शहर में
22 चौराहों पर लगती है पुलिस वालों की ड्यूटी
ट्रैफिक की ताकत
टीआई 01
टीएसआई 01
हेड कांस्टेबल विशेष श्रेणी 10
हेड कांस्टेबल 10
ट्रैफिक कांस्टेबल 48
होमगार्ड्स 150
और इतने की है जरूरत
टीआई 02
टीएसआई 06
ट्रैफिक कांस्टेबल 51
यह हो तो बन जाए बात
- चौराहों का चौड़ीकरण, सुंदरीकरण कराया जाए।
- हर चौराहे की इंजीनियरिंग को दुरुस्त करने की आवश्यकता है।
- जिला पुलिस, ट्रैफिक पुलिस के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए।
- नगर निगम, जीडीए, बिजली विभाग और पीडब्ल्यूडी के बीच प्रॉपर को-आर्डिनेशन हो।
- शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संगठनों की ओर से जागरूकता के सार्थक प्रयास किए जाएं।
वर्जन
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए सभी विभागों के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत है। चौराहों के सुंदरीकरण और सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता है। संसाधन बढ़ाने के लिए पत्राचार किया गया है। ट्रैफिक पुलिस की तादाद बढ़ाने का प्रपोजल भेजा गया है।
डॉ। श्रीप्रकाश द्विवेदी, एसपी ट्रैफिक
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यहां-यहां है बत्ती की व्यवस्था
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इन चौराहों पर लगती है ट्रैफिक पुलिस
- गोलघर
- गणेश चौराहा
- काली मंदिर चौराहा
- कचहरी चौराहा
- अग्रसेन तिराहा
- विजय चौक
- तरंग चौराहा
- धर्मशाला बाजार
- असुरन चौक
- खजांची चौक
- मोहद्दीपुर
- टीपीनगर
- फलमंडी