- डीएम संध्या तिवारी ने दिए समीक्षा के दौरान जिम्मेदारों को दिए निर्देश
GORAKHPUR: गांव को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) बनाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से चल रही स्कीम में प्रधानों ने इंटरेस्ट नहीं दिखाया। इस वजह से अब भी बड़ी तादाद में गांव में लोग मैदानों में भी शौच कर रहे हैं। इसकी हकीकत जानने के लिए सीडीओ और जिला पंचायत राज अधिकारी ने समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पाया कि ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात सेक्रेटरी और ग्राम प्रधान, इस स्पेशल स्कीम में इंटरेस्ट नहीं ले रहे हैं। साथ ही गांव को ओडीएफ बनाने में सहयोग भी नहीं दे रहे हैं। इससे नाराज डीएम संध्या तिवारी ने सभी जिम्मेदारों को 10 नवंबर तक का वक्त देते हुए आखिरी वॉर्निग दी है कि इस पीरियड में कम से कम दो गांवों को ओडीएफ किया जाना मस्ट है। अगर जिम्मेदार ऐसा करने में फेल होते हैं, तो ऐसा माना जाएगा कि सचिव अपने दायित्वों को काफी हलके में ले रहे हैं और लापरवाही बरत रहे हैं और ऐसी कंडीशन में उनके खिलाफ विभागीय और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।