-जिला महिला अस्पताल का मामला

-संविदा डॉक्टर ने प्रसव के बाद बिना डिस्चार्ज किए प्रसूता को भेज दिया प्राइवेट हॉस्पिटल

-दस हजार रुपए लेने के बाद अगले दिन हॉस्पिटल वालों ने भगा दिया वापस

GORAKHPUR: प्रेग्नेंट लेडीज को सीढि़यां चढ़ने पर मजबूर करने वाले जिला महिला अस्पताल के जिम्मेदारों ने इस बार हद पार कर दी। एक डॉक्टर की गैर जिम्मेदारी और लालच के चलते प्रसूता की जिंदगी दांव पर लग गई। प्रसव के बाद डॉक्टर ने ऑक्सीजन की सुविधा न होने का हवाला देते हुए उसे जबरदस्ती अपनी पहचान के एक प्राइवेट हॉस्पिटल भेज दिया। जहां भर्ती कर उससे महंगी फीस वसूली गई और अगले दिन वहां से वापस जिला महिला अस्पताल भेज दिया गया। वापस आने पर जिला महिला अस्पताल से डॉक्टरों ने भगा दिया। दिनभर चले बवाल के बाद किसी तरह महिला को भर्ती कराया जा सका।

नहीं की जान की परवाह

खजनी एरिया के डांगीपार निवासी अभिषेक पांडेय की पत्नी निधि पांडेय गर्भवती थीं। शनिवार सुबह उन्हें तेज प्रसव पीड़ा हुई। परिजन आनन-फानन में उन्हें लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंचे। जहां संविदा पर तैनात डॉक्टर डॉ। एमडी बरमन ने मरीज को भर्ती कर अल्ट्रासाउंड जांच कराने को कहा। रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन की बात कही। महिला के साथ आईं उनकी भाभी किरण मिश्रा का आरोप है कि मरीज को भर्ती करने के साथ ही डॉक्टर ने तीमारदारों को परेशान करना शुरू कर दिया। दवा की लिस्ट थमा कर बाहर की दुकान से दवा लाने को कहा गया। तीमारदारों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने कहा कि मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत है जिसकी सुविधा यहां नहीं है। उन्होंने उसे घोष कंपनी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। मरीज की गंभीर हालत का हवाला देने पर भी वे निजी अस्पताल भेजने पर अड़ी रही।

प्राइवेट वालों ने भी लूटा

तीमारदारों की मानें तो डॉक्टर ने डिस्चार्ज स्लिप दिए बिना जबरदस्ती निजी अस्पताल की एंबुलेंस बुलाकर मरीज को भेज दिया। जहां एंबुलेंस के नाम पर पहले 600 रुपए और फिर आईसीयू व दवा के नाम पर लगभग दस हजार रुपए वसूल लिए गए। इतना ही नहीं, जिम्मेदार मरीज को गंभीर हालत में इधर-उधर घुमाते रहे। हद तो तब हो गई जब रविवार सुबह प्राइवेट हॉस्पिटल वालों ने तीमारदारों से महिला को वापस जिला महिला अस्पताल ले जाने को कह दिया। विरोध करने पर तीमारदारों के साथ बदसलूकी की गई। परेशान हाल परिजन उसे लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंचे तो यहां नई समस्या खड़ी हो गई। कर्मचारियों ने बिना रेफर स्लिप के महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया। यहां की डॉक्टर द्वारा मरीज को भेजे जाने की बात को लेकर काफी देर तक तीमारदारों और कर्मचारियों के बीच बहस होती रही। बवाल बढ़ा तो आनन-फानन में पहुंचे जिम्मेदारों ने मामला शांत कराते हुए मरीज को भर्ती कराया। महिला के भाई राहुल मिश्रा ने मुख्य चिकित्साधिकारी से इस मामले से जुड़ी लिखित शिकायत की। वहीं, संबंधित डॉक्टर ने आरोपों को सरासर गलत बताया है।

वर्जन

मरीज की कंडीशन ठीक नहीं थी। उसे ऑक्सीजन की आवश्यकता थी। एनेस्थिसिया डॉक्टर ने मरीज को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया था। परिजनों की ओर से लगाए गए आरोप गलत हैं।

- डॉ. एमडी बरमन

मामले की जानकारी हुई है। अभी परिजनों की ओर से लिखित शिकायत नहीं मिली है। पत्र मिलने के बाद मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। जहां तक दलालों का सवाल है तो उन पर भी नजर रखी जाएगी।

- डॉ। एके गुप्ता, एसआईसी जिला महिला अस्पताल