- 'गोरखपुर दर्शन: एक यात्रा' डॉक्युमेंट्री फिल्म का हुआ विमोचन

- गोरखपुर से जुड़े हर पहलू की जानकारी समेटे हैं डॉक्यूमेंट्री

GORAKHPUR: गोरखपुर से जुड़े तथ्यों के लिए भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगा। एक क्लिक में दो साल का इतिहास स्क्रीन पर होगा। नवाब के हाथों से गोरखपुर को अंग्रेजों के हवाले करने की कहानी से लेकर वर्तमान की जरूरत तक को गोरखपुर दर्शन में देखा जा सकेगा। यह सब कुछ संभव हो सकेगा गोरखपुर दर्शन: एक यात्रा की डॉक्यूमेंट्री फिल्म में, जिसका विमोचन रविवार को पर्यटन दिवस के मौके पर कमिश्नर पीगुरु प्रसाद ने किया। पहला कदम के प्रयास से बनी डॉक्यूमेट्री विभिन्न चौराहों पर भी दिखाई जाएगी। इसको पहला कदम संस्था की वेबसाइट पर दो दिन बाद से देखा जा सकेगा। वहीं इसे हर चौराहों पर दिखाने की तैयारी की जा रही है।

बंटवारे से लेकर निर्माण तक

गोरखपुर दर्शन एक यात्रा नाम से बनी डॉक्यूमेंट्री में गोरखपुर जिले की पूरी कहानी सहेजने की कोशिश की गई है। 18 मिनट के फिल्म की कहानी सन 1801 से शुरू होती है। गोरखपुर पर कभी अवध के नवाबों का कब्जा था। ईस्ट इंडिया कंपनी के आने पर नवाबों ने गोरखपुर को अंग्रेजों के हवाले कर दिया। फिर विकास के क्रम में गोरखपुर से टूटकर देवरिया, महराजगंज जिले बने। इसके अलावा इसमें गोरखपुर की प्राचीन इमारतों, धार्मिक स्थलों, प्रसिद्ध जगहों, कला, संस्कृति और खेल से जुड़े पहलुओं को छुआ गया है। गोरखपुर के गौरव में शुमार फिराक गोरखपुरी, मुंशी प्रेमचंद, सैयद मोदी सहित कई व्यक्तित्व समाहित किए गए हैं।

वीडियो में बुढ़हू की बर्फी

18 मिनट की फिल्म में इतिहास, वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं के साथ-साथ गोरखपुर के स्वाद को भरपूर मौका दिया गया है। बरगदवां चौराहे की मशहूर बुढ़हू चाचा की बर्फी, बालापार रोड के मोछू के छोले ललचाएंगे। इंदिरा बाल तिराहे का चटकारा भी लगाना पड़ेगा। गोरखपुर को जानने और समझने की जिज्ञासा रखने वालों के लिए डॉक्यूमेंट्री सहायक होगी। पहला कदम की ओर से शहर के विभिन्न चौराहों पर प्रोजेक्टर लगाकर इसका प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए चौराहों का सेलेक्शन किया जा रहा है। प्रशासनिक अफसरों का मानना है कि इससे लोग अपने जिले के बारे में जान सकेंगे।