- रोजाना साइकिल से ही दुकान आते-जाते हैं कपड़ों के थोक व्यापारी राजेश नेभानी
- बाइकॉथन ने भर दिया जोश, अब साथियों को भी साइक्लिंग के लिए कर रहे प्रेरित
GORAKHPUR: साइक्लिंग के फायदों से सब परिचित हैं लेकिन इसके बाद भी अधिकतर लोग मेहनत से बचने या टाइम बचाने के लिए अन्य साधनों का ही सहारा लेते हैं। दीवान दयाराम, गीता प्रेस में कपड़ों की थोक दुकान चलाने वाले सूरजकुंड मोहल्ला निवासी राजेश नेभानी के पास भी कई विकल्प हैं लेकिन वे अपनी दुकान आने-जाने के लिए साइकिल ही प्रीफर करते हैं। बचपन में साइकिल सीखी तब से कभी साइक्लिंग नहीं छोड़ी। करीब 42 साल के हो चुके राजेश साइक्लिंग से अब तक हजारों रुपए तो बचा ही चुके हैं, बीमारियों से भी दूर हैं। अब बाइकॉथन से प्रेरित होकर वे अन्य लोगों को भी साइक्लिंग के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
छह किमी। दूर है दुकान
राजेश नेभानी के घर से उनकी दुकान की दूरी करीब छह किलोमीटर है। उनके पास वाहन की भी व्यवस्था है लेकिन राजेश रोजाना साइकिल से ही दुकान पहुंचते हैं। दिनभर दुकानदारी करने के बाद शाम में साइकिल से ही घर लौटते हैं। इतना ही नहीं, थोक वस्त्र व्यवसायी वेलफेयर सोसायटी गीता प्रेस के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने वाले राजेश अपने संपर्क के लोगों को भी साइक्लिंग के फायदे बताते हैं और कहते हैं कि वे भी साइकिल का यूज करें।
आने-जाने में ही हो जाती कसरत
आई नेक्स्ट से साइक्लिंग के फायदे बताते हुए राजेश कहते हैं कि कसरत हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन इतनी भागमभाग है कि कसरत के लिए अलग से समय निकालना सबके लिए संभव नहीं है। खासकर व्यापारियों के लिए तो बहुत ही मुश्किल है। दुकान तो रोज ही जाना-आना है। वे अन्य वाहन की बजाय साइकिल से दुकान जाते हैं तो इसी दौरान कसरत भी हो जाती है। पेट्रोल-डीजल पर होने वाला खर्च बचता है तो सिटी में पॉल्यूशन भी नहीं फैलता। इतना ही नहीं, वे कभी जाम में भी नहीं फंसते। साइकिल से जब घर पहुंचते हैं तो नींद अच्छी आती है।
कोट
कसरत सभी के लिए जरूरी है लेकिन इसके लिए सभी के पास समय नहीं है। ऐसे में रोज अपने किसी भी काम से साइकिल से निकल जाइए। आपका काम भी हो जाएगा और साइक्लिंग से कसरत भी हो जाएगी। फिटनेस के लिए साइक्लिंग से बेटर कुछ भी नहीं है।
- राजेश नेभानी, बिजनेसमैन