- गोरखपुर डिपो की सूरत बदलने के लिए यूपी रोडवेज जीडीए की लेगा मदद
GORAKHPUR: यूपी रोडवेज गोरखपुर डिपो की सूरत बदलने के लिए कवायद शुरू हो गई है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत रिनोवेशन किए जाने वाले इस डिपो का निर्माण कार्य अब जीडीए की मदद से कराया जाएगा। इसके लिए यूपी रोडवेज और जीडीए के उच्च अधिकारियों के बीच मीटिंग भी हो चुकी है। डिपो के मुआयना के बाद जल्द ही कंस्ट्रक्शन का काम स्टार्ट कर दिया जाएगा।
बस स्टेशन का होगा रिनोवेशन
पिछले कई वर्षो से गोरखपुर डिपो के रिनोवेशन के लिए पीपीपी के तहत निर्माण कार्य शुरू कराए जाने की बात की जा रही थी। इसके लिए यूपी रोडवेज हेड क्वार्टर में कई बार मीटिंग भी हुई, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला। स्टेशन रोड पर आए दिन लगने वाले जाम और यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर यूपी रोडवेज के अधिकारियों ने कवायद शुरू कर दी है। एआरएम महेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बस स्टेशन और एआरएम ऑफिस को तोड़कर पूरी तरह से स्पेसिफिक एरिया बनाया जाएगा। जहां बसें खड़ी होंगी। इसके अलावा गोरखपुर डिपो की वर्कशॉप को रीजनल वर्कशॉप में शिफ्ट कर दिया जाएगा। वहीं रीजनल वर्कशॉप को राप्तीनगर वर्कशॉप से जोड़ दिया जाएगा।
एसी बसें हैं, लेकिन एसी वेटिंग रूम नहीं
गोरखपुर डिपो के एआरएम महेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जीडीए की तरफ से गोरखपुर डिपो के रिनोवेशन के लिए इंजीनियर्स और ठेकेदार ने मुआयना भी कर लिया है। कंस्ट्रक्शन का काम किस प्रकार से होगा, यह उच्च अधिकारी तय करेंगे। स्टेशन पर यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं मिल सके। इसके लिए पूरी तरह से जोर आजमाइश चल रही है। वहीं स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की मानें तो गोरखपुर रीजन सबसे बड़ा स्टेशन होने के बावजूद भी यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं ही मुहैया नहीं करा पाता। आज 20 एसी बसें चल रही हैं, लेकिन इन बसों के यात्रियों के लिए एयर कंडीशंड वेटिंग रूम तक नहीं है। इसके अलावा इंक्वायरी ऑफिस तक बदहाल है। ई-टिकटिंग के लिए प्रॉपर कोई व्यवस्था नहीं है। लेडीज और जेंट्स के लिए प्रॉपर टॉयलेट तक नहीं है।
गोरखपुर डिपो चूंकि बड़ा स्टेशन है। ऐसे में यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखना पहली प्राथमिकता है। बस स्टेशन के रिनोवेशन के लिए जीडीए की मदद ली जाएगी। इसके लिए पूरी ड्राफ्टिंग कर ली गई है।
सुग्रीव कुमार राय, आरएम, रोडवेज