गोरखपुर (अमरेंद्र पांडेय)।इस निर्देश के आने के बाद से डीएम ने इसकी तैयारियों की रुपरेखा तैयार करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश जारी किया है। हालांकि, जन्मदिवस की औपचारिक घोषणा अभी नहीं की गई है।
ऐतिहासिक स्थल व पार्कों में भी होगा भव्य कार्यक्रम
बता दें, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने शासनादेश जारी कर करते हुए सभी डीएम व नगर आयुक्त को निर्देश जारी किया है कि शहरों के स्थापना दिवस को जन्म दिवस के रूप में सेलिब्रेट करें। इसमें शहर के इतिहास, संस्कृति व सभ्यता के प्रति लोगों के अंदर गौरव की अनुभूति जागृत करने और विशिष्ट पहचान सुनिश्चित कराने का मौका मिलेगा। इस मौके पर प्रमुख स्थानों पर ऐतिहासिक स्थलों, पार्कों आदि पर कार्यक्रम को भव्य उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत, ध्वजारोहण आदि भी कराए जाएंगे। इसमें विशेष रूप से स्वतंत्रता सेनानियों, खिलाडिय़ों व बुद्धजीवियों को भी बुलाया जाएगा।
कब हुई थी स्थापना
- गोरखपुर जिला की स्थापना - सन् 1801 में हुई थी
- गोरखपुर का इतिहास लगभग 2600 साल पुराना है। गोरखपुर का नाम आठ बार बदला गया। इतिहासकारों के अनुसार गोरखपुर का नाम कभी रामग्राम था।
- इस जिले का आठ पुराने नाम में से एक नाम कभी गुरुग्राम एवं दूसरा नाम गोरक्षपुर भी रहा है।
- इस जिले का नाम, कालांतर में दुनिया को योग से परिचित कराने वाले गुरु गोरक्षनाथ के नाम पर, नया नाम गोरखपुर रखा गया।
गोरखपुर की हिस्ट्री
जिला का नाम गोरखपुर
प्राचीन नाम - गोरक्षपुर, अख्तर नगर, मोअज्जमाबाद, सूब-ए-सर्किया, रामग्राम, गोरखपुर सरकार
स्थापना - सन 1801
पहले कलेक्टर - रूटलेज
नाम स्रोत - गोरखनाथ
राज्य का नाम - उत्तर प्रदेश
भाषा - हिंदी, उर्दू, भोजपुरी
पर्यटन एवं दर्शनीय स्थल - गोरखनाथ मंदिर, नौका विहार, शहीद अशफाक उल्लाह खान प्राणि उद्यान, रामगढ़ ताल झील, बुढिय़ा माई मंदिर, मुंशी प्रेमचंद, गुरुद्वारा आदि।
मंगलवार को होगी मीटिंग
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि गोरखपुर के स्थापना दिवस सेलिब्रेट करने के लिए कमेटी बना दी गई है। दो मीटिंग हो भी चुकी है। नगर निगम से पहले नगर पालिका थी, जिस डेट में नगर पालिका बना उसी डेट और सन को जन्म दिवस के रुप में मनाए जाएंगे। डेट और ईयर भी डिसाइड कर दी गई है। मंगलवार को इसको लेकर मीटिंग की जाएगी। भव्य रुप से इस जन्म दिवस को मनाया जाएगा।
बर्थ डे सेलिब्रेशन में होने वाले खर्च का ब्यौरा
- नगर पंचायत - 25000
- नगर पालिका परिषद - 50,000
- नगर निगम - 1,00,000
नोट - सेलिब्रेशन मेें होने वाले खर्च का वहन निकाय द्वारा निकाय निधि-स्वयं के स्रोतों से किया जा सकता है। इसके लिए सीएसआर फंड का भी उपयोग किया जा सकता है।
क्यों होगा यह दिन खास
- नगर के जन्म दिन पर कार्यक्रम-उत्सव आयोजित होंगे। राष्ट्रगीत, ध्वजारोहण, राष्ट्रगान आदि होंगे
- स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ लोक कला, साहित्य, संस्कृति जैसे पूर्वांचल में कजरी, झूमर, बिरहा होगी।
- स्वतंत्रता सेनानी, भूतपूर्व सैनिक, खिलाड़ी, बुद्धजीवी शामिल होंगे
- ऐतिहासिक तथ्यों, महापुरुषों से संबंधित प्रेरक प्रसंग किए जाएंगे। फोटो प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
- नागरिक सुविधाओं के विषयगत किए गए प्रमुख कार्यो को भी शामिल किया जाएगा।
- आर्थिक विकास के विशिष्ट पहचान वाले उद्योगों, उत्पादों को नगर की पहचान के रुप में स्थापित किया जाएगा।
- शिक्षण संस्थानों में, संबंधित संस्था, विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए नगर के ऐतिहासिक महत्व, महापुरुषों के प्रेरक प्रसंग, नगर के पर्यावरण व स्वच्छता पर भी कार्यक्रम होंगे।
- पूरे सप्ताह मोड में नगरीय निकायों में सफाई व्यवस्था होगी।
गोरखपुर के स्थापना दिवस को जन्मदिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसके लिए नगर निगम व पर्यटन विभाग के संबंधित अधिकारियों से मीटिंग की जाएगी। रूपरेखा तैयार कर डेट डिसाइड की जाएगी।
कृष्णा करुणेश, डीएम गोरखपुर