- ऑनलाइन शिकायत निस्तारण के मामले में पिछड़ा गोरखपुर
-प्रदेश में 34वें स्थान से गिरकर 68वें स्थान पर पहुंचा
GORAKHPUR: एक तरफ तो देश के डिजिटलीकरण की बात हो रही है। दूसरी तरफ गोरखपुर ऑनलाइन शिकायत निस्तारण में ही फेल हो रहा है। ऑनलाइन लगाई गई पब्लिक की गुहार सरकार अनसुनी कर दे रही है। नतीजा, लोग दर-दर भटकते रहते हैं और प्रशासन के अधिकारी मौज करते रहते हैं। गौरतलब है कि पब्लिक की समस्याएं सुनने के लिए तमाम ऑनलाइन सेवाएं शुरू की गई थीं। इनका मुख्य उद्देश्य यह था कि लोग यहां अपनी समस्याएं उठाएं। उसके बाद वह समस्याएं संबंधित विभाग को भेज दी जाएंगी, जहां उनका निस्तारण हो जाएगा। लेकिन फिलहाल की हालत यह है कि पेंडिंग शिकायतों का जखीरा बढ़ता जा रहा है। खुद डीएम ने पिछले दिनों एक मीटिंग में यह बात स्वीकार की।
400 से अधिक शिकायतें पेंडिंग
आश्चर्य की बात तो यह है कि कई ऐसे मामले हैं जो 2013 में प्रशासन के सामने आए थे। लेकिन आज तक उस पर कार्रवाई नहीं हो पाई है। जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक अभी तक करीब 400 ऐसे मामले हैं जो अधर में लटके हुए हैं। मुख्यमंत्री संदर्भ से जुड़े पोर्टल पर जिला पंचायत राज अधिकारी स्तर पर अक्टूबर 2015 में पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री जगदीश यादव और अक्टूबर 2016 में विधायक राजमती निषाद की शिकायतें लंबित हैं। लोक निर्माण विभाग स्तर पर अक्टूबर 2016 में जिला पंचायत सदस्य विनय वर्मा, सपा के पूर्व प्रदेश सचिव कपिलमुनि यादव द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतें प्रमुख हैं।
डीएम ने उठाया कदम
इस तरह के मामले में लापरवाही होने की जानकारी होने पर डीएम संध्या तिवारी ने संज्ञान लिया और तत्काल इसकी जांच का आदेश दिया। डीएम को यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा प्राप्त संदर्भो, भारत सरकार पोर्टल, शासन, राजस्व परिषद ऑनलाइन, जनता दर्शन और तहसील दिवस से जुड़ी लंबित शिकायतों के निस्तारण के लिए विभागवार अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान हुई। इसके बाद उन्होंने तत्काल इसकी जांच की जिम्मेदारी अपर जिलाधिकारी प्रशासन सौंप दिया है।
इन विभागों में इतने मामले लंबित
विभाग मामले
तहसील दिवस 180
पुलिस 50
लीड बैंक 15
एसडीएम के पास 40
लोक निर्माण 40
बिजली 25
जिला आपूर्ति 5
बीएसए 10
डीआईओएस 10
सीएमओ 7
वर्जन
कंप्लेन के निस्तारण में हुई लापरवाही की जानकारी होने के बाद मामले को गंभीरता से लिया गया है। फिलहाल जिला पंचायत राज अधिकारी व लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता (भवन) का नवंबर माह का वेतन रोकने के साथ ही साथ कई अन्य विभाग के अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया गया है।
-डॉ। मन्नान अख्तर, मुख्य विकास अधिकारी, गोरखपुर