गोरखपुर। शनिवार की सुबह आसमान में धुंध छाई रही, जो शाम तक दिखाई दी। जहरीली हवा में सबसे ज्यादा दिक्कत सांस के रोगियों को हुई। मार्निंग वॉक पर निकले लोगों का दम घुटने लगा और आंखों में जलन होने लगी। सिटी के बशारतपुर के रहने वाले प्रभाकर मिश्रा ने बताया कि सुबह मार्निंग वाक पर निकला था, लेकिन सांस लेने में कुछ दिक्कत हुई तो घर वापस लौट आया।
एक दिन बाद दिखा असर
दिवाली की रात उत्साह में देर रात जले पटाखों के शोर व धुएं का असर शुक्रवार की सुबह दिखा। शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 285 पहुंच गया। शनिवार की सुबह तारामंडल, नया सवेरा और विंध्यवासिनी पार्क में टहलने गए बुजुर्ग लोगों को सांस लेने में दिक्कतें होने लगी। जिसके बाद वह घर वापस लौट गए।
ये है एयर क्वालिटी इंडेक्स व असर
-0-50 एक्यूआई अच्छा (कोई प्रभाव नहीं)
- 51-100 एक्यूआई संतोषजनक (संवेदनशील लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है
-101-200 एक्यूआई थोड़ा प्रदूषित (अस्थमा और हृदय रोग पीडि़त बच्चों और बड़े बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है)
- 201-300 एक्यूआई खराब (लंबे समय तक ऐसा रहने पर लोगों को सांस लेने में तकलीफ और हृदय रोग से पीडि़त लोगों को बहुत असुविधा हो सकती है)
- 301-400 एक्यूआई बहुत खराब (लंबे समय तक ऐसा रहने पर लोगों को सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े व दिल की बीमारियों वाले लोगों पर प्रभाव अधिक खतरनाक हो सकता है)
401-500 एक्यूआई गंभीर (इसे आपातकाल कहा जाता है। स्वस्थ लोगों का श्वसन तंत्र खराब हो सकता है। फेफड़े, हृदय रोग वाले लोग गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे लोग घर के अंदर रहें)
और बिगड़ सकते हैं हालात
दिवाली पर प्रदूषण का स्तर बीते वर्षों से कम होने की एक वजह यह भी है कि पंच दीपोत्सव पर्व पर विभागों में अवकाश है। निर्माण कार्य अभी ठप हैं। भैया दूज त्योहार मनाने के बाद कार्य शुरू होंगे। तब तक अगर एक्यूआई सामान्य नहीं हुआ तो इसके और बढऩे की भी आशंका है।
लगातार बढ़ रहा एक्यूआई
30 अक्टूबर- 178
31 अक्टूबर- 262
एक नवंबर-285
दो नवंबर-295
टहलने से करें परहेज
शनिवार की सुबह आसमान में धुंध होने से बादलों जैसा अहसास हो रहा था। पहले तो लोगों को लगा कि मौसम का मिजाज बिगड़ रहा है। लेकिन धूल और धुएं से उठे प्रदूषण की वजह से फिजां बदली नजर आई। विशेषज्ञों का कहना प्रदूषण की अधिकता से ऐसा हो रहा है। प्रदूषण वायुमंडल के निचले स्तर पर है। इससे सुबह-सवेरे टहलने जाने में स्वास्थ्य को लाभ पहुंचने के बजाय नुकसान हो सकता है।
दिवाली के पटाखों का असर
पर्यावरणविद् प्रो। गोविंद पांडेय ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब बना हुआ है। इसका प्रमुख दिवाली पर छूटने वाले पटाखे हैं। इसके साथ ही बदल रहा मौसम में प्रदूषण का कारण है। बताया कि अभी हवा की क्वालिटी और खराब हो सकती है।
पेशेंट बरतें सावधानी
फिजिशियन डॉ। अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि एयर क्वालिटी इंडेक्स सामान्य से ज्यादा होने पर हृदय और सांस के मरीजों के लिए बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। हार्ट और सांस के मरीजों को मास्क का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए। मॉर्निंग वाक को बंद कर देना चाहिए।