- कैंट और कुसम्ही रेलवे स्टेशन के बीच गिट्टी गिराने जा रही थी डिपार्टमेंटल मालगाड़ी
- कुसम्ही के पश्चिम केबिन से कुछ दूर पहले पटरी से उतरे तीन वैगन
- हादसे के बाद गोरखपुर-छपरा रूट पर तीन घंटे ठप रहा ट्रेंस का संचलन
GORAKHPUR: बुधवार को गोरखपुर-वाराणसी रेल लाइन पर कुसम्ही रेलवे स्टेशन के पास मालगाड़ी के तीन डिब्बे डिरेल हो गए। हादसे के बाद से गोरखपुर-छपरा रूट पर टे्रंस का संचलन बाधित हो गया। डिपार्टमेंटल मालगाड़ी (इंजन नंबर 12822 और ट्रेन नंबर-आरएमसी डाउन) में गिट्टी लदी थी। मालगाड़ी को कैंट और कुसम्ही के बीच रेल लाइन पर गिट्टी गिराना था। इसी बीच यह हादसा हुआ। इसकी सूचना मिलते ही एरिया मैनेजर जेपी सिंह, सीनियर इंजीनियर अखिलेश सिंह, सीनियर असिसटेंट इंजीनियर रामअवध, जीआरपी और आरपीएफ सहित रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच गए। मौके पर पहुंच गए। इस बीच अधिकारियों ने तत्काल राहत कर्मियों की मदद से शाम से पहले ही ट्रैक चालू करा दिया। इसके लिए मालगाड़ी का एक हिस्सा कैंट स्टेशन और दूसरा हिस्सा सरदारनगर रेलवे स्टेशन भेज दिया गया।
पश्चिम केबिन से 300मी दूरी पर उतरी
मिली जानकारी के मुताबिक मालगाड़ी को कैंट स्टेशन और कुसम्ही स्टेशन के बीच रेल लाइन पर गिट्टी गिराना था। मालगाड़ी प्वाइंट नंबर 204 के डाउन लूप लाइन 4 पर जा रही थी। दोपहर करीब एक बजे कैंट स्टेशन के पश्चिम केबिन के करीब तीन सौ मीटर पहले ही वैगन नंबर 35 अचानक पटरी से उतर गई। देखते ही देखते यह डिब्बा 90 डिग्री पर आ गया। इससे इस वैगन की दोनों ट्राली निकल कर अलग हो गई। इस दौरान वैगन के आठ पहिए और उसके साथ लगी वैगन नंबर 34 और 36 की भी एक-एक ट्राली छिटककर अलग हो गई। इससे मालगाड़ी के तीनों डिब्बे मौके पर ही पलट गए। दोपहर करीब तीन बजे इस लाइन को दोबारा चालू कराया जा सका।
तीन घंटे बाधित रहा आवागमन
इस घटना के बाद गोरखपुर-छपरा रूट पर तीन घंटे ट्रेंस का आवागमन बाधित रहा। इस बीच रूट पर चलने वाली ट्रेंस को सिंगल अप लाइन से पास कराया गया। इस बीच कई ट्रेंस को डिफरेंट स्टेशनों पर करीब आधे घंटे के लिए खड़ी किया गया। इसमें 14674 शहीद एक्सप्रेस, काठगोदाम एक्सप्रेस और हावड़ा स्पेशल ट्रेंस आधे घंटे से ज्यादा खड़ी रहीं। दिन में 2:55 बजे मालगाड़ी के एक हिस्से को कैंट स्टेशन और दूसरे के सरदारनगर स्टेशन भेजा गया। इस बीच राहत कर्मियों की मदद से ट्रैक खाली कराकर दोपहर 3:55 बजे इस लाइन पर पहली ट्रेन 15103 वाराणसी-इंटरसिटी को पास कराया गया।