करीब दस महीने पहले एसटी-एसटी की सूची से बाहर किए जाने से नाराज अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ के लोगों ने मंडे को डीएम कार्यालय पर धरना दिया। संघ के लोगों का कहना है कि ऐसा कर सरकार और प्रशासन ने उनकी विरादरी का उत्पीड़न किया है। बड़ी संख्या में डीएम कार्यालय पहुंचे समाज के लोगों ने मामले की सीबीआई जांच कर दोषियों के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की। डीएम को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने के बाद संघ के प्रांतीय सचिव दुर्गा प्रसाद गोंड ने कहा कि जिले में सौ साल के सरकारी अभिलेख जनगणना रिपोर्ट डिस्ट्रिक्ट गजेटियर से प्रमाणित होता है कि गोंड जाति तथा उसकी उप जाति धुरिया बड़ी संख्या में निवास करते हैं। 1891 में इस जिले में गोंड व धुरिया समुदाय की संख्या करीब 83736 थी। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कि कहा कि जब समाज के लोगों ने अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया तो उसे उन्होंने निरस्त कर दिया। जो गलत है। उन्होंने उत्पीडि़त लोगों के लिए 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति कि मांग की। इस मौके पर दयानंद, राजाराम, मोती, राजेश, रवींद्र आदि उपस्थित रहे।