- गोला के चिलवा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र डराता है

- अस्पताल हैंडओवर नहीं और डॉक्टर हैं तैनात

GOLA BAZAR : शासन की आंखों में धूल झोंक कैसे विभाग के अधिकारी अपनी मनमर्जी करते हैं और स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर किस तरह धोखा दिया जा रहा है, यह देखना हो तो गोला के चिलवा चले आइए। यहां एक भू-भाग पर कुछ कमरे बने हैं जो खंडहर जैसे दिख रहे हैं। आसपास बड़ी झाडि़यां उग गई हैं, जिनमें सांप-छछूंदर हो सकते हैं। इस सूरत से उलट स्वास्थ्य विभाग के दावों में यहां अस्पताल चलता है। चलता ही नहीं, यहां डॉक्टर भी तैनात हैं और दवाएं भी दी जाती हैं। डॉक्टर को इस अस्पताल में बैठने के लिए रुपए मिलते हैं, लेकिन गांव के लोग जानते भी नहीं कि उनके यहां कोई अस्पताल चलता है।

हैंडओवर ही नहीं हुआ भवन

चिलवा गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित है। केन्द्र के लिए यहां एक भवन बना लेकिन भवन आज तक विभाग को हैंडओवर नहीं हुआ। बगैर हैंडओवर हुए ही कागजों पर अस्पताल खोल दिया गया। यही नहीं, अस्पताल में एक डॉक्टर और फॉर्मासिस्ट की नियुक्ति भी कर दी गई है। वे कहां बैठते हैं? अस्पताल कहां चलता है? यह गांव के लोगों को नहीं पता। लेकिन इस अस्पताल के नाम पर एक डॉक्टर, फॉर्मासिस्ट को वेतन दिया जाता है और दवाएं भी दी जाती हैं।

डॉक्टर बोले, देखता हूं मरीज

इस अस्पताल में डॉक्टर प्रशांत कुमार सिंह और फॉर्मासिस्ट राजेश सिंह की तैनाती है। डॉक्टर का कहना है कि अस्पताल में बैठने के लिए मेज कुर्सी तक नहीं है। कैसे बैठें? डॉक्टर के अनुसार वह पास के ही साधन सहकारी में बैठकर मरीजों को देखते हैं। मरीज तो रोज आते हैं लेकिन सुविधा नहीं होने से दिक्कत हो रही है। उन्होंने अस्पताल को हैंडओवर करने के लिए अधीक्षक को पत्र भेजा है।

भटकते हैं मरीज-तीमारदार

क्षेत्र के रामज्ञा यादव, राम मिलन यादव, बैजनाथ, पुनीत चंद, सुधीर, राहुल आदि का कहना है कि अस्पताल चलता तो इलाज के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ता। अस्पताल होते हुए भी झोलाछाप डॉक्टरों की मदद लेनी पड़ती है। अधिक समस्या होने पर शहर में जाते हैं जहां आने-जाने में समय तो लगता ही है, पैसा भी अधिक खर्च हो जाता है। चिलवा के प्रधान राकेश यादव का कहना है कि जब से यह अस्पताल बना, कभी कोई डॉक्टर इसमें नहीं बैठा। कागजों में ही अस्पताल चलाया जाता है। कई बार विभाग में शिकायत की लेकिन कोई सुनता नहीं तो वे क्या करें।

कुछ ही दिन पहले मुझे इस अस्पताल के बारे में जानकारी हुई है। पता चला है कि भवन स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर नहीं हुआ है। मैंने सीएमओ को बता दिया है। वैसे वहां नियुक्त डॉक्टर बगल में बैठकर मरीजों का इलाज करते हैं।

- डॉ। अजय सिंह, अधीक्षक, सीएचसी गोला