- पार्षदों और कर्मचारियों की लड़ाई ने पब्लिक के लिए खड़ी की मुसीबत
- पूरे शहर में नहीं हुई सफाई, बंद हो गए ट्यूबवेल
- नगर निगम कैंपस में पीएसी तैनात, पार्षद-कर्मचारी आमने-सामने
GORAKHPUR : नगर निगम में कर्मचारी और पार्षद के बीच हुए विवाद का प्रकोप पब्लिक को झेलना पड़ा। बुधवार को सिटी के कई एरियाज में सफाई तक नहीं हुई। दोपहर बाद जलकल की टोटियां सूख जाने के कारण शहर में हाहाकर मच गया। पब्लिक पानी और सफाई के लिए जिम्मेदारों को फोन कर रही थी, लेकिन सबने हड़ताल का बहाना बना दिया। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गए। जनहित को ध्यान में रखते हुए सहायक नगर आयुक्त स्वर्ण सिंह ने जलकल के सारे ट्यूबवेल चालू करने के आदेश दिए हैं। दो जगहों पर खुद जाकर उन्होंने ट्यूबवेल स्टार्ट कराए।
पानी के लिए तरसा शहर
पार्षदों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कार्य बहिष्कार पर गए कर्मचारियों के कारण शहरवासी पानी के लिए तरस गए। जलकल विभाग की मानें तो बेतियाहाता, घंटाघर, बक्शीपुर, नखास, जाफरा बाजार, उचवां, पुर्दिलपुर एरिया के 70 प्रतिशत घर जलकल की सप्लाई के भरोसे रहते हैं। ट्यूबवेल न चलने के कारण पानी की टंकियां खाली हो गई। दोपहर बाद से इन एरिया में पानी की किल्लत ने शहर में हाहाकार मचा दिया। लोग एक दूसरे के घर से पानी उधार मांगने लगे। पानी सप्लाई चालू कराने के लिए लोग पार्षद, कर्मचारियों और नगर निगम के जिम्मेदारों को फोन लगाने लगे, लेकिन कोई ठोस उपाय नहीं बता पा रहा था।
मनमर्जी हुई सफाई
कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शहर की सड़कों से कूड़ा नहीं उठ पाया। वहीं सिटी के 17 वार्ड जो सरकारी कर्मचारियों के भरोसे सफाई तैनात थे, वो गंदे ही पड़े रहे। 43 वार्ड जहां ठेके पर सफाई व्यवस्था संचालित की जाती है, उन वार्डो में सफाई तो हुई, लेकिन सुपरवाइजरों के कार्य बहिष्कार पर होने के कारण मॉनिटरिंग नहीं हो पाई। इन जगहों से कूड़ा उठाकर कूड़ा पड़ाव केंद्रो पर भेज दिया गया, लेकिन स्टोर से गाडि़यां न निकलने के कारण कूड़ा वहीं जमा रहा। शाम तक इन पड़ाव केंद्रों पर ढेर सारा कूड़ा एकत्रित हो गया कि आधा रास्ता जाम हो गया।
15 लाख रुपए का नुकसान
नगर निगम में टैक्स जमा करने वाले लोगों की लंबी लाइन लग रही है। कुछ हाउस टैक्स देने तो कुछ रेंट तो कुछ लाइसेंस शुल्क जमा करने आते हैं। काउंटर पर बिल जमा करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि डेली दो से तीन हजार लोग टैक्स जमा करने के लिए आते हैं। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रबीस चंद ने बताया कि पिछले एक माह से नगर निगम की ओर से टैक्स वसूली को लेकर की जा रही सख्ती के चलते रोज 10 से 15 लाख रुपए जमा हो रहे थे। बुधवार को नगर निगम में हड़ताल होने के कारण एक भी रुपया जमा नहीं हो पाया।
बंद रहा कार्यालय
नगर निगम कार्यालय बंद होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय में रोज कम से कम 500 लोग आते हैं, लेकिन बुधवार को उन्हें निराशा हाथ लगी। इसके अलावा रेंट व टैक्स विभाग में टैक्स में आई गड़बड़ी को लेकर समय निर्धारित था, लेकिन बंद होने के कारण इनका भी काम नहीं हो पाया। नगर आयुक्त और मेयर के यहां छोटी-मोटी प्रॉब्लम को लेकर आने वाले लोग भी निराश होकर लौट गए।
टीपीनगर में जमकर हंगामा
पानी की किल्लत दोपहरबाद से ही शुरू हो गई। शाम तक पानी सप्लाई बहाल नहंी हुई तो सैकड़ों की संख्या में महेवा और बेतियाहाता की पब्लिक रोड पर उतरी और चक्का जाम कर दिया। पब्लिक का आरोप था कि हमारे यहां न तो हैंडपंप है और न ही निजी बोरिंग। जलकल के पानी के भरोसे रहने वाली जनता त्राहि-त्राहि कर रही है।