- एक माह पहले निकला था टेंडर

- वर्कआर्डर जारी न होने टूटी सड़क पर चलने के लिए मजबूर पब्लिक

GORAKHPUR: नगर निगम अपनी लेटलतीफी के लिए जाना जाता है। एक दिन के कामों को महीनों लग जाते हैं। इसका सबसे ताजा उदाहरण नवंबर माह में निकले भ्0 कामों के टेंडर को देखकर लगाया जा सकता है। टेंडर निकले एक महीना हो गया है, लेकिन अभी तक वर्कऑर्डर जारी न होने के कारण ठेकेदार अफसरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अफसराना लगाम के कारण सिटी की भ्0 सड़कों के निर्माण पर रोक लग गई है।

सबसे अधिक गलियों का है काम

इनमें सबसे अधिक काम गलियों के बाकी है। इसके अलावा सिटी में कई प्रमुख सड़कें भी हैं, जिनके निर्माण के लिए टेंडर निकला था। निर्माण विभाग के एक जेई ने बताया कि भ्0 काम में ब्0 काम गलियों के निर्माण के हैं। साथ ही क्0 बड़ी सड़कों का काम भी है। असुरन चौक से लेकर पादरी बाजार वाली रोड, रेती रोड, इलाहीबाग रोड जैसे प्रमुख रोड का भी टेंडर निकला था, लेकिन वर्कऑर्डर जारी न होने के कारण अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इसके अलावा जुबिली सिनेमा के सामने, मानस विहार कॉलोनी जैसी प्रमुख गलियों का भी टेंडर निकला है।

क्0 माह बाद निकला था टेंडर

नगर निगम के निर्माण विभाग की मानें तो पिछले क्0 माह से नगर निगम कोई भी टेंडर नहीं निकला था। फरवरी ख्0क्ब् में नगर निगम ने सिटी में निर्माण के लिए 800 कामों का टेंडर निकाला था। उसके बाद नवंबर माह में टेंडर निकला। पार्षद रामजनम यादव का कहना है कि टेंडर निकला तो लगा कि नगर निगम कुछ काम शुरू करेगा, लेकिन वर्कऑर्डर न जारी होने से काम नहीं हो पा रहा है। डेली सुबह पब्लिक रोड बनने के लिए हमारे यहां कंप्लेन कर रही है। नियमानुसार जब भी निर्माण कार्य का टेंडर निकाला जाता है तो टेंडर खुलने का समय भी तय कर दिया जाता है। टेंडर खुलने के तत्काल बाद नोटरिंग और वर्कऑर्डर की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, लेकिन ख्भ् नंबर ख्0क्ब् को टेंडर निकला था और ख् दिसंबर को खोला गया था। टेंडर खुले एक माह हो गया, लेकिन अभी तक वर्कआर्डर जारी नहीं हो पाया है।

टेक्निकल प्राब्लम के कारण वर्कऑर्डर जारी नहीं हो पाया है। टेक्निकल प्रॉब्लम को दूर करने की कोशिश की जा रही है। इस सप्ताह ही प्रॉब्लम दूर करके वर्कऑर्डर जारी कर दिया जाएगा।

एसके केसरी, चीफ इंजीनियर, नगर निगम