- स्वास्थ्य विभाग के काम के लिए पिछले आठ माह से नहीं निकला कोटेशन

- मुख्य लेखा परीक्षक ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर कोटेशन का मांगा ब्यौरा

- एक लाख की कम लागत से हुए काम का मांगा ब्यौरा

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में एक बहुत बड़ा खेल सामने आया है। यह खेल पिछले आठ माह से चल रहा था। इस खेल का खुलासा किया है मुख्य लेखा परीक्षक इसरार अंबिया अंसारी ने। मुख्य लेखा परीक्षक ने पत्र लिखकर नगर आयुक्त को बताया कि पिछले आठ माह से स्वास्थ्य विभाग में होने वाले एक भी काम का डिटेल किसी भी जगह मौजूद नहीं है। ऐसे में किसी बड़े घोटाले की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

नगर निगम के वेबसाइट पर भी नहीं है कोई रिकार्ड

मुख्य लेखा परीक्षक ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में किसी बड़े घालमेल की आशंका है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग में होने वाले कार्यो के लिए निकाले गए टेंडर और कोटेशन का कहीं भी रिकार्ड नहीं है। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग में बड़े काम बहुत कम होते हैं, जिससे उनका टेंडर नहीं निकल पाता है। स्वास्थ्य विभाग में कोटेशन के द्वारा सबसे अधिक काम कराए जाते हैं, लेकिन कोटेशन के काम का न तो कहीं टेंडर निकलता है, न ही नगर निगम की वेबसाइट पर कोटेशन की जानकारी है।

स्वास्थ्य विभाग में हुए कोटेशन में हुए कामों के भुगतान की फाइल आई थी। इसकी जांच के लिए जब नगर निगम की वेबसाइट जांची गई तो पता चला कि यह कोटेशन कहीं है ही नहीं। इसी बात को लेकर नगर आयुक्त को पत्र लिखा है कि इन कामों में कहीं धांधली तो नहीं हुई है, इसकी जांच की जाए और आगे जो भी काम हो, उनको बेवसाइट पर अपलोड किया जाए।

इसरार अंबिया अंसारी, मुख्य लेखा परीक्षक

मुख्य लेखा परीक्षक ने इस संबंध में पत्र लिखा था। पत्र के बाद स्वास्थ्य विभाग को आदेश दे दिया गया है कि जितना जल्द हो सके पिछले कोटेशन को वेबसाइट पर लोड कर दें। आगे किसी भी कोटेशन के काम को बिना वेबसाइट पर अपलोड किए काम न कराया जाए।

राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त