- अतिक्रमण हटाने के लिए नहीं दिया मोहलत

- ट्रैफिक पुलिस ने भी दिया साथ

- एक साल बाद पूरा दिखा रेलवे स्टेशन पर का रोड

GORAKHPUR: शहर में जीएमसी का अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है। इसी कड़ी में अभियान के चौथे दिन थर्सडे को आरटीओ से रेलवे स्टेशन से होते हुए ट्रैफिक पुलिस तिराहे तक अतिक्रमण हटाया गया। इस दौरान एक होटल के मालिक ने जीएमसी दस्ते के साथ चल रहे सहायक नगर आयुक्त सवर्ण सिंह को देख लेने की धमकी दी। यहां तक उन्हें लखनऊ की भी धौंस दिखाई।

सुबह क्क्.फ्0 बजे से शुरू हुआ अभियान

अभियान के चौथे दिन अतिक्रमण हटाओ दस्ता शाम चार बजे जब स्टेशन रोड पर पहुंचा। वहां पर जब दस्ता गुप्ता होटल के अतिक्रमण को हटाने लगा तो होटल एक व्यक्ति निकला। पहले तो उसने खुद को होटल का मालिक बताया। जब दस्ता अतिक्रमण हटाने लगा तो उसने सहायक नगर आयुक्त सवर्ण सिंह को देख लेने की धमकी दी। बात बनती न देख उसके तेवर और उग्र हो गए। उसने लखनऊ तक ही धमकी दी और कहा कि वह अभियान समीक्षा करावाएगा। जब इतने से भी उसकी दाल न गली तो उसने खुद एक अखबार का संपादक बताया। इसके बाद बारी थी सहायक नगर आयुक्त की। उन्होंने भी होटल के मालिक का जवाब उसी तेवर से दिया। सहायक आयुक्त ने उस पर दो चलाना किए। पहला तो जेनरेटर जमीन पर रखने के लिए भ्000 रुपए तो दूसरा चालान एक हजार रुपए का रोड पर कब्जा करने के लिए काटा। इसके बाद होटल मालिक को अल्टीमेटम दिया गया कि अगर उसने एक सप्ताह के अंदर अतिक्रमण नहींहटाया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आज केवल अतिक्रमण टूटा

सुबह क्क्.फ्0 बजे नगर निगम की अतिक्रमण दस्ता टीम आरटीओ के सामने पहुंची। सबसे पहले आरटीओ के सामने नेपाल लाज की बाउंड्री पर वकीलों ने अपना अस्थायी 'ऑफिस' खोल लिया था। नगर निगम की टीम देखते ही वकीलों ने खुद ही अपना ऑफिस तोड़ना शुरू कर दिया। वकीलों ने अतिक्रमण दस्ते से मोहलत भी मांगी, लेकिन उन्हें कोई मोहलत नहींमिली। एक घंटे मौके पर रही अतिक्रमण हटाओ टीम ने आरटीओ पर लगभग ख्00 मीटर लंबा रास्ता साफ कर दिया। इसके बाद दस्ता पीडब्ल्यूडी ऑफिस होते हुए दोपहर क् बजे यूनिवर्सिटी चौराहे पर पहुंचा। वहां से क्.फ्0 बजे के लगभग बस स्टेशन पर शुलभ शौचालय के पास मंदिर के किनारे बनाए गए अतिक्रमण को तोड़ा गया। पुजारी को सहायक नगर आयुक्त ने चेताया कि अगर फिर से दुकान लगी तो इस बार एफआईआर दर्ज कराया जाएगा। वहां से अतिक्रमण तोड़ते हुए टीम फ् बजे रेलवे स्टेशन महाराणा प्रताप मूर्ति के पास पहुंच गई। स्टैंडर्ड होटल के पास एक मिष्ठान की दुकान द्वारा अतिक्रमण करने पर रामचंदर के नाम से क् हजार रुपए का चालान काटा गया और अतिक्रमण हटाने के लिए अल्टीमेटम दिया गया। वहां से स्टेशन के सामने जीडीए की दुकानों के सामने पहले से ही कब्जा हटा लिया गया था। जिसके कारण अतिक्रमण दस्ता को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ी। रेलवे स्टेशन की एक पटरी पर दो घंटे चले अतिक्रमण को हटाने के बाद टीम वापस आ गई, लेकिन टीम ने यह भी घोषणा किया कि यह अभियान अभी चलेगा।

आपके सामने नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता है

जिस बस स्टेशन से रेलवे स्टेशन तक देवरिया, महरागंज, पडरौना और सोनौली तक जाने वाली बसें खड़ी रही थी, वहां का नजारा थर्सडे को बदला बदला दिखा। एक गाड़ी माइक लगाकर बोल रही थी आपके आगे नगर निगम के अतिक्रमण दस्ते की टीम है। आप रोड और फुटपाथ से अपना सामान उठा लें। जैसे-जैसे आवाज नजदीक आ रही थी। फुटपाथ साफ होता जा रहा था। स्थिति यह हुई कि बस स्टेशन से रेलवे स्टेशन पर अतिक्रमण बहुत कम मिला।

अतिक्रमण हटाते समय एक होटल मालिक से बहस हुई थी। उसने धमकी दी थी कि वह लखनऊ तक देख लेगा। उसका चालान काटा गया है और एक सप्ताह का समय दिया गया है। जो भी अतिक्रमण करते हुए मिलेगा उसको तोड़ा जाएगा।

स्वर्ण सिंह, सहायक नगर आयुक्त