- आरटीओ में बदस्तूर जारी है बिना टेस्ट ड्राइविंग लाइसेंस का खेल

- टीसी से लेकर कमिश्नर तक के आदेश को ठेंगा दिखा रहा आरटीओ

- ट्रैक ना होने की बात कहकर लौटा रहे फोर व्हीलर के आवदेन, बैक डोर से जारी हो रहा डीएल

GORAKHPUR: आरटीओ में बिना टेस्ट लिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का मामला उजागर होने के बाद जिम्मेदार पूरी तरह सख्त हो गए हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यह सख्ती सिर्फ पब्लिक के लिए ही है। दलालों का खेल अब भी जारी है। आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस एग्जाम से लेकर जारी करने तक में चल रहे फर्जीवाड़े का संज्ञान लेते हुए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने यहां के कमिश्नर को जांच के आदेश दे दिए। इसके बावजूद टीसी से लेकर कमिश्नर तक के आदेश को आरटीओ ठेंगा दिखा रहा है और बैकडोर से अभी भी फोर व्हीलर के लाइसेंस बिना टेस्ट लिए ही जारी किए जा रहे हैं।

बिना टेस्ट नहीं जारी करने का दावा

ऐसे तो कमिश्नर का सख्त रुख देखते हुए आरटीओ अधिकारियों ने दावा कर दिया कि फोर व्हीलर का लाइसेंस बिना टेस्ट के कतई नहीं जारी किया जाएगा। साथ ही यह भी दावा किया गया कि तत्काल प्रभाव से आरटीओ परिसर में ही ड्राइविंग टेस्ट की वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाएगी। लेकिन इस आश्वासन के दस दिन बाद भी यहां ड्राइविंग टेस्ट की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कराई जा सकी है। हाल ये है कि बिना टेस्ट अभी भी टेस्ट की कीमत वसूल कर लाइसेंस जारी करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

पब्लिक को पढ़ा रहे पाठ

आदेश की धज्जियां उड़ाने के साथ ही यहां पब्लिक को जमकर बेवकूफ भी बनाया जा रहा है। बीते 12 सितंबर को कमिश्नर की फटकार के बाद से फोर व्हीलर लाइसेंस के लिए आने वालों को ड्राइविंग टेस्ट का पाठ पढ़ाकर लौटा दिया जा रहा है। लेकिन जो फाइलें बाबुओं की सेटिंग से आ रही हैं, उनमें बिना टेस्ट लिए ही अन्य औपचारिकताएं पूरी कर लाइसेंस जारी कर दिए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल खड़ा होना लाजमी है कि जब ड्राइविंग ट्रैक की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कराई गई तो किस आधार पर कुछ लोगों को फोर व्हीलर का लाइसेंस जारी कर दिया जा रहा है। जबकि जिन्हें वाकई फोर व्हीलर चलाना आता है, उन लोगों को तमाम औपचारिकताएं बताकर लौटा दिया जा रहा है।

छिपा रहे कारनामा

वहीं, जब आरटीओ अधिकारियों से बीते दस दिनों में जारी किए गए लाइसेंस के बारे में पूछा गया तो वे संख्या बताने की जगह प्रतिशत की बात करते दिखे। अधिकारियों के मुताबिक अब डीएल जारी करने में पूरी सख्ती बरती जा रही है। टू व्हीलर के लिए तो अधिकारियों के मुताबिक 99 प्रतिशत लाइसेंस जारी हो रहे हैं, लेकिन फोर व्हीलर के लिए महज 10 से 15 प्रतिशत ही लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। लेकिन जब यहां ड्राइविंग टेस्ट की कोई व्यवस्था ही नहीं है तो एक भी लाइसेंस किस आधार पर जारी किया जा रहा, इस बारे में अधिकारी चुप्पी साधए हुए हैं।

वर्जन

आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस में चल रहा खेल मेरे संज्ञान में है। इसके लिए प्रदेश के सभी आरटीओ से रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही मंडल के कमिश्नरों को भी आरटीओ की जांच करने का निर्देश दिया गया है।

- के रविंद्रनायक, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, यूपी