-डीडीयूजीयू में पकड़ा गया दो शातिर गर्ल्स स्टूडेंट्स का खेल, हॉस्टल फीस वाले चालान पर लगाया फर्जी मुहर, अलॉट करा लिया रूम
GORAKHPUR: सुर्खियों में रहने वाले डीडीयूजीयू में दो गर्ल स्टूडेंट्स ने बिना बैंक में निर्धारित फीस जमा किए हुए ही अलकनंदा हॉस्टल में रूम अलॉट करा लिया। फीस जमा में यूनिवर्सिटी को धोखा देने के लिए इन दोनों मिस-420 ने बैंक की फर्जी मुहर भी लगा दी और उसे यूनिवर्सिटी में जमा कर दिया। इनका खेल अब पकड़ में आया है। फीस कम मिलने पर यूनिवर्सिटी और बैंक अफसरों ने मिलकर एक-एक स्टूडेंट्स का फीस वेरीफाई किया तो ये फर्जीवाड़ा पकड़ आया है। वीसी ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। ।
चालान पर फर्जी मुहर
शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों छात्राओं के चालान रसीद पर फर्जी मुहर लगाई गई है। यही नहीं सिग्नेचर भी फर्जी किया गया है और फर्जी ढंग से फीस को जमा करने की कोशिश की गई। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है दोनों छात्राओं ने यूनिवर्सिटी को हॉस्टल फीस जमा करने के नाम पर झांसा दिया है। दोनों छात्राओं के गार्जियन से को मंगलवार यूनिवर्सिटी कॉल किया गया है।
मैनुअली जमा होती है फीस
गौरतलब है कि इन दिनों अलकनंदा हॉस्टल में फीस जमा कराई जा रही है। हॉस्टल में 100 से ज्यादा छात्राएं रहती हैं। नियमानुसार, छात्राओं का रूम एलॉटमेंट ऑनलाइन होता है, लेकिन फीस बैंक में मैनुअली जमा कराना होता है। हॉस्टल अलॉट कराने वाली स्टूडेंट्स के चालान को जब बैंक में वेरीफिकेशन के लिए भेजा गया तो पता चला कि दो पर फर्जी मुहर और सिग्नेचर है। ये जानकारी वार्डन डॉ। सुमित्रा तो वो हैरान रह गई। गौरतलब है कि बगैर वॉर्डन के सिग्नेचर के चालान फीस नहीं जमा हो सकती। माना जा रहा है कि स्टूडेंट्स ने उनका भी फर्जी सिग्नेचर बनाया है।
ये हुआ है खेल
यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों की मानें तो इस खेल में दोनों छात्राओं के पीछे किसी थर्ड पर्सन का हाथ हो सकता है। हो सकता है उसने फीस जमा में मदद के नाम पर कैश लिया हो और बाद में फर्जीवाड़ा किया हो। ये कारनामा स्टूडेंट्स ने किया है या उनके किसी सहयोगी ने, ये खुलासा तो अब जांच के बाद ही होगा। हालांकि इस मामले में दोनों पर गाज गिरनी तय है। हॉस्टल में जमा चालान को जब बैंक में वेरीफिकेशन के लिए भेजा गया तब जाकर मामला पकड़ में आया। बैंक प्रशासन ने फौरन यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर सेंटर को इसकी जानकारी दी कि इन दो छात्राओं की फीस बैंक को मिली ही नहीं है।
वर्जन
यह बेहद गंभीर मामला है। इस मामले में इन दोनों छात्राओं के पेरेंट्स को मंगलवार को बुलाया गया है।
-डॉ। सुमित्रा, वार्डन, डीडीयूजीयू, गोरखपुर
दो छात्राओं का मामला है। डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई किए जा रहे हैं। चालान रसीद पर लगी मुहर फर्जी समझ आ रही है।
-रंजीत, ब्रांच मैनेजर, इलाहाबाद डीडीयूजीयू ब्रांच, गोरखपुर