- 3 नवंबर को शाहपुर एरिया के बशारतपुर मोहल्ले में प्रॉपर्टी डीलर पर हमले का मामला
- एसटीएफ ने मीडिएटर दबोचे, शूटर्स की तलाश जारी
GORAKHPUR: शाहपुर एरिया के अशोक नगर बशारतपुर मोहल्ले में प्रॉपर्टी डीलर रत्नेश मिश्र पर हमला 19 लाख रुपए के लेनदेन के विवाद में हुआ था। रत्नेश के पुराने पार्टनर मुकेश जायसवाल और अजेंद्र श्रीवास्तव के कहने पर चंदन के करीबी ने सुपारी किलर्स को पांच लाख रुपए में हायर करके हमला कराया। पहली बार पांच गोली लगने पर बचे रत्नेश पर दोबारा हमले की योजना गढ़ी जा रही थी लेकिन एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने साजिश को बेनकाब कर दिया। शनिवार को एसटीएफ ने शूटर हायर करने वाले वीरेंद्र, हमले की सुपारी देने वाले मुकेश और अजेंद्र को एल्मुनियम फैक्ट्री के पास से अरेस्ट करके वारदात का पर्दाफाश किया। एसटीएफ के सीओ विकास चंद त्रिपाठी ने बताया कि बलिया के शातिर बदमाश छोटू चौबे और उसके सहयोगी गोरखपुर जिले के लालू दुबे की तलाश की जा रही है।
दफ्तर जाते समय दागी थी गोली
तीन नवंबर को प्रॉपर्टी डीलर रत्नेश मिश्र अपने सहयोगी के साथ दफ्तर जा रहे थे। अशोक नगर में बदमाशों ने उन पर गोलियां बरसाई। कार सवार बदमाश गोली दागकर फरार हो गए। पांच गोली लगने से घायल रत्नेश को छात्रसंघ चौराहा के एक अस्पताल में एडमिट कराया गया। अज्ञात बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज करके पुलिस जांच में जुटी थी। हमले में यूपी पुलिस की कस्टडी से फरार चल रहे 50 हजार के इनामी बदमाश चंदन सिंह का नाम आने पर एसटीएफ जांच में जुट गई। इस दौरान सामने आया कि चंदन सिंह के करीबी चिलुआताल एरिया के अहिरौली निवासी आलोक तिवारी उर्फ वीरेंद्र तिवारी के माध्यम से शूटर हायर किए गए थे।
उधार लिए थे लाखों
तफ्तीश में सामने आया कि वर्ष 2006 में मानीराम रेलवे गेट पर जंगल कौडि़या के पूर्व प्रमुख बृजेश यादव पर देशी बम से हमला हुआ था। इस मामले में एक पूर्व प्रमुख, उनके भाई, चंदन सिंह सहित अन्य के साथ आलोक तिवारी उर्फ वीरेंद्र तिवारी भी आरोपी था। एसटीएफ ने पड़ताल की तो पता लगा कि वीरेंद्र तिवारी का जुड़ाव अजेंद्र श्रीवास्तव और मुकेश जायसवाल उर्फ रेवती रमन से है। काफी पहले रत्नेश मिश्र के साथ मिलकर अजेंद्र और मुकेश प्रॉपर्टी डीलिंग करते थे। बाद में उनसे अलग होकर दोनों ने अपना कारोबार शुरू कर दिया। रुपए की जरूरत पड़ने पर दोनों ने रत्नेश से 19 लाख रुपए का उधार लिया। इसकी एवज में 32 लाख रुपए चुकाने को कहा। दोगुने फायदे के फेर में रत्नेश ने पुराने पार्टनर को उधार दे दिए। लेकिन बाद में लेनदेन को लेकर बात बिगड़ गई।
खर्च किए पांच लाख
आरोप है कि 32 लाख का भुगतान करने के बार रत्नेश बार-बार कह रहे थे। इससे परेशान होकर अजेंद्र और मुकेश ने आलोक उर्फ वीरेंद्र तिवारी से बात की। जटाशंकर तिराहे पर एक पूर्व जनप्रतिनिधि के घर आने जाने वाले बलिया निवासी शूटर छोटू चौबे और गोरखपुर के लालू दुबे को वीरेंद्र ने पांच लाख रुपए में हॉयर किया। ढाई लाख रुपए खुद रखकर वीरेंद्र ने शूटर्स के साथ मिलकर हमले का प्लान रच दिया। शाहपुर एरिया के संगम चौराहे पर स्थित एक भूमि को लेकर चंदन सिंह से रत्नेश की तकरार हुई थी। इसलिए वीरेंद्र ने इस वारदात में अहम किरदार निभाया। तीन नवंबर को रेकी करके रत्नेश पर गोलियां चलवाई। इस हमले में वह बच गए तो दोबारा हमले की योजना बनाई जा रही थी।
इनको किया अरेस्ट
- आलोक तिवारी उर्फ वीरेंद्र तिवारी, अहिरौली, चिलुआताल हाल मुकाम राजेंद्र नगर, ललितापुरम कॉलोनी
- गोरखनाथ एरिया के रसूलपुर निवासी मुकेश जायसवाल उर्फ रेवती रमन
- कैंपियरगंज एरिया के शिवलहिया निवासी अजेंद्र श्रीवास्तव हाल मुकाम न्यू कॉलोनी माधोपुर तिवारीपुर
यह सामान हुआ बरामद
दो तमंचा, छह मोबाइल फोन, चार कारतूस, पांच डेबिट कार्ड, वीरेंद्र तिवारी के नाम से ड्राइविंग लाइसेंस, तीन अलग- अलग पैन कार्ड
वर्जन
रुपए को लेकर रत्नेश से उनके पार्टनर के बीच विवाद चल रहा था। इस वजह से उन पर हमला कराया गया। शूटर्स की तलाश में पुलिस काम कर रही है। छोटू चौबे का बलिया में ठीकठाक क्रिमिनल रिकॉर्ड है।
विकास चंद त्रिपाठी, सीओ, एसटीएफ