गोरखपुर (ब्यूरो)। बल्कि आए दिन जमीन के नाम पर हो रही घटनाओं के आंकड़े इस हकीकत को बयां कर रहे हैं, जिसका नतीजा है कि सीएम का जनता दरबार हो या फिर पुलिस और प्रशासन का दफ्तर। दोनों ही जगहों पर सबसे अधिक फरियादी जमीन का ही मामला लेकर आ रहे हैं। ऐसे में आम पब्लिक के लिए जरूरी है कि वह जमीन लेने से पहले ठोक बजा कर चेक जरूर कर लें, नहीं तो फरियादियों की कतार में आपका भी नाम हो सकता है।
6 करोड़ की जमीन गटक गए बिल्डर
गुलरिहा बनगाई निवासी 70 वर्षीय अनिरूद्ध के पास सड़क किनारे 36 डिसमिल जमीन थी। अनिरूद्ध ने बताया कि उन्हें पैसे की जरूरत थी, इसलिए वह बिल्डरों के चक्कर में पड़ गए। उनका आरोप है कि भू माफिया राममनोहर तिवारी, शुभ बिल्टेक एंड डेवलपर्स के प्रोपराइटर्स हृदय नारायण सिंह, दुर्गविजय सिंह और रविंद्र प्रताप सिंह से जमीन का एक करोड़ आठ लाख रुपए में सौदा तय किया। साल 2028 में शुभ बिल्डटेक और डेवलपर्स प्रोपराइटर हृदयनरायण के पक्ष मुझसे रजिस्ट्री कराई गई, लेकिन पांच साल बाद भी पैसे नहीं मिले। अब यह लोग जान मारने की धमकी देते हैं। इस मामले में पुलिस ने जांच की, जिसमे घटना सही पाई गई, जिसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया।
जमीन के नाम पर 56.63 हड़पे
एम्स के कोनी में प्लाटिंग के नाम पर वीएन बाला जी बिल्डर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड फर्म के मालिक ने लोगों के 56.63 लाख रुपए हड़प लिए। जमीन नहीं मिलने पर महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर एक भैरोपुर के दीनदयाल समेत 23 लोगों ने एसपी नार्थ मनोज कुमार अवस्थी से शिकायत की। एसपी नार्थ ने मामले की जांच सीओ कैंट मानुष पारिक को दी। जांच में मामला सही पाया गया, जिसके बाद एम्स थाने में फर्म के मालिक योगेशमणि पर मुकदमा दर्ज किया गया।
बाराबंकी में जमीन दिलाने के नाम पर लाखों हड़पे
खोराबार के रानीडीहा निवासी खुर्शीद आलम के साथ बाराबंकी में जमीन दिलाने के नाम पर करीब 62 लाख रुपये की जालसाजी हुई। खुर्शीद का आरोप है कि जमीन के नाम पर रुपए लेकर हड़प लिए गए। अब रुपए वापस मांगने पर धमकी दी जा रही है। पुलिस ने खुर्शीद की तहरीर पर बाराबंकी, केडी रोड निवासी मोहम्मद आमिर और दो अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कर लिया है। सभी को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी और धमकी देने का आरोपी बनाया गया है।
खेत दिखाकर करोड़ों हड़पे
नौसड़ खजनी मार्ग पर शारदा सिटी के नाम से नई कॉलोनी बसाने का सपना दिखाकर 50 से अधिक लोगों के साथ ठगी हो गई। लोग कम दाम में जमीन पाने की लालच में प्रॉपर्टी डीलर को पैसा देते चले गए। बाद में पता चला कि एक ही खेत दिखाकर प्रॉपर्टी डीलर ने कई लोगों से पैसे उठा लिए थे। गोरखपुर के रुस्तमपुर ढाले के पास प्रॉपर्टी डीलर ने बाकायदा ऑफिस भी खोला था, जिसे अब बंद कर फरार हो गया। कैंट थाने में प्रॉपर्टी डीलर अक्षय मिश्रा पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
जीडीए अवैध कॉलोनियों को बसाने वाले कॉलोनाइजर्स पर अभियान चलाकर कार्रवाई करता है। पिछले कई महीनों से अभियान भी चल रहा है। अगर कोई अवैध कॉलोनी बसा कर धोखाधड़ी कर रहा है, तो लोगों को जीडीए को भी जानकारी देनी चाहिए।
किशन सिंह, एक्सईएन, जीडीए
जमीन खरीद रहे तो यह ध्यान दें
जिस भी योजना में जमीन खरीद रहे हैं। उसे जीडीए की ओर से अनुमति मिली है या नहीं।
बिल्डर या उसकी रियल एस्टेट फर्म के नाम पर बैनामा और खारिज दाखिल में कितनी जमीनों का दर्ज हुआ है।
जमीन का लैंडयूज किस टाइप में है। एनजीटी से कोई रोक-टोक तो नहीं है।