गोरखपुर (ब्यूरो)।गोरखपुर में इन दिनों ऐसे शातिर ठग एक्टिव हैं। जो पहले मोबाइल चुराते हैं फिर पासवर्ड तोड़कर उसमे एक्टिव अकाउंट से पैसे उड़ा दे रहे हैं। डिजिटल लेन-देन शुरू होने के बाद हर व्यक्ति का मोबाइल ही बैंक बन चुका है। हर कोई छोटी हो या बड़ी रकम मोबाइल में इंस्टाल एप फोन पे और गूगल पे, पेटीएम द्वारा आसानी से पेड कर दे रहा है। आइए जानते हैं शातिर ठग किस तरह जालसाजी कर रहे हैं और इससे बचने का उपाय क्या है।

मोबाइल पासवर्ड तोडऩे में एक्सपर्ट हैं ठग

अभी तक हम मोबाइल चोरों के बारे में जान रहे हैं। जो मोबाइल चुराकर या लूटकर उसे कम रेट में बेच देते हैं। अधिकतर केसेज में नशे के आदि लोग मोबाइल छिनने या चोरी करने में इनवॉल्व होते रहे हैं। लेकिन इधर ऐसे भी केसेज आ रहे हैं, जिसमे मोबाइल चोरी कर उसकी मदद से अकाउंट खाली कर दे रहे हैं। ये इतने शातिर हैं कि मोबाइल चुराने के बाद पासवर्ड भी आसानी से तोड़ लेते हैं।

केस - 1

मोबाइल चोरी कर निकाले एक लाख

कैंपियरगंज के बनभागलपुर निवासी के रहने वाले अमरजीत मौर्य, पत्नी के साथ वाराणसी दर्शन करने गए थे। दो जुलाई को वह घर लौट रहे थे। ट्रेन में उनका मोबाइल चोरी हो गया। घर पहुंचे तो पता चला कि उनके खाते से फोन पे के जरिए चार बार में एक लाख रुपए निकाल लिए। घटना की जानकारी अमरजीत ने कैंपियरगंज और साइबर सेल में दी। साइबर सेल की टीम ने तत्काल खाते से ट्रांसफर की गई रकम होल्ड कर दी। सर्विलांस की मदद से कुशीनगर निवासी अंकित प्रसाद को अरेस्ट किया। अंकित के पास से चोरी का मोबाइल भी बरामद हुआ।

केस - 2

स्कूटी का लॉक चटका कर निकाला मोबाइल

साइबर सेल के पास एक और मामला आया, जिसमे प्रतियोगी परीक्षा देने आई युवती का मोबाइल गायब चोरी कर पैसे निकाले गए। युवती ने बताया कि एग्जाम सेंटर में अंदर जाने से पहले उसने अपना मोबाइल गाड़ी की डिग्गी में रख दिया। बाहर आई तो डिग्गी का लॉक टूटा था और मोबाइल गायब था। बाद में पता चला कि मोबाइल के जरिए उसके अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर लिए गए हैं।

इस तरह बरतें सावधानी

- मोबाइल पासवर्ड स्ट्रांग रखें, घर या परिवार के नाम या डेट ऑफ बर्थ पर कतई ना रखें।

- मोबाइल का पासवर्ड और यूपीआईपी ऑटो सेव मोड में न डालें।

- फस्र्ट के साथ ही सेकेंड लॉक भी करें।

- मोबाइल किसी भी अननोन वाई फाई से न जोड़े।

- डाटा केवल कहीं भी लगाकर मोबाइल चार्ज ना करें।

- फाइंड माई डिवाइस को एक्टिव रखें।

- इमेल आईडी पर्सनल रहे इसे सार्वजनिक कतई ना करें।

- मोबाइल पर आए अननोल लिंक पर क्लिक कतई ना करें।

- मोबाइल पर आया कोई भी अप्लीकेशन इंस्टाल ना करें।

- मोबाइल फोन डिग्गी में ना रखें।

- मोबाइल का सिम भी लॉक रखें। जब भी कहीं मोबाइल रखें तो वहां स्वीच ऑफ कर दें।

ठगी के शिकार यहां करें तत्काल शिकायत

हेल्पलाइन नंबर- 1930

वेबसाइट- cybercrime.gov.in

एनड्रावयड मोबाइल में पासवर्ड हमेशा स्ट्रांग रखें। अब जब मोबाइल पर ही हर चीज अवेलबल है। इसलिए उसकी सुरक्षित भी रखना बहुत जरूरी है। एक बार मोबाइल खुल गया तो उसके अंदर जितने भी एप हैं उसका यूज बड़ी आसानी से जालसाज कर सकते हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि पब्लिक अवेयर हो।

संदीप सिंह, साइबर सेल, प्रभारी