- माइक्रो फाइनेंस कंपनी खोलकर लगाया जा रहा चूना
- जानकारी के अभाव में पब्लिक बन रही शिकार
<- माइक्रो फाइनेंस कंपनी खोलकर लगाया जा रहा चूना
- जानकारी के अभाव में पब्लिक बन रही शिकार
arun.kumar@inext.co.in
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जिले में माइक्रो फाइनेंस कंपनी खोलकर लोगों से ठगी करने की शिकायतों ने पुलिस की मुश्किल बढ़ा दी है। इनवेस्टमेंट में ज्यादा लाभ का झांसा देकर कंपनियों के संचालक लोगों को चूना लगा रहे हैं। जालसाजों के फेर में रुपए गंवाने वाले इंसाफ के लिए थानों का चक्कर लगा रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसी कंपनियों से जुड़ने के पहले पूरी पड़ताल करनी चाहिए।
केस एक:
घर से निकलना हुआ दुश्वार
गोलघर, सिनेमा रोड में माइक्रो फाइनेंस कंपनी का ऑफिस खोलकर संचालकों ने करीब क्0 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। कंपनी में बतौर एजेंट जुड़े साढ़े पांच सौ लोगों से पब्लिक का रुपया जमा कराकर संचालक फरार हो गए। एलआईसी के नाम पर लोगों को झांसा देने वाले संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। कस्टमर्स के रुपए जमा कराने वाली महिला एजेंट्स ने घर से निकलना बंद कर दिया है।
केस दो:
लोन दिलाने के बहाने ले गया रुपए
बड़हलगंज कस्बे में चिटफंड कंपनी खोलकर संचालकों ने सैकड़ों महिलाओं के साथ ठगी की। दो हजार महिलाओं को रोजगार के लिए लोन दिलाने का झांसा देकर कंपनी के संचालक ने सबको बेवकूफ बनाया। बुधवार की शाम महिलाओं ने बड़हलगंज थाना का घेराव करके प्रदर्शन किया। इसके बाद हरकत में आई पुलिस संचालक को खोजकर लाई। संचालक ने एक माह के भीतर सबके रुपए लौटाने का आश्वासन दिया।
केस-फ्
रुपए जमाकर भागे
सात फरवरी को हजारीपुर, खुनीपुर आदि मोहल्ले के सैकडों लोगों ने एक महिला और उसके जेठ पर संस्था में रुपए जमाकर कराकर भागने का आरोप लगाया था। इस मामले में कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
महिलाओं को बनाया एजेंट
हाल में हुए ये केसेज यह बताने के लिए काफी हैं कि किस तरह से ठगी की जा रही है। इन दोनों मामलों में सामने आया कि चिटफंड कंपनी खोलकर जालसाजों ने पब्लिक को चूना लगाया। शुरुआती दौर में आसानी से अधिक लाभ का भुगतान देकर कंपनी संचालकों ने अपने एजेंट्स और ग्राहकों की संख्या बढ़ाई। लोगों का भरोसा बढ़ने पर संचालक दगा देकर फरार हो गए। खास बात यह रही कि महिलाओं को झांसे लेकर एजेंट बनाया गया। आय बढ़ाने के लिए महिलाओं ने अपने परिचितों, रिश्तेदारों से रुपए जमा कराए। पुलिस से जुड़े से लोगों का कहना है कि इसके पहले भी जिले में फाइनेंस कंपनी के नाम पर लाखों रुपए की ठगी हुई थी। लेकिन कंपनी के व्यवसाय में सिर्फ बेरोजगार युवक जुड़े थे। लेकिन नए ट्रेंड में कंपनी संचालक ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जोड़ने पर जोर दे रहे हैं।
ये बरतें सावधानी
- किसी राष्ट्रीयकृत बैंक, भारत सरकार के आईआरडीए से प्रमाणित संस्थान में निवेश करें।
- भुगतान पर अधिक लाभ देने का झांसा देने वाले कंपनियों के बारे में खुद से जांच पड़ताल करें।
- चिट फंड वाली कंपनियों में एकाउंट खोलने के पहले उसके बारे में पूरी जानकारी जुटाएं
- किसी तरह के गड़बड़झाले की आशंका में पुलिस, प्रशासन, वित्त विभाग के विभागों में शिकायत दर्ज कराएं।
- चिटफंड व अन्य पैसा जमा कराने वाली कंपनी में पैसा जमा न करें।
- मोबाइल पर अज्ञात नंबर, बैंक अधिकारी से आने वाली कॉल का जवाब न दें। पूछने पर एटीएम का पासवर्ड, सीरियल नंबर हरगिज न बताएं।
- मोबाइल में लॉटरी एवं अन्य स्कीम से पैसा जीतनें के संबंध में मैसेज आने, कॉल आने पर संबंधित व्यक्ति के बताए खाता में पैसे न डालें।
- मोबाइल टावर लगाने के नाम पर पेपर में विज्ञापन आने पर उसके झांसे में न आएं। प्रतियोगी विज्ञापनों में एडवांस में पैसा न डाले।
- जेवर साफ करने वालों से कोई प्रकार जेवर साफ न कराएं।
वर्जन
जालसाजी करने वालों से सावधान रहकर बचा जा सकता है। अधिक लाभ के लालच में पड़कर किसी तरह का निवेश करना धोखे का सौदा हो सकता है। इसलिए ऐसी किसी चिटफंड कंपनी के चक्कर में न पड़े। इसके अलावा कई अन्य तरीके से ठगी की जा रही है। उनसे भी सतर्क रहने की जरूरत है।
अभय कुमार मिश्रा, सीओ क्राइम ब्रांच