- मकान मालिक ने शुरू कराई कक्षाएं
- करोड़ों रुपए लेकर फरार हो चुका है संचालक
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : ये शहर नहीं, अंधेर नगरी है। जितनी चाहे, मनमानी कर लीजिए। कोई रोकने-टोकने नहीं आएगा। शिकायत मिलेगी भी तो अफसर नजरें फेर लेंगे। कार्रवाई का दबाव बढ़ेगा तो गेंद अपने पाले से हटाकर दूसरे के पाले में फेंक रहे हैं। कुछ ऐसा ही खेल खेला जा रहा है सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल के मामले में। बिना किसी मान्यता के चल रहे स्कूल का संचालक जब सैकड़ों बच्चों की फीस लेकर फरार हुआ तो गार्जियंस के हंगामे पर पुलिस ने स्कूल संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी का मामला दर्ज कर लिया। असल कार्रवाई तो शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है, लेकिन अफसर मामला टालने में लगे हुए हैं। ट्यूज्डे को बिल्डिंग ओनर ने फिर स्कूल खुलवा दिया।
कब मिलेंगे इन सवालों के जवाब
1. क्या ये उन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं है जिनके मां-बाप अपने खून-पसीने की कमाई बतौर फीस देकर ऊंचे सपने देख रहे हैं?
2. क्या ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए जो कुकुरमुत्तों की तरह शहर में उग आए हैं और बिना मान्यता के चल रहे हैं?
3. क्या शिक्षा विभाग के अधिकारियों को ऐसे फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाने चाहिए?
4. क्या अफसरों के पल्ला झाड़ लेने से शिक्षा व्यवस्था का स्तर सुधरेगा?
5. अगर कोई स्कूल किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्ति का बैनर लगा कर शिक्षा का व्यवसाय कर रहा है तो बोर्ड की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती?
6. एक बार फर्जीवाड़ा होने के बाद क्या बिना मान्यता के स्कूल चलता रहेगा और प्रशासन आंखें मूंदे रहेगा?
अचानक स्कूल बंद होने से खुली पोल
बिहार के मोतीहारी, देईडीहा निवासी ओम प्रकाश चौधरी ने भगत चौराहा, कैलाशपुरी कॉलोनी में स्कूल खोला। किराये के मकान में तीन साल तक कक्षा एक से लेकर आठवीं तक स्कूल चलाता रहा। 31 जुलाई की सुबह गार्जियन बच्चों को स्कूल छोड़ने पहुंचे तो परेशान हो गए। पता लगा कि संचालक और उसके भाइयों ने स्कूल बंद कर दिया है। ताला लगाकर सब फरार हैं। लोगों ने भवन मालिक अरविंद कुमार गुप्ता को जानकारी दी। मकान मालिक ने गार्जियन को बताया कि उनका डेढ़ लाख रुपए किराया बकाया है। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामले में कार्रवाई नहीं की। दो दिनों तक लोग दौड़ते रहे। संडे को स्कूल पहुंचे गार्जियन ने जमकर बवाल काटा। पुलिस पहुंची तो स्कूल संचालक के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। खोराबार थाना में स्कूल संचालक के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया गया। तब पता लगा कि स्कूल के लिए कोई मान्यता नहीं ली गई थी। स्कूल संचालक फर्जी तरीके से सीबीएसई से जुड़े होने का दावा करते हुए पढ़ाई करा रहा था।
जांच के नाम पर कोरम पूरा करते रहे अफसर
संचालक के फरार होने के बाद पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन शिक्षा विभाग के अफसर नहीं जागे। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्कूल की मान्यता के संबंध में जांच की बात की। उन्होंने खोराबार के एबीएसए को जांच सौंप दी। जांच में सामने आया कि स्कूल ने मान्यता नहीं ली है। इसकी पुष्टि होने पर एबीएसए ने कह दिया कि पहले नोटिस दी गई थी, आगे सिर्फ पुलिस प्रशासन ही कार्रवाई कर सकता है। सीबीएसई बोर्ड का मामला होने से डीआईओएस ने पल्ला झाड़ लिया। सीबीएसई की जिला कोआर्डिनेटर ने किसी तरह की कार्रवाई से मना कर दिया।
गार्जियन की सहमति से ट्यूज्डे को खुल गया स्कूल
मंडे को स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के गार्जियन जुटे। लोगों ने फर्जीवाड़े के लिए मकान मालिक को भी जिम्मेदार ठहराया। मामला बिगड़ता देखकर बिल्डिंग मालिक ने स्कूल चलाने को कहा। मकान मालिक ने गार्जियन से कहा स्टाफ का खर्च, बिजली और स्टेशनरी का अगस्त माह का खर्च नहीं लिया जाएगा। अगले माह से फीस निर्धारित करके वसूली की जाएगी। इसके लिए कुछ गार्जियन ने भी सहमति दे दी। ट्यूज्डे को पुराने टीचर्स को बुलाकर पढ़ाई शुरू कराई गई। बिना मान्यता के स्कूल चलने से दोबारा बच्चों का फ्यूचर संकट में पड़ गया है। क्योंकि बिना मान्यता के स्कूल का संचालन नहीं हो सकता है। इसलिए बच्चों को किसी अन्य स्कूल में एडमिशन कराना पड़ेगा।
इस मामले में बीएसए जांच करा रहे हैं। उनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद हम लोग कार्रवाई करेंगे। बिना मान्यता के किसी स्कूल का संचालन बिल्कुल गलत है। हमें बताया गया है कि ट्यूज्डे से स्कूल में पढ़ाई शुरू कराई गई है।
एएन मौर्य, डीआईओएस
बिना मान्यता के स्कूल नहीं चल सकता है। पहले नोटिस दी जा चुकी है। स्कूल खुला तो उसको बंद करा दिया जाएगा।
ओम प्रकाश, बीएसए
कोई अधिकारी झांकने तक नहीं आया। गार्जियंस की सहमति से स्कूल खोला गया है। डीएम से मिलकर मान्यता दिलाने की मांग की जाएगी।
अरविंद कुमार गुप्ता, बिल्डिंग ओनर
स्कूल में फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। स्कूल से संबंधित जांच पड़ताल शिक्षा विभाग करेगा। शिक्षा विभाग से कोई अन्य तहरीर मिली तो संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।
रामाशीष यादव, एसओ खोराबार
स्कूल सीबीएसई से एफिलिएटेड नहीं था। इस मामले में प्रशासन को एक्शन लेना चाहिए, तभी ऐसे स्कूलों पर लगाम कसी जा सकेगी।
मीना अधमी, सिटी कोआर्डिनेटर, सीबीएसई
स्कूल संचालक का फरार होना पूरी तरह से क्रिमिनल प्रोसीडिंग है। उसके खिलाफ मुकदमा होना चाहिए। आगे स्कूल चलाने के लिए मान्यता लेना जरूरी है। इसके बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद कार्रवाई का निर्देश देंगे।
नलिनी कांत सिंह, एसडीएम सदर