गोरखपुर (ब्यूरो)। केंद्र सरकार ने पब्लिक को फ्री में स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए आयुष्मान भारत कार्ड की शुरुआत की थी, जिसमें हर कार्डधारक को पांच लाख रुपए तक के प्राइवेट हॉस्पिटल में फ्री इलाज की सुविधा मिलती है। लेकिन बीते कई दिनों से आयुष्मान कार्ड के जरिए फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
दूसरों के नाम पर बनवाए कार्ड
आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डॉ। एके सिंह ने बताया, कॉमन सर्विस सेंटर पर आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए 30 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। जिले के 100 से अधिक लोगों ने दूसरों के नाम पर अपने गोल्डन कार्ड बनवा लिए हैं। ये ऐसे लोग हैं, जिनके नाम आयुष्मान योजना के तहत सूची में थे। इन लोगों ने सीएससी की मदद से फर्जी तरीके से सही नामों का इस्तेमाल कर गोल्डन कार्ड बनवाए हैं। ऐसे लोगों के नाम सूची से काट दिए गए हैं। इसकी जानकारी भी लखनऊ हेडक्वार्टर को दे दी गई है।
नहीं ले सकेंगे लाभ
डॉ। एके सिंह ने बताया, जिन लोगों ने फर्जी तरीके से इलाज के लालच में गोल्डन कार्ड बनवा लिए हैं। वह लोग उसका लाभ नहीं ले सकेंगे। क्योंकि, उसका भुगतान आधार और आईडी के आधार पर प्राइवेट हॉस्पिटल में होता है। अगर ऐसा करते हुए पकड़े जाते हैं, तो उनके खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सीएससी के लोग अधिक रुपए लेकर बनवा रहे कार्ड
डॉ। एके सिंह ने बताया कि कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बरगला कर गोल्डन कार्ड बनवा रहे हैं। लोगों को पांच लाख रुपए के इलाज का लालच देकर फर्जी तरीके से उनके कार्ड बनवा दे रहे हैं। ऐसे लोगों की सूची भी तैयार की जा रही है। इनके खिलाफ साइबर सेल में शिकायत करते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
केस-1: गोपलापुर के रहने वाले सचिन्दर का गोल्डन कार्ड अन्य व्यक्ति के नाम से बन गया है। उन्होंने सीएमओ ऑफिस में इसकी कंप्लेन की है।
केस-2: शाहपुर एरिया के शिवपुर सहबाजगंज निवासी विनीत श्रीवास्तव का गलत तरीके से गोल्डन कार्ड बन गया है। उन्होंने इसकी कंप्लेन की है।
केस-3: अलहदादपुर निवासी प्रहलाद कुमार के गोल्डन कार्ड में गलत नंबर चढ़ गया है, जिसकी उन्होंने लिखित शिकायत की है।
केस-4: गोडऱी कौडिय़ा निवासी सोना देवी का गोल्डन कार्ड दूसरे व्यक्ति के नाम से बन गया है। उन्होंने इसकी शिकायत सीएमओ कार्यालय में की है।
केस-5: बनकटवा निवासी प्रेमशीला प्रजापति का भी गोल्डन कार्ड दूसरे के नाम से बना है। इसलिए उन्हें इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
केस-6: गोरखपुर के मतियारी निवासी तारा का गोल्डन कार्ड एक व्यक्ति के नाम से फर्जी तरीके से बनवा लिया है। इसकी कंप्लेन की है।
आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य-20,35,000
आयुष्मान कार्ड बनाए गए-5,23,000
पेशेंट्स को मिला लाभ-70,000
दूसरों के नाम पर फर्जी गोल्डन कार्ड बनवाने की सूचनाएं लगातार मिल रही हैं। ऐसे लोगों के नाम तत्काल कटवाए भी जा रहे हैं। इस मामले में अब सीएससी संचालकों और कार्ड बनवानों वालों के खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा।
डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ गोरखपुर