- शाहपुर थाने पहुंचे सौ से अधिक स्टूडेंट्स, तहरीर पर इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज
- कंपनी के ओनर और तीन कर्मचारी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:
रोजगार दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से हुई लाखों की ठगी के मामले में मामला दर्ज हो गया है। थर्सडे मार्निग विभिन्न जिलों से आए बेरोजगारों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी आफिस इंचार्ज एसके राय के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया। अभी कंपनी के ओनर समेत तीन लोगों की पुलिस को तलाश है। प्राइमरी इनवेस्टिगेशन में यह बात सामने आई है कि शाहपुर के राधिका कांप्लेक्स में सेवेन सीज शिपिंग कंपनी खोला। इसका हेड ऑफिस देवरिया जिले के भीखमपुर स्थित मुस्कान कांप्लेक्स में हेड ऑफिस बनाया गया था। इसका ओनर मुंबई के सेमुअल डेविड, इन बेरोजगारों का पैसा लेकर फरार हो गया है। शिपिंग कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर काफी दिनों से धोखाधड़ी का खेल चल रहा था, जिसका अब खुलासा हुआ।
गिरफ्तारी के बाद इंचार्ज ने खोला राज
सेवन सीज शिपिंग कंपनी का बोर्ड लगाकर ठगी का खेल काफी दिनों से चल रहा था। पैसा देने वाले कैडिडेट्स को जब काफी इंतजार के बाद भी नौकरी नहीं मिली, तो उसके बाद इसका खुलासा हुआ। इस मामले में गिरफ्तार किए गए आफिस इंचार्ज एसके राय ने पूछताछ के दौरान बताया कि देवरिया जिले में इसका हेड आफिस है। यहीं से दूसरे जिलों का काम भी देखा जाता है। गोरखपुर में इसकी ऑफिस चार माह पहले ही डाली गयी थी। कंपनी शिप और शिप यार्ड में नौकरी दिलाने के नाम पर प्रत्येक स्ट्डेंट से 8500 और विदेश के नाम पर 65000 रुपये लिए थे। उसने बताया कि कंपनी के मालिक सैमुअल डेविड, असिस्टेंट डायरेक्टर शामिनी मिश्रा और रामनाथ मौर्य की देखरेख में काम किया जाता था। कंपनी में कुल 11 कर्मचारी थे। इसमें टेली कॉलर्स के थ्रू स्टूडेंट्स को नौकरी के लिए मोटीवेट किया जा रहा था। वहीं आईआईटी समेत कई कॉलेजेज में काउंसिलिंग सेशन भी ऑर्गेनाइज किए गए थे।
गुस्साए स्टूडेंट्स ने तोड़ी होर्डिग
थर्सडे मार्निग गोरखपुर, बनारस, इलहाबाद, झारखंड, बिहार के सैकड़ों स्टूडेंट्स सेवन सीज शिपिंग कंपनी के दफ्तर पहुंचे। वहां उन्हें दफ्तर बंद मिला था, जिससे गुस्साए कैंडिडेट््स ने वहां लगी होर्डिग तोड़ दी। इसके बाद उन्होंने शाहपुर थाने का रुख किया। यहां आकर वह कंपनी के इंचार्ज से मिलने की कोशिश करने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने नहीं दिया। कैंडिडेट्स का कहना था कि अधिकांश स्टूडेंट कई कंपनियों में तैनात थे। शिपिंग वालों ने फोन करके जब भरोसा दिलाया और 25 हजार रुपये वेतन दिलाने की बात की, तो वह उनके झांसे में आ गए और इसकी वजह से उन्हें अपनी पहली नौकरी गंवानी पड़ी। नौकरी के नाम पर 1350 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया था। थाने पहुंचने वालों में रंजन तिवारी, अजय पांडेय, अनिल कुमार, विकास पांडेय, नीरज पाठक, राधे वर्मा, राम प्रताप सिंह, भाष्कर, विपिन शर्मा, बृजेश शर्मा, मृत्युंजय शर्मा, वीरेंद्र पांडेय, संदीप सिंह समेत सैकड़ों शामिल थे।