गोरखपुर (ब्यूरो)। वेबसाइट में प्रॉब्लम की वजह से बहुत स्टूडेंट्स फीस पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं। इसी बात का फायदा उठाकर फ्रॉड गैंग स्टूडेंट्स से एडमिशन और फीस पेमेंट के नाम पर ठगी कर रहा है। दो दिनों में दो स्टूडेंट्स इसके शिकार हो गए हैं।
यूनिवर्सिटी के बाहर घूम रहे फ्रॉड
यूनिवर्सिटी में इन दिनों एडमिशन के लिए दूर-दराज से स्टूडेंट्स आ रहे हैं। काउंसिलिंग में कई तरह के डॉक्युमेंट्स की जरूरत पड़ती है जिसे वे बाहर साइबर कैफे से फोटोकॉपी कराकर ले जाते हैं। ये ठग भी साइबर कैफे और दूसरी दुकानों के पास ही घूम रहे हैं। वहां पर वे स्टूडेंट या पेरेंट को परेशान देखकर उन्हें सलाह दे रहे हैं और फिर पैसे लेकर उनका काम कराने की बात कर रहे हैं।
फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें
- किसी भी अनजान व्यक्ति के बहकावे में न आएं।
- जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट को चेक करें।
- एडमिशन से रिलेटेड कोई प्रॉब्लम हो तो यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार अधिकारी को बताएं।
- कोई भी आदमी पैसे मांगे तो इसकी सूचना प्रॉक्टर ऑफिस और पुलिस को दें।
केस 1- एडमिशन के लिए मांगे 15 हजार
बेलघाट क्षेत्र की रहने वाली एससी कैटेगरी की स्टूडेंट ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी में बीए में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम दिया था। इसमें उसे 72 माक्र्स मिले। पहले व दूसरे राउंड की काउंसिलिंग में कटऑफ हाई रहने की वजह से उसे एडमिशन नहीं मिलाा। रेलवे स्टेशन रोड स्थित एक साइबर कैफे पर मौजूद युवक ने उसको 15 हजार रुपए लेकर एडमिशन दिलाने की बात कही। वह उसके झांसे में आ गई। गुरुवार वह अपने एक रिश्तेदार के साथ आर्ट फैकल्टी पहुंची। इस बीच युवती को मालूम चला कि एससी कैटेगरी का मेरिट गिर गया है और बिना रुपए दिए ही उसकी काउंसिलिंग हो जाएगी। इसके बाद युवक ने युवती के रिश्तेदार का मोबाइल अपने पास रख रुपए की मांग करने लगे।
केस 2- एडमिशन के नाम पर ठग ली फीस से ज्यादा रकम
यूनिवर्सिटी कैंपस में शुक्रवार को मां के साथ बीएससी बायो में एडमिशन लेने आई एक स्टूडेंट ठगी का शिकार हो गई। घटना तब हुई जब स्टूडेंट की मां ने केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के पास पहुंचकर एक युवक से एडमिशन के बारे में जानकारी लेनी चाही। युवक ने उसे बताया कि एडमिशन बंद हो चुका है तो वह महिला परेशान हो गई। उसकी परेशानी का उसने फायदा उठाया और निर्धारित फीस से 1000 रुपए अधिक देने पर एडमिशन दिला देने की बात कही। महिला ने बताया कि फीस की रकम उसकी जानकारी में 3200 रुपए है तो उसने 4200 रुपए की मांग की। महिला ने उसे तत्काल उसे वह रकम दे दी और एडमिशन फॉर्म भी उसे सौंप दिया। युवक कुछ देर के लिए वहां से गया और लौटने के बाद पेड लिखा फॉर्म महिला को इस आश्वासन के साथ दे दिया कि एडमिशन हो गया। महिला ने उस फार्म को एक टीचर से दिखाया तो उन्होंने बताया कि एडमिशन का यह प्रोसेस ही नहीं है, वह ठगी का शिकार हो गई हैं।
स्टूडेंट्स से कोई भी व्यक्ति एडमिशन कराने के लिए पैसे मांगे तो इसकी सूचना तत्काल प्रॉक्टर ऑफिस में दें। एडमिशन मेरिट के क्रम और सीट उपलब्धता के आधार पर होता है। वे किसी के भी बहकावे में न आवें और एडमिशन से संबंधित जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी की वेबसाइट को चेक करते रहें।
- डॉ। सत्यपाल सिंह, चीफ प्रॉक्टर