- जूनियर हाईस्कूल में दो टीचर का मामला
- लंबे समय से चल रहा था खेल, जांच में खुल रही पोल
KHAJNI: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अध्यापक का मामला जोर पकड़ रहा है। सोने का अंडा देने वाली मुर्गी वाली कहावत चरितार्थ हुई। रोज सोने का अंडा लेने के बजाय मुर्गी को हलाल करने से फर्जीवाड़े का भांडा फूट गया। बीएसए का कहना है कि जांच-पड़ताल की जा रही है।
वेतन बंद होने पर हुई शिकायत
खजनी ब्लॉक में पूर्व माध्यमिक विद्यालय कुईकोल में तैनात एक टीचर के नाम पर दो बैंक एकाउंट हैं। एक एकाउंट खजनी की एसबीआई ब्रांच में खोला गया है तो दूसरा मोहद्दीपुर में है। दो माह पूर्व एक टीचर ने दावा किया कि उनकी जगह नकली टीचर को वेतन दिया जा रहा है। इससे विभागीय अफसरों के होश उड़ गए। जांच में सामने आया कि एक टीचर असली हैं तो दूसरे नकली हैं। एक ने सामने आकर शिकायत दर्ज करा दी है लेकिन दूसरे मास्टर साहब धार्मिक यात्रा की दो माह की छुट्टी लेकर गए हैं। फर्जीवाड़ा सामने आने पर अफसरों ने वेतन भुगतान पर रोक लगा दी।
कौन ले रहा था रुपए
विभागीय से जुड़े लोगों का कहना है कि एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है। दूर-दराज एरिया में पोस्टिंग कराने के बाद कुछ लोग बेजा फायदा उठा रहे हैं। स्कूल न जाने वाले अध्यापकों से इसकी कीमत वसूली जाती है। खजनी एरिया हुए गोलमाल में चालाकी से खेल बिगड़ गया। विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि फर्जीवाड़े में स्कूल न जाने वाले टीचर से हर महीने पांच-पांच हजार की वसूली हो रही थी, लेकिन बाद में पूरी तरह से गोलमाल होने लगा। दूसरा एकाउंट खोलकर भुगतान शुरू करा दिया गया। दूसरे एकाउंट में भुगतान होने से फर्जीवाड़े की कहानी सामने आई।
जांच पूरी होने पर सही बात सामने आ सकेगी। धार्मिक यात्रा पर गए टीचर अभी लौटे नहीं है। उनके वापस आने पर हकीकत सामने आ जाएगी।
ओम प्रकाश यादव, बीएसए