गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर स्थित एटीएस दफ्तर में ही मुर्तजा को रखकर टीम पूछताछ कर रही है। सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे के निर्देश पर अनरजिस्टर्ड हॉस्पिटल के खिलाफ अभियान चला। एडिशनल सीएमओ डॉ। एएन प्रसाद, डिप्टी सीएमओ डॉक्टर एके सिंह, वरिष्ठ सहायक उपेन्द्र मणि त्रिपाठी और मृत्युन्जय पाण्डेय की अगुवाई में बनी टीम ने सोनबरसा क्षेत्र में दो अस्पतालों की जांच की। सोनबरसा के रामूडीहा में रोशनी चिकित्सालय पर टीम पहुंची। यहां पर दो मरीज भर्ती मिले। कोई डॉक्टर नहीं मिला। अस्पताल के बोर्ड पर एक डॉक्टर का नाम लिखा मिला। अस्पताल में दो कर्मचारी मिले। जो जांच टीम को देखकर सकपका गए। कर्मचारी टीम को अस्पताल के पंजीकरण से जुड़े कोई कागजात नहीं दिखा सके। उन्होंने बताया कि अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं है। जिसके बाद अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर और पैथोलॉजी को सील कर दिया गया। टीम ने अस्पताल के कर्मचारियों को ताकीद किया गया कि मरीजों के डिस्चार्ज होने के बाद वार्ड को भी बंद कर दिया जाए।
हॉस्पिटल में युवक मिला
जब टीम रामूडीहा में आरोग्यदीप अस्पताल पहुंची। इस अस्पताल में दो मरीज भर्ती रहे। दोनों रोड एक्सीडेंट में घायल हुए थे। अस्पताल में एक युवक मिला। पहले उसने टीम को बताया कि वह एमबीबीएस डिग्री होल्डर है। संदेह होने पर एडिशनल सीएमओ ने युवक से पढ़ाई के बाबत कुछ सवाल पूछे। इसके बाद वह युवक अस्पताल के पिछले दरवाजे से भाग गया। अस्पताल के कर्मचारी कोई पेपर नहीं दिखा सके। इस अस्पताल के बाहर एक बोर्ड मिला। जिस पर दर्जनभर डॉक्टरों के नाम लिखे हुए हैं। विभाग अब इन डॉक्टरों से भी जानकारी हासिल करेगा।
मोहद्दीपुर में भी किया गया हॉस्पिटल सील
इस अभियान के दौरान मोहद्दीपुर में पावरग्रिड के पास स्थित न्यू तिरुपति हॉस्पिटल को भी सील कर दिया गया। इस हॉस्पिटल को लेकर किसी ने डीएम से शिकायत की थी। डीएम ने सीएमओ को मामले की जांच सौंपी थी। हॉस्पिटल में कोई मरीज नहीं मिला। यहां पर दो कर्मचारी मिले। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं होते हैं। अभी अस्पताल के पंजीकरण के लिए आवेदन करना है। इस पर एडिशनल सीएमओ ने अस्पताल को सील कर दिया। उन्होंने कहा कि पंजीकरण पूरा करने के बाद ही अस्पताल का संचालन शुरू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह अभियान अब समय-समय पर चलेगा। इसमें अपंजीकृत अस्पतालों और जांच केंद्रों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।